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मकर संक्रांति से माघ पूर्णिमा तक राम मंदिर निर्माण के लिए होगा धन संग्रह, 11 करोड़ परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य

श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनाने की तैयारी जोरों पर है. इसके लिए विश्व हिंदू परिषद मकर संक्रांति से लेकर माघ पूर्णिमा तक देश भर के 11 करोड़ परिवारों को जोड़ने के उद्देश्य से एक व्यापक निधि समर्पण अभियान शुरू करेगा. जिसकी जानकारी विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री (राजस्थान व गुजरात) गोपाल ने दी.

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श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चलेगा निधि समर्पण अभियान
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Published : Dec 25, 2020, 4:42 PM IST

चित्तौड़गढ़. 500 साल के संघर्ष के बाद श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. श्रीराम मंदिर हिंदू धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद मकर संक्रांति से लेकर माघ पूर्णिमा तक देश भर के 11 करोड़ परिवारों को जोड़ने के उद्देश्य से एक व्यापक निधि समर्पण अभियान शुरू करेगा. ये बात चित्तौड़गढ़ में पत्रकार वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री (राजस्थान व गुजरात) गोपाल ने कही.

उन्होंने कहा कि आज पवित्र गीता जयंती के शुभ दिन भगवान कृष्ण की आराधना करने वाली मीराबाई पवित्र भूमि पर गीता का संदेश कर्मयोग हर हिंदू को कर्मपथ पर प्रेरित करता है. ई.स. 1528 से श्रीराम जन्मभूमि पर कलंक समान बाबरी ढांचा को हटाने का प्रयास आखिरकार आज गीता जयंती यानी 6 दिसंबर 1992 को फलीभूत हुआ. ढांचा को भक्तों की ओर से देश और दुनिया के नक्शे से मिटा दिया गया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में अपना अंतिम फैसला सुनाया, जिसमें श्रीराम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया. इसके साथ ही सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ : जेल प्रशासन में व्यवस्था सुधारने की मांग को लेकर बंदी भूख हड़ताल पर...कारागार प्रशासन का दावा-तलाशी अभियान है बंदियों की परेशानी

उन्होंने कहा कि एक भव्य मंदिर के निर्माण के उद्देश्य से पूरे देश के लोगों को भगवान श्रीराम से जोड़ने का दुनिया का सबसे बड़ा संपर्क अभियान शुरू किया जाना है. 15 जनवरी मकर संक्राति से लेकर 27 फरवरी संत रविदास जयंती और माघ पूनम तक चलने वाला यह अभियान दुनिया का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान होगा. पहले हमारा लक्ष्य 4 लाख गांवों, 11 करोड़ परिवारों और 50 करोड़ हिंदुओं तक पहुंचना था, लेकिन जब प्रांतीय समितियों के साथ बैठकें हुईं और अकल्पनीय उत्साह देखा गया.

जिसके बाद ये लक्ष्य बढ़ कर 5, 23, 395 गांवों तक पहुंच गया, जबकि कुल गांवों की संख्या 6.5 लाख ही है. 13 करोड़ परिवारों और 65 करोड़ हिंदुओं का संपर्क करना तय हुआ है. जन जन के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा. इसके लिए देश भर में 10 लाख टोली बनाइ गई हैं, जिसमें 40 लाख कार्यकर्ता संपर्क कार्य में शामिल होंगे. 10, 100, 1000 रूपए के कूपन और रसीद लेकर गरीब से लेकर संपन्न परिवार तक उनके शक्ति और श्रद्धा भक्ति के अनुसार सबसे सहयोग प्राप्त करेंगे. ये अभियान अब तक दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा संपर्क अभियान होगा.

उन्होंने बताया कि राजस्थान में 15 जनवरी से निधि समर्पण अभियान शुरू किया जाएगा. इसके लिए राज्य के हर शहर में विशेष अभियान कार्यालय भी शुरू किए गए हैं और जिला स्तर पर श्रीराम मंदिर निधि समर्पण समितियों की रचना भी हुई है. इसमें विभिन्न संप्रदायों के सम्मानित संत और समाजसेवी सज्जन शामिल हैं. श्रीराम मंदिर के निर्माण में शामिल होने के लिए देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान के नागरिकों और परिवारों को भी शामिल होने का आह्वान करते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोपाल ने कहा कि राजस्थान के सभी गांवों और नगरीय बसतीयों का शत प्रतिशत परिवारों तक पहोचने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ : दो परिवारों को समाज से बहिष्कृत करने वाले 9 पंच गिरफ्तार...कोर्ट में होगी पेशी

इस मंदिर के निर्माण के साथ ही रामराज्य की यात्रा प्रारंभ हो जाएगी. ये अभियान रामराज्य के लिए एक लॉन्चिंग पैड साबित होगा. मंदिर का निर्माण अगले तीन वर्षों में पूरा हो जाएगा और 2023 के अंत तक मंदिर के शिखर पर एक भव्य भगवा पताका लहराएगी. परिणाम स्वरूप ये सहस्राब्दी राम की सहस्राब्दी होगी, चारों ओर राम के आदर्श पर चलने की प्रेरणा होगी और हम सभी रामराज्य की ओर बढ़ने की दिशा में एक सार्थक कदम उठाएंगे.

