चित्तौड़गढ़. सखी उत्सव कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए जिला कलेक्टर ने आधी आबादी का आह्वान किया कि वे स्वयं की पहचान बनाने के लिए बीड़ा उठाएं. उन्होंने कहा कि घरेलू महिलाएं भी स्वयं की पहचान बनाकर मुकाम हासिल कर आत्मनिर्भर बनें. इससे महिला और परिवार की आय में वृद्धि हो जिससे वे सुखी जीवन, बच्चों की शिक्षा और जिम्मेदारी को निभाने में अहम भूमिका निभा सकें. उन्होंने कहा कि नारी शिक्षा बहुत आवश्यक है और एक नारी दूसरी नारी को शिक्षित करने का जिम्मा लें, जिससे सभी महिलाएं आगे बढ़ सकें.
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने कहा कि महिला सखी फेडरेशन की बचत में वृद्धि इस बात की परिचायक है कि ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. उन्होंने महिलाओं से निरंतर आगे बढ़ने, शिक्षा से जुड़ने और महिलाओं के लिए कानून के सहयोग की बात कही. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग एवं वे स्वयं उनकी हर संभव सहायता के लिए सदैव तत्पर हैं. हिन्दुस्तान जिंक चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर की और से महिलाओं का महिलाओं के लिए सखी उत्सव कार्यक्रम में आस-पास के क्षेत्र की 200 से अधिक 'सखी' महिलाओं ने हर्षोल्लास से भागीदारी की.
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कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और खेल जैसे कबड्डी, चम्मच दौड़, कुर्सी दौड़ और रस्सा-कस्सी का आयोजन किया गया. सखी महिलाओं को सखी परियोजना के तहत उनकी उपलब्धियों और कोविड के दौरान उनके अनुकरणीय योगदान के लिए कोविड योद्धाओं के रूप में सम्मानित किया गया. अतिथियों ने महिलाओं के उत्साह, बाल विवाह विरोधी नाटिका और सांस्कृतिक की प्रशंसा करते हुए उनके द्वारा स्वयं और समाज के सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की.