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चित्तौड़गढ़ डबल मर्डर केस में 5 को उम्रकैद, 13 साल बाद सुनाया फैसला - ETV Bharat Rajasthan news

चित्तौड़गढ़ में जोगणिया माता दोहरे हत्याकांड में 5 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई (Judgement in Double murder case in Chittorgarh) है. कोर्ट ने पांचों आरोपियों की मृत्यु होने तक जेल में रखने के निर्देश दिए हैं.

Joganiya Mata double murder case in Chittorgarh
Joganiya Mata double murder case in Chittorgarh
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Published : Nov 19, 2022, 8:34 PM IST

Updated : Nov 20, 2022, 12:24 AM IST

कोटा. चितौड़गढ़ के बेगू के नजदीक जोगणिया माता दोहरे हत्याकांड में 13 साल बाद न्यायालय ने 103 पेज का ऐतिहासिक (Judgement in Double murder case in Chittorgarh) फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इस मामले को न्यायालय ने मृत्युदंड के लिए रेयर ऑफ रेयरेस्ट नहीं माना. कोर्ट ने पांचों आरोपियों की मृत्यु होने तक जेल में रखने के निर्देश दिए हैं.

अपर लोक अभियोजक अख्तर खान अकेला ने बताया कि इस प्रकरण में कुल 9 अभियुक्त (Joganiya Mata double murder case in Chittorgarh) थे. इनमें नंदू उर्फ नरेंद्र सिंह, भाया उर्फ सत्येंद्र सिंह, किशन जंगम, वसीम खान व शाहीन को उम्र कैद की सजा हुई है. दो आरोपी राजेश कमांडो व गैंगस्टर भानु प्रताप की मृत्यु हो गई. गैंगस्टर भानु प्रताप की हत्या बृजराज सिंह उर्फ बबलू के भाई गैंगस्टर शिवराज सिंह ने की थी.

चित्तौड़गढ़ डबल मर्डर केस में 5 को उम्रकैद.

इस मामले में अंतिम निर्णय के पहले दिग्विजय उर्फ बिट्टू को अनुपस्थित होने पर मफरूर (भागा हुआ) घोषित किया, जबकि सुमेर सिंह के विरुद्ध अलग से कार्रवाई विचाराधीन है. वसीम खान व शाहीन जमानत पर रिहा थे. जिन्हें कस्टडी में लेकर जेल भेज गया, लेकिन अन्य प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में होने से किशन जंगम व नन्दू उर्फ नन्द सिंह प्रोडक्शन वारंट से पेश हुए थे.

पढ़ें. सीआई फूल मोहम्मद हत्याकांड मामला, 11 साल बाद 30 दोषियों को आजीवन कारावास

यह था हत्याकांड का मामला : अख्तर खान अकेला ने बताया कि कोटा निवासी सूरज सिंह फरियादी ने 12 मई 2009 को चितौड़गढ़ जिले के बेगू थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसमें बताया था कि बृजराज सिंह उर्फ बबलू और जितेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को कोटा चित्तौड़गढ़ के बीच जोगणिया माता के पास मेनाल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है. उसने बताया था कि हत्यारे बृजराज और जितेंद्र की मौत के बाद भी गोलियां चलाते रहे. पुलिस ने इस प्रकरण में भानु प्रताप, राजेश कमांडो, नंदू उर्फ नरेंद्र, बिट्टू उर्फ दिग्विजय, भाया उर्फ सत्येंद्र, वसीम व शाहिना को गिरफ्तार किया. जबकि सुमेर सिंह को मफरूर घोषित किया था. फरार सुमेर सिंह को कोटा पुलिस ने ही लाला बैरागी हत्याकांड में साल 2021 में गिरफ्तार किया है.

गवाहों के डर के चलते कोटा ट्रांसफर किया केस : इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कार्रवाई चित्तौड़गढ़ जिले की बेगू पुलिस ने की, लेकिन बाद में गवाहों और फरियादी को जान का खतरा होने से राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर इसकी सुनवाई कोटा में ट्रांसफर की गई. इसके बाद से ही अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या 5 के समक्ष इसकी सुनवाई चल रही थी. साथ ही हाईकोर्ट ने अभियुक्त सत्येंद्र भाया की जमानत सुनवाई के दौरान जल्द सुनवाई कर निस्तारण करने के निर्देश भी दिए थे.

पढ़ें. सवाईमाधोपुर के सीआई फूल मोहम्मद हत्याकांड मामला, 11 साल बाद आज होगा सजा का एलान

लाला बैरागी हत्याकांड का मुख्य गवाह : इस मामले में करीब 65 गवाह के बयान, 149 दस्तावेज और 14 आर्टिकल, इनमें बंदूक, कारतूस, पत्थर सहित कई चीजें कोर्ट में पेश किए गए थे. गैंगस्टर्स के बीच वर्चस्व की जंग को लेकर हत्याकांड की शुरुआत हुई थी. सबसे पहले लाला बैरागी हत्याकांड हुआ था, भानु प्रताप गैंग ने लाला बैरागी हत्याकांड के मुख्य गवाह बृजराज सिंह की हत्या की. इसके साथ जीतू जितेंद्र की भी हत्या हुई. इसके बाद जब भानु प्रताप अपनी गैंग के साथ पुलिस गिरफ्त में आया, तो शिवराज सिंह ने भानु प्रताप की पुलिस कस्टडी में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब लगभग सभी गैंग खत्म हो चुकी है और गैंगस्टर शिवराज सिंह जेल में है.

