चित्तौड़गढ़. 6 महीने पहले मंडफिया थाना इलाके से अपहृत किशोरी को पुलिस ने उसके प्रेमी के साथ महाराष्ट्र से डिटेन कर (Kidnapped minor and her lover detained from Maharashtra) लिया. पुलिस दोनों को चित्तौड़गढ़ ले आई. जहां किशोरी ने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया. बाल कल्याण समिति ने आसरा विकास संस्थान भेज दिया.
मंडफिया थाना प्रभारी ओम सिंह चुंडावत के अनुसार 6 महीने पहले 17 वर्षीय किशोरी के अपहरण का प्रकरण दर्ज किया गया था. परिजनों ने एक युवक पर संदेह जताते हुए उसके खिलाफ रिपोर्ट दी थी. तब से ही पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी. इस दौरान गुप्त सूचना पर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक अमीचंद के नेतृत्व में एक टीम महाराष्ट्र के अहमदनगर पहुंची, जहां आरोपी पानी पुरी का कारोबार कर रहा था. अपहृत किशोरी उसके ठिकाने पर मिली.
पुलिस दोनों को डिटेन कर चित्तौड़गढ़ ले आई. जहां आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि 17 वर्षीय किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया. काउंसलिंग के दौरान उसने बताया कि उसके भाई की शादी में आरोपी ने फोटोग्राफी की थी. उसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई जो प्यार में बदल गई. परिजनों के एतराज की आशंका थी. इसी कारण दोनों ने साथ भागने का फैसला किया और महाराष्ट्र चले गए. किशोरी ने इस दौरान अपने माता-पिता के साथ जाने से मना कर दिया. ऐसे में समिति ने उसका अस्थाई पुनर्वास करते हुए उसे आसरा विकास संस्थान भेज दिया.