चित्तौड़गढ़. रावतभाटा के बहुचर्चित देवा गुर्जर हत्याकांड (Deva gurjar murder case) मामले के मुख्य आरोपी बाबू गुर्जर को सोमवार को न्यायालय ने जेल भेजने के आदेश दिए. जबकि 6 अन्य आरोपियों को रिमांड पर लिया है. एसआईटी ने मुख्य आरोपी बाबू गुर्जर सहित गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों को आज रावतभाटा कोर्ट में पेश किया. अदालत ने बाबू गुर्जर को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए.
साथ ही मामले से संबंधित पूछताछ के लिए अन्य 6 आरोपियों रामपुरिया चेचट निवासी गोपाल सिंह राजपूत, लाला उर्फ नरेंद्र सिंह पुत्र भवानी सिंह राजपूत, हेमंत कलाल, नानूराम मीणा, कालू लाल उर्फ सचिन गुर्जर और जुगराज पुत्र कालू लाल गुर्जर का रिमांड मांगा था. जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए उन्हें 22 अप्रैल तक एसआईटी को सौंपने के आदेश दिए हैं. मामले में कुल 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.
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क्या है पूरा मामला: 4 अप्रैल की शाम देवा रावतभाटा के ही कोटा बैरियर इलाके में नाई की दुकान पर गया हुआ था. जहां पर अचानक से कुछ लोग आए और उस पर हमला (History sheeter Deva Gurjar murdered) कर दिया. घायल देवा को एंबुलेंस की मदद से रावतभाटा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. जहां से कोटा रैफर कर दिया गया. कोटा से झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में उसे ले जाया गया. जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक दोनों एक साथ प्रॉपर्टी का व्यवसाय भी करते थे. इनके बीच लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था. देवा चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा थाने का हिस्ट्रीशीटर था. उसके खिलाफ भी कई मामले पहले से दर्ज हैं. मामले पर मचे बवाल के बीच गहलोत सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी.