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चित्तौड़गढ़: सर्दी में जरूरतमंदों को राहत दे रहे हैं रैन बसेरे, हर वर्ग उठा रहा लाभ - चित्तौड़गढ़ में रैन बसेरे

चित्तौड़गढ़ में श्रमिकों तथा बाहर से आने वाले लोगों को नगर परिषद के रैन बसेरे राहत दे रहे हैं. नगर परिषद की ओर से यहां आने वाले लोगों को बिस्तर दिए जाते हैं. वहीं, ज्यादा सर्दी की स्थिति में अलाव की व्यवस्था भी उपलब्ध रहती है.

Chittorgarh News, चित्तौड़गढ़ में रैन बसेरे,  night shelters in chittorgarh
चित्तौड़गढ़ में लोगों को राहत दे रहे रैन बसेरे
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Published : Feb 7, 2021, 11:38 AM IST

चित्तौड़गढ़. गर्मी के साथ चित्तौड़गढ़ में सर्दी का असर भी किसी से छुपा नहीं है. पिछले कई दिनों से हाड़कंपाती सर्दी ने जनजीवन को झकझोर दिया है. ऐसे में आस-पास से आने वाले श्रमिकों तथा बाहर से आने वाले लोगों को नगर परिषद के रैन बसेरे राहत दे रहे हैं. हालांकि ये अस्थाई व्यवस्था है, लेकिन यहां लोगों को ना केवल सोने के लिए बिस्तर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में जरूरतमंदों के लिए यह रैन बसेरे खासे उपयोगी साबित हो रहे हैं. इनकी उपयोगिता का अंदाजा यहां आने वाले लोगों की संख्या से लगाया जा सकता है. इस भयंकर सर्दी में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.

पढ़ें: किसानों और पशुपालकों की खुशहाली का बजट में ध्यान रखेंगे: CM गहलोत

नगर परिषद ने नवंबर में ही रैन बसेरा खोल दिया था. रोडवेज बस स्टैंड, पन्नाधाय बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के साथ-साथ चंदेरिया में भी रेन बसों की व्यवस्था की गई. इनमें सबसे अधिक रोडवेज बस स्टैंड रेन बसेरा राहत देता दिखाई दे रहा है. कनेक्टिविटी के लिहाज से श्रमिकों से लेकर जरूरी कामकाज से आने वाले गरीब वर्ग के लोगों के लिए सबसे अधिक राहत भरा साबित हो रहा है. रोडवेज स्टैंड पर ही इंदिरा रसोई योजना की भोजनशाला भी संचालित है. ऐसे में सस्ते में भोजन के साथ लोगों को सोने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता और पास ही ये सुविधा उपलब्ध हो जाती है. रेन बसेरा के आंकड़े बताते हैं कि यहां प्रतिदिन 50 से लेकर 60 लोग पहुंच रहे हैं, जिनमें 10 से लेकर 15 महिलाएं भी शामिल है.

चित्तौड़गढ़ में लोगों को राहत दे रहे रैन बसेरे

नगर परिषद की ओर से यहां आने वाले लोगों को बिस्तर दिए जाते हैं. वहीं, ज्यादा सर्दी की स्थिति में अलाव की व्यवस्था भी उपलब्ध रहती है. व्यवस्थाओं के लिए बकायदा वो कर्मचारी भी लगाए गए हैं, जो कि व्यवस्थाओं को बनाए रखते हैं. मंदसौर से आए राम सिंह ने बताया कि वो अपनी मां को हॉस्पिटल लेकर आए थे. शाम को हॉस्पिटल से यहां पहुंच जाते हैं. व्यवस्थाओं के साथ ही कर्मचारियों का व्यवहार भी अच्छा है. ऐसे में पिछले तीन-चार दिन से पहुंच रहे हैं.

