चित्तौड़गढ़. मुख्यमंत्री जन आवास योजना में बनाए गए मकानों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी. जिसके बाद जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा शनिवार को निरीक्षण पर पहुंचे. लोगों का विरोध खुल कर सामने आ गया. वहीं नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता ने भी माना की मकान रहने योग्य नहीं (Mukhyamantri Jan Awas Yojana Chittorgarh) है.
चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर गांधीनगर क्षेत्र में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के अंतर्गत 496 मकानों का फ्लैट का निर्माण 7 साल पहले शुरू हुआ था लेकिन अब तक यह पूरा नहीं हो पाया है. लोग लगातार आवंटी परेशानियों को लेकर शिकायत कर रहे हैं. जिनको कब्जे देने की बात तय हुई थी. वे लोग लगातार परेशान हैं कि डीपीआर में जो चीजें थी, उनका धरातल से कोई लेना देना नहीं है. इसके बावजूद उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही (houses of CM Awas Yojana Chittorgarh) है.
वहीं आवंटियों ने शुक्रवार को चितौड़गढ़ जिला कलेक्टर तारचन्द मीणा को शिकायत की. इस पर जिला कलेक्टर शनिवार को ही निरीक्षण करने पहुंच (Inspection of Chittorgarh Collector) गए. इस दौरान नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता भी साथ थी. निरीक्षण के बाद जब पहले आयुक्त से जानकारी ली तो वे जवाब देने को भी तैयार नहीं हुई. जब बार-बार पूछा गया तो नगर परिषद के जरिए बनवाए गए इन मकानों को लेकर नगर परिषद के आयुक्त रिंकल गुप्ता का भी मानना है कि यह मकान रहने योग्य नहीं हैं. इसलिए संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किए गए हैं. जब जिला कलेक्टर की ओर से थर्ड पार्टी निरीक्षण की बात कही जा रही है तो कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही आवंटन हो पाएगा. ऐसे में साफ है कि एक और लोगों को मकान नहीं मिल पा रहे हैं.
दूसरी ओर अब नई कमेटी की जांच करवाने की बात सामने आई है. ऐसे में गरीब के आशियाने का सपना कब पूरा हो पाएगा, इसकी गारंटी कोई देने को तैयार नहीं है. ऐसे में आशियाने का सपना लिए लोगों का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है. लाखों रुपए लगाने के बाद भी लोगों को आशियाने नहीं मिल पा रहे हैं.