चित्तौड़गढ़. कपासन विधानसभा से विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि किसान महापंचायत में सरकारी तन्त्र का दुरुपयोग किया गया, फिर भी अपेक्षित भीड़ नहीं जुट पाई. वहीं मुख्यमंत्री के इस दौरे से जिले और क्षेत्र के लोगों को काफी अपेक्षाएं थी लेकिन सभी को निराशा हाथ लगी है.
कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने किसान महापंचायत के आयोजन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को किसानों से कोई मतलब नहीं है. उन्हें तो केवल उप चुनाव से मतलब है. जीनगर ने कहा कि चित्तौड़गढ़ में किसान महापंचायत को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संबोधित करने के लिए आए. इस किसान महापंचायत में लगभग 50 हजार किसानों के शिरकत करने का दावा किया गया, जो अपेक्षा के अनुरूप कांग्रेस पार्टी भी जुटाने में असफल रही.
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उन्होंने कहा कि महापंचायत में सरकारी तंत्र का दुरूपयोग करते हुए मनरेगा की मजदूर और आंगनबाड़ी महिलाओं को इकट्ठा किया गया. फिर भी अपेक्षित संख्या से बहुत कम लोग और किसान महापंचायत शामिल हुए. किसानों को इस महापंचायत में मुख्यमंत्री से बहुत आशाएं थी. किसानों के पूर्ण कर्ज माफी के लिए बड़ी घोषणा की आशा थी. किसानों के कृषि बिजली बिल माफ करने की उम्मीद थी. इसके साथ ही मातृकुंडिया बांध का पानी इस क्षेत्र के किसानों के सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने की आशा थी. मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुंडिया के विकास के लिए कोई ठोस योजना बना कर बजट दिलाने की उम्मीद थी. उपरोक्त में से किसी एक पर भी माननीय मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा नहीं करने पर सभी किसानों और क्षेत्र की जनता को निराशा हाथ लगी और आशा के अनुरूप संख्या नहीं होने से किसान महापंचायत पूर्ण रूप से असफल रही.
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अर्जुनलाल जीनगर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना शुरू किया तो जनता पंडाल से उठ कर जाने लग गई, जिससे साबित होता है कि किसान और जनता प्रधानमंत्री मोदी के साथ है. इससे महसूस होता है कि मुख्यमंत्री किसान सम्मेलन करने नहीं आये. उनका फोकस तो सिर्फ विधानसभा के उप चुनावों पर था.