पढ़ें: जोधपुर में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की प्रीमैच्योर डिलीवरी, 55 वर्षीय आरोपी गिरफ्तार

वहीं, रामेश्वर लाल कहना है कि किसी काम के लिए वो चित्तौड़गढ़ आए. हाथी सत्य में खाना भी मिल जाता है. ऐसे में रैन बसेरा उनके लिए कारगर साबित हो रहा है. रैन बसेरे के सुपरवाइजर के अनुसार जरूरतमंदों के लिए वो लोग उनके लिए चाय और इंदिरा रसोई से भोजन की व्यवस्था भी करवा देते हैं. पिछले 2 महीने से बड़ी संख्या में लोग रैन बसेरा पहुंच रहे हैं. व्यवस्थाओं को लेकर किसी को भी कोई दिक्कत नहीं आए, हम हमेशा प्रयासरत रहते हैं.

चित्तौड़गढ़. गर्मी के साथ चित्तौड़गढ़ में सर्दी का असर भी किसी से छुपा नहीं है. पिछले कई दिनों से हाड़कंपाती सर्दी ने जनजीवन को झकझोर दिया है. ऐसे में आस-पास से आने वाले श्रमिकों तथा बाहर से आने वाले लोगों को नगर परिषद के रैन बसेरे राहत दे रहे हैं. हालांकि ये अस्थाई व्यवस्था है, लेकिन यहां लोगों को ना केवल सोने के लिए बिस्तर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में जरूरतमंदों के लिए यह रैन बसेरे खासे उपयोगी साबित हो रहे हैं. इनकी उपयोगिता का अंदाजा यहां आने वाले लोगों की संख्या से लगाया जा सकता है. इस भयंकर सर्दी में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.

पढ़ें: किसानों और पशुपालकों की खुशहाली का बजट में ध्यान रखेंगे: CM गहलोत

नगर परिषद ने नवंबर में ही रैन बसेरा खोल दिया था. रोडवेज बस स्टैंड, पन्नाधाय बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के साथ-साथ चंदेरिया में भी रेन बसों की व्यवस्था की गई. इनमें सबसे अधिक रोडवेज बस स्टैंड रेन बसेरा राहत देता दिखाई दे रहा है. कनेक्टिविटी के लिहाज से श्रमिकों से लेकर जरूरी कामकाज से आने वाले गरीब वर्ग के लोगों के लिए सबसे अधिक राहत भरा साबित हो रहा है. रोडवेज स्टैंड पर ही इंदिरा रसोई योजना की भोजनशाला भी संचालित है. ऐसे में सस्ते में भोजन के साथ लोगों को सोने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता और पास ही ये सुविधा उपलब्ध हो जाती है. रेन बसेरा के आंकड़े बताते हैं कि यहां प्रतिदिन 50 से लेकर 60 लोग पहुंच रहे हैं, जिनमें 10 से लेकर 15 महिलाएं भी शामिल है.

चित्तौड़गढ़ में लोगों को राहत दे रहे रैन बसेरे

नगर परिषद की ओर से यहां आने वाले लोगों को बिस्तर दिए जाते हैं. वहीं, ज्यादा सर्दी की स्थिति में अलाव की व्यवस्था भी उपलब्ध रहती है. व्यवस्थाओं के लिए बकायदा वो कर्मचारी भी लगाए गए हैं, जो कि व्यवस्थाओं को बनाए रखते हैं. मंदसौर से आए राम सिंह ने बताया कि वो अपनी मां को हॉस्पिटल लेकर आए थे. शाम को हॉस्पिटल से यहां पहुंच जाते हैं. व्यवस्थाओं के साथ ही कर्मचारियों का व्यवहार भी अच्छा है. ऐसे में पिछले तीन-चार दिन से पहुंच रहे हैं.

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वहीं, रामेश्वर लाल कहना है कि किसी काम के लिए वो चित्तौड़गढ़ आए. हाथी सत्य में खाना भी मिल जाता है. ऐसे में रैन बसेरा उनके लिए कारगर साबित हो रहा है. रैन बसेरे के सुपरवाइजर के अनुसार जरूरतमंदों के लिए वो लोग उनके लिए चाय और इंदिरा रसोई से भोजन की व्यवस्था भी करवा देते हैं. पिछले 2 महीने से बड़ी संख्या में लोग रैन बसेरा पहुंच रहे हैं. व्यवस्थाओं को लेकर किसी को भी कोई दिक्कत नहीं आए, हम हमेशा प्रयासरत रहते हैं.

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