चित्तौड़गढ़. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से पिछले सालों में की गई कार्रवाइयों के दौरान जब्त अवैध मादक पदार्थों का शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ में निस्तारण किया गया. चंदेरिया स्थित सीमेंट फैक्ट्री में भारी पैमाने पर मादक पदार्थों को जलाकर निस्तारित किया गया.
नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से करीब ढाई दशक पहले यह मादक पदार्थ पकड़ा गया था. निस्तारित किए गए मादक पदार्थों की बाजार कीमत लगभग 13 करोड़ से ज्यादा मानी गई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कोटा के उप आयुक्त विकास जोशी ने बताया कि लंबे समय से कोटा सहित राजस्थान के विभिन्न कार्यालयों में जब्त किया गया मादक पदार्थ पड़ा हुआ था. इसके अलावा माल खाने भी पूरी तरह से भरे हुए थे, जिससे नया माल रखने में अधिकारियों को दिक्कत आ रही थी. कोटा के साथ राजस्थान इकाई के अन्य कार्यालय की ओर से यह मादक पदार्थ जब्त किया गया था, जिसे डिस्पोज करने के लिए ड्रग डिस्पोजल कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद कमेटी की देखरेख में मादक पदार्थ बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड चंदेरिया सीमेंट फैक्ट्री ले जाया गया.
पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ में पुलिस ने पकड़ा 5 लाख की कीमत का ड्रग्स, तस्कर वैन छोड़कर फरार
यहां सीमेंट फैक्ट्री की भट्टी में मादक पदार्थों को जलाकर नष्ट किया गया. इनमें 26 हजार 857 किलोग्राम डोडा चुरा, 2 किलो 50 ग्राम हेरोइन और 8 किलो 200 ग्राम गांजा शामिल है. यह नशे की खेप लगभग 1996 के आसपास 6 प्रकरणों में पकड़ी गई थी. समय के साथ इनकी सेल्फ लाइफ खत्म हो जाती है और धीरे-धीरे पाउडर में तब्दील हो जाती है. उप आयुक्त विकास जोशी ने बताया कि जिस समय यह मादक पदार्थ पकड़ा गया, उस समय उसकी अनुमानित कीमत करीब 50 लाख रुपए थी, लेकिन वर्तमान रेट के हिसाब से इसकी कीमत करीब 13 करोड़ रुपए के आसपास है. मादक पदार्थ डिस्पोजल के दौरान कमेटी पदाधिकारियों के अलावा ब्यूरो के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.