चित्तौड़गढ़. वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर आंदोलनरत जेल प्रहरियों की भूख हड़ताल शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही. इस दौरान एक महिला प्रहरी सहित दो जनों की तबीयत बिगड़ गई जिन्हें जिला चिकित्सालय में में भर्ती कराया गया. इस बीच आंदोलनकारी प्रहरियों ने मांगो के पूरा नहीं होने तक अनशन जारी रखने का एलान किया गया है.
अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जेल प्रहरी शुक्रवार से भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने आज भी जिला जेल में मैस का बहिष्कार किया और भूख हड़ताल पर रहे. मुख्य प्रहरी नरपत सिंह ने बताया कि शनिवार को दूसरे दिन जेल प्रहरी रमेश मीणा तथा गीता की तबीयत बिगड़ गई. उनका शुगर लेवल कम हो गया. दोनों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. हालांकि उन्होंने भूख हड़ताल नहीं तोड़ी. मुख्य प्रहरी के अनुसार जब तक हमारी मांगों पर सरकार द्वारा कोई अंतिम निर्णय नहीं कर लिया जाता, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.
वर्ष 1997-98 से सरकार और विभाग के बीच आरएसी के पदनाम के अनुसार कारागृह कर्मियों को समान सैलरी भत्ता और अन्य सुविधाएं देने सहित विभिन्न मांगे अटकी हुई हैं. 2017 में इन मांगों को लेकर समझौता भी हो गया, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. अपनी मांगों के समर्थन में दिसंबर 2022 में काली पट्टी बांधकर जेल प्रहरियों ने अपना विरोध जताया था. इसके बाद भी मांगे पूरी नहीं हुई. उसी क्रम में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरने को मजबूर हुए. चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में 29 प्रहरी काम कर रहे हैं और सभी भूख हड़ताल पर हैं.
पढ़ें: वेतन विसंगतियों को लेकर राजस्थान के सभी जेलों में जेल प्रहरी मना रहे 'ब्लैक डे ऑफ द जेल'
सवाईमाधोपुर में भी भूख हड़ताल: मुख्यालय जिला कारागृह के कार्मिक वेतन विसंगति एवं हार्ड ड्यूटी भत्ता और बसों में यात्रा करने के लिए पास जारी करने की मांग को लेकर दूसरे दिन बैठे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर रहे. कार्मिकों ने अपनी मांगों को लेकर बताया कि राजस्थान सरकार विभाग के कार्मिकों एवं राजस्थान में समस्त कारागारों की सुरक्षा के लिए 13वीं राजस्थान आर्म्ड बटालियन (जेल सुरक्षा) में तैनात कार्मिकों का कार्य समान रूप का है.
पढ़ें: जिस महिला जेल प्रहरी पर लगाए अत्याचार के आरोप, उसी को बनाया महिला जेल का प्रभारी
वहीं राजस्थान कारागार विभाग के कार्मिकों एवं जेल सुरक्षा में तैनात 13वीं बटालियन आरएसी का समान कार्य एवं समान पद होने के बावजूद कारागार के कार्मिकों का वेतन इनसे बहुत कम है. जेल कार्मिकों ने बताया कि 13वीं बटालियन के कार्मिकों को वेतन-भत्तों के साथ हार्ड ड्यूटी भत्ता मिलता है. पूरे वर्ष में 1 माह का वेतन ज्यादा मिलता है. वहीं जेल विभाग में कार्यरत कार्मिकों को मात्र 200 रुपए प्रतिमाह हार्ड ड्यूटी भत्ता मिलता है. जिला कारागार के प्रहरी ने बताया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक जेल प्रहरी अनिश्चितकालीन अन्न का त्याग कर भूखे रहकर अपनी ड्यूटी का निर्वहन करेंगे.