चित्तौड़गढ़. जिले के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक झांतला माता मंदिर में शुक्रवार को कोरोना के साए में घट स्थापना के साथ ही 9 दिनों के नवरात्र प्रारम्भ हो गए. यहां आगामी नौ दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं की संख्या कम रहेगी. पहले ही दिन मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा रहा.
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर कपासन मार्ग पर स्थित पौराणिक झांतला मंदिर में भक्तों की हर वर्ष भीड़ लगी रहती है. खास तौर पर लकवा रोग से ग्रसित रोगी जो कि दूर-दराज से यहां पहुंच कर माता के दर्शन मात्र से ठीक होकर अपने घर लौटते है. प्रति नवरात्र यहां मेले सा माहौल लगा रहता है. यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते है, लेकिन इस वर्ष कोरोना काल के कारण नवरात्रि के पहले दिन शुक्रवार को घट स्थापना के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खोले गए.
लोग भय के कारण कम संख्या मे यहां पहुंचे. इसके चलते मंदिर परिसर सुना नजर आया. इधर, मंदिर ट्रस्ट द्वारा नवरात्र में शनिवार और रविवार को मंदिर बंद रखने के साथ ही अन्य दिनों में श्रृद्धालुओं की अधिक भीड़ होने पर व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में दर्शन बंद करने का निर्णय भी लिया जा सकता है. इस मंदिर में घट स्थापना शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे शुभ मुहूर्त में हुई. इस दौरान पुजारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और नाम मात्र के श्रद्धालु मौजूद थे. इसके बाद विशेष आरती हुई. गौरतलब है कि इस मंदिर में लकवा पीड़ित सही होते हैं. चित्तौड़गढ़ जिले के अलावा यहां भीलवाड़ा और अजमेर जिले से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं.
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एक दिन पहले होती है घट स्थापना
जानकारी में सामने आया है कि सभी जगह नवरात्रा महोत्सव शनिवार को शुरू हो रहे हैं. ऐसे में घट स्थापना भी शनिवार को ही होगी, लेकिन झांतला माताजी मंदिर में हर वर्ष घट स्थापना अमावस्या को होती है और नवरात्र बाद प्रतिमा विसर्जन भी अन्य धार्मिक स्थलों के मुकाबले 1 दिन पहले हो जाता है. ऐसे में झांतलामाता जी में शुक्रवार को ही नवरात्र महोत्सव का आगाज हो गया.