उन्होंने कहा कि इस अभियान संपूर्ण भारतभर रामभक्ति, राष्ट्रभक्ति का भाव जगाएगा, परिणाम स्वरुप श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ सशक्त भारत का उदय होगा. पत्रकार वार्ता में चित्तौड़गढ़ प्रांत के अध्यक्ष फतेहचंद, प्रांत मंत्री और श्री राम मंदिर निर्माण के प्रांत प्रमुख कौशल गौड़, चित्तौड़गढ़ प्रांत संरक्षक ओम प्रकाश भी मौजूद रहे.

चित्तौड़गढ़. 500 साल के संघर्ष के बाद श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. श्रीराम मंदिर हिंदू धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद मकर संक्रांति से लेकर माघ पूर्णिमा तक देश भर के 11 करोड़ परिवारों को जोड़ने के उद्देश्य से एक व्यापक निधि समर्पण अभियान शुरू करेगा. ये बात चित्तौड़गढ़ में पत्रकार वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री (राजस्थान व गुजरात) गोपाल ने कही.

उन्होंने कहा कि आज पवित्र गीता जयंती के शुभ दिन भगवान कृष्ण की आराधना करने वाली मीराबाई पवित्र भूमि पर गीता का संदेश कर्मयोग हर हिंदू को कर्मपथ पर प्रेरित करता है. ई.स. 1528 से श्रीराम जन्मभूमि पर कलंक समान बाबरी ढांचा को हटाने का प्रयास आखिरकार आज गीता जयंती यानी 6 दिसंबर 1992 को फलीभूत हुआ. ढांचा को भक्तों की ओर से देश और दुनिया के नक्शे से मिटा दिया गया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में अपना अंतिम फैसला सुनाया, जिसमें श्रीराम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया. इसके साथ ही सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ : जेल प्रशासन में व्यवस्था सुधारने की मांग को लेकर बंदी भूख हड़ताल पर...कारागार प्रशासन का दावा-तलाशी अभियान है बंदियों की परेशानी

उन्होंने कहा कि एक भव्य मंदिर के निर्माण के उद्देश्य से पूरे देश के लोगों को भगवान श्रीराम से जोड़ने का दुनिया का सबसे बड़ा संपर्क अभियान शुरू किया जाना है. 15 जनवरी मकर संक्राति से लेकर 27 फरवरी संत रविदास जयंती और माघ पूनम तक चलने वाला यह अभियान दुनिया का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान होगा. पहले हमारा लक्ष्य 4 लाख गांवों, 11 करोड़ परिवारों और 50 करोड़ हिंदुओं तक पहुंचना था, लेकिन जब प्रांतीय समितियों के साथ बैठकें हुईं और अकल्पनीय उत्साह देखा गया.

जिसके बाद ये लक्ष्य बढ़ कर 5, 23, 395 गांवों तक पहुंच गया, जबकि कुल गांवों की संख्या 6.5 लाख ही है. 13 करोड़ परिवारों और 65 करोड़ हिंदुओं का संपर्क करना तय हुआ है. जन जन के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा. इसके लिए देश भर में 10 लाख टोली बनाइ गई हैं, जिसमें 40 लाख कार्यकर्ता संपर्क कार्य में शामिल होंगे. 10, 100, 1000 रूपए के कूपन और रसीद लेकर गरीब से लेकर संपन्न परिवार तक उनके शक्ति और श्रद्धा भक्ति के अनुसार सबसे सहयोग प्राप्त करेंगे. ये अभियान अब तक दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा संपर्क अभियान होगा.

उन्होंने बताया कि राजस्थान में 15 जनवरी से निधि समर्पण अभियान शुरू किया जाएगा. इसके लिए राज्य के हर शहर में विशेष अभियान कार्यालय भी शुरू किए गए हैं और जिला स्तर पर श्रीराम मंदिर निधि समर्पण समितियों की रचना भी हुई है. इसमें विभिन्न संप्रदायों के सम्मानित संत और समाजसेवी सज्जन शामिल हैं. श्रीराम मंदिर के निर्माण में शामिल होने के लिए देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान के नागरिकों और परिवारों को भी शामिल होने का आह्वान करते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोपाल ने कहा कि राजस्थान के सभी गांवों और नगरीय बसतीयों का शत प्रतिशत परिवारों तक पहोचने का लक्ष्य रखा गया है.

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इस मंदिर के निर्माण के साथ ही रामराज्य की यात्रा प्रारंभ हो जाएगी. ये अभियान रामराज्य के लिए एक लॉन्चिंग पैड साबित होगा. मंदिर का निर्माण अगले तीन वर्षों में पूरा हो जाएगा और 2023 के अंत तक मंदिर के शिखर पर एक भव्य भगवा पताका लहराएगी. परिणाम स्वरूप ये सहस्राब्दी राम की सहस्राब्दी होगी, चारों ओर राम के आदर्श पर चलने की प्रेरणा होगी और हम सभी रामराज्य की ओर बढ़ने की दिशा में एक सार्थक कदम उठाएंगे.

उन्होंने कहा कि इस अभियान संपूर्ण भारतभर रामभक्ति, राष्ट्रभक्ति का भाव जगाएगा, परिणाम स्वरुप श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ सशक्त भारत का उदय होगा. पत्रकार वार्ता में चित्तौड़गढ़ प्रांत के अध्यक्ष फतेहचंद, प्रांत मंत्री और श्री राम मंदिर निर्माण के प्रांत प्रमुख कौशल गौड़, चित्तौड़गढ़ प्रांत संरक्षक ओम प्रकाश भी मौजूद रहे.

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