ETV Bharat / state

चित्तौड़गढ़: कैसे गांव वालों ने एक लावारिस नवजात को सड़क से उठाकर अस्पताल पहुंचाया... - नवजात बच्ची

चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार उपखंड के बड़ा भटवाड़ा गांव में रविवार को 6 दिन की नवजात बच्ची को उसके माता-पिता लावारिस छोड़ कर चले गए. जब ग्रामीणों को सड़क किनारे बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी तो गांव का एक परिवार नवजात को घर ले गया और उसकी देखभाल की. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया.

chittorgarh news,  rajasthan news
चित्तौड़गढ़: कैसे गांव वालों ने एक लावारिस नवजात को सड़क से उठाकर अस्पताल पहुंचाया...
author img

By

Published : Dec 22, 2020, 4:12 AM IST

चित्तौड़गढ़. गंगरार उपखंड के बड़ा भटवाड़ा गांव में रविवार को 6 दिन की नवजात बच्ची को उसके माता-पिता लावारिस छोड़ कर चले गए. जब ग्रामीणों को सड़क किनारे एक बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी तो उन्होंने पास जाकर देखा तो एक मासूम बच्ची पड़ी हुई थी. जिसके बाद ग्रामीण उसे घर ले गए और उसकी देखभाल की. ग्रामीणों में पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को अस्पताल में भर्ती करवाया.

गांव वालों ने एक लावारिस नवजात को अस्पताल पहुंचाया

ईटीवी भारत की टीम भटवाड़ा गांव पहुंची और मासूम बच्ची को सड़क से हॉस्पिटल तक पहुंचाने की पूरी कहानी ग्रामीणों से जानी. घटना की चश्मदीद टैगी बाई लोहार ने बताया कि रविवार को दिन भटवाड़ा भैरव जी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर काफी आवाजाही थी. शाम को गांव के ही कुछ बच्चों ने सड़क किनारे कंबल और शॉल में लिपटी एक नवजात को देखा. जिसके बाद बच्चों ने टैगी बाई और उसके घर वालों को आकर बताया.

पढे़ं: चित्तौड़गढ़ में सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची

टैगी बाई और उसका पता शंकरलाल मौके पर पहुंचे. नवजात की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई. बच्ची को लेकर शंकरलाल अपने घर चला गया. उसे गांव वालों की मदद से बकरी का दूथ पिलाकर शांत करवाया और पुलिस को सूचना दी. करीब 10 घंटे बाद गंगरार से पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने नवजात की सहायता करने वाले परिवार को धन्यवाद दिया और नवजात को महिला एवं बाल चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ की एसएनसीयू में भर्ती करवाया.

चिकित्सालय प्रभारी डॉ. जय सिंह मीणा ने बताया कि बच्ची का जन्म 6 दिन पहले हुआ है और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है. डॉक्टरों की एक टीम नवजात की देखरेख कर रही है. अगले 36 घंटे बच्ची को देख-रेख में रखा जाएगा. उसके बाद बच्ची को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया जाएगा.

चित्तौड़गढ़. गंगरार उपखंड के बड़ा भटवाड़ा गांव में रविवार को 6 दिन की नवजात बच्ची को उसके माता-पिता लावारिस छोड़ कर चले गए. जब ग्रामीणों को सड़क किनारे एक बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी तो उन्होंने पास जाकर देखा तो एक मासूम बच्ची पड़ी हुई थी. जिसके बाद ग्रामीण उसे घर ले गए और उसकी देखभाल की. ग्रामीणों में पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को अस्पताल में भर्ती करवाया.

गांव वालों ने एक लावारिस नवजात को अस्पताल पहुंचाया

ईटीवी भारत की टीम भटवाड़ा गांव पहुंची और मासूम बच्ची को सड़क से हॉस्पिटल तक पहुंचाने की पूरी कहानी ग्रामीणों से जानी. घटना की चश्मदीद टैगी बाई लोहार ने बताया कि रविवार को दिन भटवाड़ा भैरव जी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर काफी आवाजाही थी. शाम को गांव के ही कुछ बच्चों ने सड़क किनारे कंबल और शॉल में लिपटी एक नवजात को देखा. जिसके बाद बच्चों ने टैगी बाई और उसके घर वालों को आकर बताया.

पढे़ं: चित्तौड़गढ़ में सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची

टैगी बाई और उसका पता शंकरलाल मौके पर पहुंचे. नवजात की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई. बच्ची को लेकर शंकरलाल अपने घर चला गया. उसे गांव वालों की मदद से बकरी का दूथ पिलाकर शांत करवाया और पुलिस को सूचना दी. करीब 10 घंटे बाद गंगरार से पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने नवजात की सहायता करने वाले परिवार को धन्यवाद दिया और नवजात को महिला एवं बाल चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ की एसएनसीयू में भर्ती करवाया.

चिकित्सालय प्रभारी डॉ. जय सिंह मीणा ने बताया कि बच्ची का जन्म 6 दिन पहले हुआ है और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है. डॉक्टरों की एक टीम नवजात की देखरेख कर रही है. अगले 36 घंटे बच्ची को देख-रेख में रखा जाएगा. उसके बाद बच्ची को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.