चित्तौड़गढ़. जिले में गत दिनों निम्बाहेड़ा क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने नवजात बालिका को झाड़ियों में फेंक दिया था. इस मामले को बाल कल्याण समिति ने गंभीरता से हुए अब शिशुओं के सुरक्षित परित्याग के लिए एक से अधिक स्थानों पर शिशु पालनागृह की स्थापना करवा रही है. इसी क्रम में जिला मुख्यालय पर ही राजकीय किशोर गृह में भी पालना गृह के निर्माण को लेकर शनिवार को काम शुरू हो गया है.
जिला मुख्यालय पर महिला एवं बाल चिकित्सालय के बाद दूसरे पालनागृह की स्थापना हो रही है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचन्द्र दशोरा ने बताया कि जिले में नवजात शिशुओं के असुरक्षित परित्याग व झाड़ियों में फेंकने की घटनाएं बढ़ीं हैं. ऐसे प्रकरणों को देखते हुए जिले में शिशु पालना गृह (केडल पॉइंट) अलग-अलग स्थान पर संचालित कर ऐसे शिशुओं को संरक्षण देने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए बाल कल्याण समिति व बाल अधिकारिता विभाग चितौड़गढ़ के समन्वय से हिन्दुस्तान जिंक के प्रबंधक के सीएसआर से राजकीय संम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह कार्यालय परिसर के बाहर की ओर शिशु पालना गृह (केडल पॉइंट) लगाने के लिए आग्रह किया गया था.
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इस पर प्रबंधन ने इसकी उपयोगिता को समझते हुए शिशु पालना गृह (केडल पॉइंट) लगाने के लिए सीएसआर मद से स्वीकृति प्रदान की गई. ऐसे में शनिवार को जिला मुख्यालय पर संचालित राजकीय संम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह मे चयनित स्थान पर शिशु पालना गृह (केडल पॉइंट) निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम सम्पादित किया गया. जिंक की ओऱ से निर्माणाधीन पालना गृह जल्द ही बन कर तैयार हो जाएगा. इससे शिशुओं को सुरक्षित परित्याग के लिए एक सुरक्षित स्थान मिल सकेगा. शिशु पालना गृह (केडल पॉइंट) के भूमि पूजन व निर्माण कार्य के मुहूर्त पर रमेशचन्द्र दशोरा अध्यक्ष बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़, अरुणा राठौड़ सदस्य किशोर न्याय बोर्ड, मन्जू जैन, फारुख पठान सदस्य बाल कल्याण समिति आदि मौजूद थे.
शिशुओं का असुरक्षित परित्याग गंभीर अपराध
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचन्द्र दशोरा ने बताया कि जिले में कई महिलाएं सामाजिक, आर्थिक व अज्ञानतावश किसी प्रकार से गर्भधारण कर लेती है. उससे जन्म देने के बाद प्राप्त अवांछित बच्चे को अगर शिशु पालना गृह (केडल पॉइंट) में छोड़ा जाए तो यह शिशु सुरक्षित रहने के साथ ही निसन्तान माता-पिता को दत्तक ग्रहण में जाकर सुरक्षित परिवार को प्राप्त करते हैं. वहीं पीड़ित माताएं असुरक्षित स्थान पर झाड़ियों में शिशु को फेंकती है तो यह गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है. इसलिए ऐसी परिस्थितियों में जहां शिशु पालना गृह हो वहीं शिशु का परित्याग करें.