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चित्तौड़गढ़: रेलवे के निजीकरण और बेरोजगारी सहित विभिन्न मांगों को लेकर श्रम संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

देश के केंद्रीय श्रम संगठनों की संयुक्त कमेटी के श्रमिक सदस्यों ने शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ कलक्ट्रेट में केंद्र सरकार की और से किए जा रहे निजीकरण और बेरोजगारी सहित 13 सूत्रीय मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ मांगों के संबंध में कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

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Published : Jul 4, 2020, 12:59 AM IST

Chittaurgarh news, rajasthan news
चित्तौड़गढ़ में श्रमिक संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

चित्तौड़गढ़. देश के केंद्रीय श्रम संगठनों की संयुक्त कमेटी के श्रमिक सदस्यों ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में केंद्र सरकार की और से किए जा रहे निजीकरण और बेरोजगारी सहित 13 सूत्रीय मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कमेटी के पदाधिकारियों गले में तख्तियां लटका कर प्रदर्शन में शामिल हुए. साथ मांगों के संबंध में कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

जानकारी के अनुसार देश के विभिन्न केंद्रीय श्रम संगठनों ने केंद्र में मोदी सरकार की गलत नीतियों, मजदूर और कर्मचारीयों के शोषण, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के साथ ही हाल ही में किए रेलवे के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया. इसके लिए प्रमुख श्रमिक संगठनों की संयुक्त जिला कमेटी के सदस्यों ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

यह भी पढ़ेंः चितौड़गढ़: रसद विभाग में लीकेज को रोक रही यह योजना...लोगों को मिल रही आवश्यक जानकारी

ज्ञापन में उन्होंने, श्रम कानूनों में किए गए सभी मजदूर विरोधी संशोधन को वापस लेने, जिले के सभी सीमेंट उद्योग में सीमेंट वेज बोर्ड समझौता लागू करने, लॉकडाउन के समय में निकाले गए श्रमिकों को वापस लेने और उन्हें कोरोना काल का पूरा भुगतान देने और न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए करने की मांग की है. साथ ही देश में बढ़ रही बेरोजगारी पर रोकथाम और पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की भी मांग की है. कलेक्ट्रेट पर इंटक जिलाध्यक्ष विमलचंद जैन, एंटक के लाला शर्मा, सीटू के कालूराम सुथार और एक्टू के शांतिलाल सहित कई श्रमिक नेता प्रदर्शन में शामिल हुए.

चित्तौड़गढ़. देश के केंद्रीय श्रम संगठनों की संयुक्त कमेटी के श्रमिक सदस्यों ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में केंद्र सरकार की और से किए जा रहे निजीकरण और बेरोजगारी सहित 13 सूत्रीय मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कमेटी के पदाधिकारियों गले में तख्तियां लटका कर प्रदर्शन में शामिल हुए. साथ मांगों के संबंध में कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

जानकारी के अनुसार देश के विभिन्न केंद्रीय श्रम संगठनों ने केंद्र में मोदी सरकार की गलत नीतियों, मजदूर और कर्मचारीयों के शोषण, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के साथ ही हाल ही में किए रेलवे के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया. इसके लिए प्रमुख श्रमिक संगठनों की संयुक्त जिला कमेटी के सदस्यों ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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ज्ञापन में उन्होंने, श्रम कानूनों में किए गए सभी मजदूर विरोधी संशोधन को वापस लेने, जिले के सभी सीमेंट उद्योग में सीमेंट वेज बोर्ड समझौता लागू करने, लॉकडाउन के समय में निकाले गए श्रमिकों को वापस लेने और उन्हें कोरोना काल का पूरा भुगतान देने और न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए करने की मांग की है. साथ ही देश में बढ़ रही बेरोजगारी पर रोकथाम और पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की भी मांग की है. कलेक्ट्रेट पर इंटक जिलाध्यक्ष विमलचंद जैन, एंटक के लाला शर्मा, सीटू के कालूराम सुथार और एक्टू के शांतिलाल सहित कई श्रमिक नेता प्रदर्शन में शामिल हुए.

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