चित्तौडगढ़. जिले में एक महीने में तीसरी बार टिड्डी दल ने दस्तक दी है. टिड्डी दल कई क्षेत्रों में फसल को चट कर चुके हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान भी हुआ है. बुधवार को भी मध्यप्रदेश से बेगूं उपखण्ड क्षेत्र में टिड्डी दल आया, जिसने किसानों की चिंता बढ़ा दी. राशमी क्षेत्र में भी टिड्डी दल ने काफी नुकसान पहुंचाया है.
जानकारी के अनुसार इससे पहले तक टिड्डी दल ग्रामीण क्षेत्र में ही था, लेकिन मंगलवार को जिले के कई गांवों के अलावा शहरी क्षेत्र में भी टिड्डी दल लाखों की तादाद में आया था. शहर में भी लोग बर्तन बजाकर टिड्डी दल भगाते देखे गए.
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वहीं, बुधवार को पुनः कई क्षेत्रों में टिड्डी दल आया. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन, कृषि विभाग और ग्रामीण लगातार टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं. किसानों और उसके परिवारों ने तालियां, थालियां, डिब्बे बजाकर करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया.
जिले के राशमी क्षेत्र में रविवार के बाद मंगलवार और बुधवार को भी टिड्डी दल सक्रिय रहा. दोपहर बाद उपखंड मुख्यालय में टिड्डियों की भरमार नजर आई. लोगों ने बर्तन, ढोल, तगारी, पीपे और आतिशबाजी से इन्हें भगाने की कोशिश की. किसान भी टिड्डियों को भगाने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं.
टिड्डी दल को भगाने के लिए किसानों ने जमकर ढोल और थालियां बजाई. हवा के रूख के साथ टिड्डी दल राजसमंद सीमा की ओर चला गया. क्षेत्र में किसी किसान के नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है. राशमी उपखण्ड के आरणी, गेगपुरा, देवपुरा, कीरखेड़ा, डिण्डोली, अड़ाना, रेवाड़ा, लसाडिया कला ग्राम में टिड्डी दल ने खेतो में खड़ी फसलो पर हमला कर दिया. जिन्हें भगाने के लिए किसानों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
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किसान अपने परिवार के सदस्यों सहित पड़ोसियों ने थाली, बर्तन, खाली पीपे बजाए. साथ ही खेतों में बाईक, टैक्टर और हॉर्न बजाते हुए खेतो की मेड़ पर घुमाएं, जिससे टिड्डी दल को भगाने में सफलता हासिल की. टिड्डी दल ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. टिड्डी दल बड़ी संख्या में होने पर किसानों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. उसके बाद टिड्डी पर काबू पाया गया है.