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चित्तौड़गढ़: हरियाली अमावस्या पर कोरोना की मार, मिठाई के बाजारों से गायब रौनक - हरियाली अमावस्या

इस साल हरियाली अमावस्या पर भी कोरोना के कहर का असर दिख रहा है. चित्तौड़गढ़ और मेवाड़ अंचल में इस त्योहार को लेकर बाजारों में रौनक नजर नहीं आ रही है. कोरोना का सबसे अधिक असर मिठाई व्यापारियों पर पड़ा है. बाजारों में मालपुए और घेवर की बिक्री नहीं हो रही है.

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हरियाली अमावस्या पर कोरोना की मार
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Published : Jul 20, 2020, 3:37 AM IST

चित्तौड़गढ़. शहर और मेवाड़ अंचल में हर वर्ष हरियाली अमावस्या का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना की मार भी हरियाली अमावस्या पर पड़ गई है. बाजारों में मालपुए और घेवर की खुशबू गायब है. बाजार में मिठाईयां नाम मात्र की बन रही हैं तो वहीं खरीदार भी गायब हैं. ऐसे में मिठाई के व्यवसाय से जुड़े लोग मायूस हैं. वहीं हर वर्ष हर्षोल्लास से से त्यौहार मनाने वालों को भी मन मसोस कर घर में बैठना पड़ेगा.

हरियाली अमावस्या पर कोरोना की मार

बता दें कि, इस वर्ष हरियाली अमावस्या सोमवार 20 जुलाई को मनाई जाएगी. लेकिन कोरोना संक्रमण के डर के चलते प्रशासन की ओर से निषेधाज्ञा लगाने के कारण सभी पर्यटनस्थल और मंदिरों पर लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है. वहीं लोग कोरोना संक्रमण फैलने से डरे हुए हैं और बाजार में निकलने और कुछ भी खरीदने भी डर रहे हैं.

ऐसे में हरियाली अमावस्या पर इसका सीधा असर शहर के मिठाई बाजार पर पड़ा है. पहले से ही लॉकडाउन और कोरोना की मार झेल रहे मिठाई व्यवसायियों को इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर होने वाली बिक्री से भी नुकसान उठाना पड़ेगा. सावन मास में हरियाली अमावस्या पर शहर में वह जिले में मालपुआ और घेवर की बिक्री काफी बढ़ जाती है. हर वर्ष यही सिलसिला जारी रहता है.

ये पढ़ें: झालावाड़: मरने के बाद महिला की रिपोर्ट आई कोरोना पॉजिटिव, मेडिकल कॉलेज असमंजस में

हरियाली अमावस्या के चार-पांच दिन पहले शहर के बाजारों में मालपुए और घेवर की खुशबू घुलने लगती है. लोग लजीज पकवानों का मजा लेने लगते हैं. लेकिन इस वर्ष कोरोना और मंदी कि चलते मिठाई बाजार पूरे सूने पड़े हैं. हर वर्ष मिठाई बाजार में हरियाली अमावस्या के एक दिन पूर्व भारी भीड़ रहती है. वहीं इस वर्ष पूरे मिठाई बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.

ये पढ़ें: हरियाली अमावस्या पर लगा कोरोना ग्रहण, पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर पाबंदी

जानकारी में सामने आया है कि शहर में कई मिठाई व्यवसायी ऐसे हैं, जो हर वर्ष 5 से 10 क्विंटल तक के मालपुआ हर दुकानदार बेच देता है.इसकी तैयारियां पांच दिन पहले करनी पड़ती है और बाहर से हलवाई भी बुलाने पड़ जाते है. लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है. हरियाली अमावस्या से एक दिवस पूर्व भी दुकानों पर ग्राहक नहीं है. उसका सीधा-सीधा यह आंकलन किया जा सकता है कि, इस वर्ष मिठाई बाजार को होने वाला नुकसान भारी होगा. मिठाइयों की बिक्री नहीं होगी. व्यवसायियों ने भी इसी के अनुसार तैयारियां की है. बहुत ही कम मात्रा में घेवर और मालपुए तैयार किए जा रहे हैं. मिठाई विक्रेताओं के लिए यह हरियाली अमावस्या फिकी रहेगी.

चित्तौड़गढ़. शहर और मेवाड़ अंचल में हर वर्ष हरियाली अमावस्या का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना की मार भी हरियाली अमावस्या पर पड़ गई है. बाजारों में मालपुए और घेवर की खुशबू गायब है. बाजार में मिठाईयां नाम मात्र की बन रही हैं तो वहीं खरीदार भी गायब हैं. ऐसे में मिठाई के व्यवसाय से जुड़े लोग मायूस हैं. वहीं हर वर्ष हर्षोल्लास से से त्यौहार मनाने वालों को भी मन मसोस कर घर में बैठना पड़ेगा.

हरियाली अमावस्या पर कोरोना की मार

बता दें कि, इस वर्ष हरियाली अमावस्या सोमवार 20 जुलाई को मनाई जाएगी. लेकिन कोरोना संक्रमण के डर के चलते प्रशासन की ओर से निषेधाज्ञा लगाने के कारण सभी पर्यटनस्थल और मंदिरों पर लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है. वहीं लोग कोरोना संक्रमण फैलने से डरे हुए हैं और बाजार में निकलने और कुछ भी खरीदने भी डर रहे हैं.

ऐसे में हरियाली अमावस्या पर इसका सीधा असर शहर के मिठाई बाजार पर पड़ा है. पहले से ही लॉकडाउन और कोरोना की मार झेल रहे मिठाई व्यवसायियों को इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर होने वाली बिक्री से भी नुकसान उठाना पड़ेगा. सावन मास में हरियाली अमावस्या पर शहर में वह जिले में मालपुआ और घेवर की बिक्री काफी बढ़ जाती है. हर वर्ष यही सिलसिला जारी रहता है.

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हरियाली अमावस्या के चार-पांच दिन पहले शहर के बाजारों में मालपुए और घेवर की खुशबू घुलने लगती है. लोग लजीज पकवानों का मजा लेने लगते हैं. लेकिन इस वर्ष कोरोना और मंदी कि चलते मिठाई बाजार पूरे सूने पड़े हैं. हर वर्ष मिठाई बाजार में हरियाली अमावस्या के एक दिन पूर्व भारी भीड़ रहती है. वहीं इस वर्ष पूरे मिठाई बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.

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जानकारी में सामने आया है कि शहर में कई मिठाई व्यवसायी ऐसे हैं, जो हर वर्ष 5 से 10 क्विंटल तक के मालपुआ हर दुकानदार बेच देता है.इसकी तैयारियां पांच दिन पहले करनी पड़ती है और बाहर से हलवाई भी बुलाने पड़ जाते है. लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है. हरियाली अमावस्या से एक दिवस पूर्व भी दुकानों पर ग्राहक नहीं है. उसका सीधा-सीधा यह आंकलन किया जा सकता है कि, इस वर्ष मिठाई बाजार को होने वाला नुकसान भारी होगा. मिठाइयों की बिक्री नहीं होगी. व्यवसायियों ने भी इसी के अनुसार तैयारियां की है. बहुत ही कम मात्रा में घेवर और मालपुए तैयार किए जा रहे हैं. मिठाई विक्रेताओं के लिए यह हरियाली अमावस्या फिकी रहेगी.

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