कोटा. चितौड़गढ़ के बेगू के नजदीक जोगणिया माता दोहरे हत्याकांड में 13 साल बाद न्यायालय ने 103 पेज का ऐतिहासिक (Judgement in Double murder case in Chittorgarh) फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इस मामले को न्यायालय ने मृत्युदंड के लिए रेयर ऑफ रेयरेस्ट नहीं माना. कोर्ट ने पांचों आरोपियों की मृत्यु होने तक जेल में रखने के निर्देश दिए हैं.

अपर लोक अभियोजक अख्तर खान अकेला ने बताया कि इस प्रकरण में कुल 9 अभियुक्त (Joganiya Mata double murder case in Chittorgarh) थे. इनमें नंदू उर्फ नरेंद्र सिंह, भाया उर्फ सत्येंद्र सिंह, किशन जंगम, वसीम खान व शाहीन को उम्र कैद की सजा हुई है. दो आरोपी राजेश कमांडो व गैंगस्टर भानु प्रताप की मृत्यु हो गई. गैंगस्टर भानु प्रताप की हत्या बृजराज सिंह उर्फ बबलू के भाई गैंगस्टर शिवराज सिंह ने की थी.

चित्तौड़गढ़ डबल मर्डर केस में 5 को उम्रकैद.

इस मामले में अंतिम निर्णय के पहले दिग्विजय उर्फ बिट्टू को अनुपस्थित होने पर मफरूर (भागा हुआ) घोषित किया, जबकि सुमेर सिंह के विरुद्ध अलग से कार्रवाई विचाराधीन है. वसीम खान व शाहीन जमानत पर रिहा थे. जिन्हें कस्टडी में लेकर जेल भेज गया, लेकिन अन्य प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में होने से किशन जंगम व नन्दू उर्फ नन्द सिंह प्रोडक्शन वारंट से पेश हुए थे.

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यह था हत्याकांड का मामला : अख्तर खान अकेला ने बताया कि कोटा निवासी सूरज सिंह फरियादी ने 12 मई 2009 को चितौड़गढ़ जिले के बेगू थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसमें बताया था कि बृजराज सिंह उर्फ बबलू और जितेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को कोटा चित्तौड़गढ़ के बीच जोगणिया माता के पास मेनाल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है. उसने बताया था कि हत्यारे बृजराज और जितेंद्र की मौत के बाद भी गोलियां चलाते रहे. पुलिस ने इस प्रकरण में भानु प्रताप, राजेश कमांडो, नंदू उर्फ नरेंद्र, बिट्टू उर्फ दिग्विजय, भाया उर्फ सत्येंद्र, वसीम व शाहिना को गिरफ्तार किया. जबकि सुमेर सिंह को मफरूर घोषित किया था. फरार सुमेर सिंह को कोटा पुलिस ने ही लाला बैरागी हत्याकांड में साल 2021 में गिरफ्तार किया है.

गवाहों के डर के चलते कोटा ट्रांसफर किया केस : इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कार्रवाई चित्तौड़गढ़ जिले की बेगू पुलिस ने की, लेकिन बाद में गवाहों और फरियादी को जान का खतरा होने से राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर इसकी सुनवाई कोटा में ट्रांसफर की गई. इसके बाद से ही अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या 5 के समक्ष इसकी सुनवाई चल रही थी. साथ ही हाईकोर्ट ने अभियुक्त सत्येंद्र भाया की जमानत सुनवाई के दौरान जल्द सुनवाई कर निस्तारण करने के निर्देश भी दिए थे.

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लाला बैरागी हत्याकांड का मुख्य गवाह : इस मामले में करीब 65 गवाह के बयान, 149 दस्तावेज और 14 आर्टिकल, इनमें बंदूक, कारतूस, पत्थर सहित कई चीजें कोर्ट में पेश किए गए थे. गैंगस्टर्स के बीच वर्चस्व की जंग को लेकर हत्याकांड की शुरुआत हुई थी. सबसे पहले लाला बैरागी हत्याकांड हुआ था, भानु प्रताप गैंग ने लाला बैरागी हत्याकांड के मुख्य गवाह बृजराज सिंह की हत्या की. इसके साथ जीतू जितेंद्र की भी हत्या हुई. इसके बाद जब भानु प्रताप अपनी गैंग के साथ पुलिस गिरफ्त में आया, तो शिवराज सिंह ने भानु प्रताप की पुलिस कस्टडी में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब लगभग सभी गैंग खत्म हो चुकी है और गैंगस्टर शिवराज सिंह जेल में है.

Last Updated : Nov 20, 2022, 12:24 AM IST
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