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चित्तौड़गढ़: बेगूं कस्बे में रैली निकालकर CAA के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम सौंपा अभिनंदन पत्र

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Published : Dec 22, 2019, 9:28 PM IST

चित्तौड़गढ़ में रविवार को नागरिकों ने जुलूस निकालकर और अभिनंदन पत्र सौंपकर CAA का सर्मथन किया. बंद और जुलूस को लेकर बेगूं कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.

CAA Support Rally Begun Chittorgarh, CAA समर्थन रैली बेगूं चित्तौड़गढ़
CAA के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम सौंपा अभिनंदन पत्र

चित्तौड़गढ़. CAA के समर्थन में रविवार को बेगूं नगर पालिका मुख्यालय पूरी तरह बंद रहा. इतना ही नहीं लोगों ने जुलूस निकाल कर अभिनंदन पत्र सौंपा. लेकिन, पुलिस और प्रशासन द्वारा जुलूस मार्ग को बेरिकेट्स लगा कर डायवर्ड कर देने से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया. आक्रोशित लोग मौमिन मोहल्ला से जुलूस निकालने को अड़ गए और दो घंटे तक नारेबाजी और विवाद होता रहा. बाद में राष्ट्रपति के नाम अभिनंदन पत्र मौके पर ही सौंपा, जिसके बाद लोग अपने घरों को लौट गए. बंद और जुलूस को लेकर बेगूं कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया. जिला मुख्यालय से भी पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी बेगूं में केम्प किए रहे.

CAA के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम सौंपा अभिनंदन पत्र

जानकारी के अनुसार CAA के समर्थन में रविवार सुबह बेगूं उपखंड मुख्यालय बंद रहा और किसी ने भी दुकानें नहीं खोली. लोग तय कार्यक्रम के तहत दोपहर 12.15 बजे जुलूस नगर के बड़ा बालाजी मंदिर से शुरू हुआ. इस जुलूस में लोग केसरिया झंडे हाथों में लिए चल रहे थे. यह जुलूस विभिन्न मार्गों से होते हुए मोमिन मोहल्ले की तरफ जाने के लिए हिन्दू छीपा समाज के मंदिर के यहां पहुंचे. इसके आगे प्रशासन ने बेरिकेट्स लगा कर मार्ग अवरूद्ध कर रखा था.

जुलूस में शामिल लोगों के आगे मोमिन मोहल्ले में होकर बस स्टैंड पहुंचने का कार्यक्रम था. प्रशासन इन्हें पास ही स्थित सिसोदिया की बावड़ी होकर बस स्टैंड पर ले जाना चाहती थी. इस बात को लेकर विवाद हो गया. लोग मोमिन मोहल्ला से होकर ही निकलने पर अड़ गए और नारेबाजी करने लगे। यहां करीब दो घंटे तक विवाद हुआ और प्रशासन दूसरे मार्ग से निकलने के लिए समझाईश करता रहा. बाद में लोग खुद ही घरों की तरफ लौटने लग गए. वहीं अभिनंदन पत्र भी बस स्टैंड पर सौंपने के स्थान पर प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर ही सौंप दिया गया. बंद एवं जुलूस को देखते हुए भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए.

पढ़ें- RU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के जन्मदिन पर रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

जिला मुख्यालय से अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) मुकेश कलाल, पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल भी बेगूं पहुंचे व उपखंड अधिकारी कार्यालय से जुलूस पर नजर रखे रहे. वहीं मौके पर रावतभाटा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अलावा, पांच पुलिस उप अधीक्षक सहित कई थानों से सीआई, सब इंस्पेक्टर और पुलिस लाइन से जाब्ता तैनात किया गया था.

जानकार सूत्रों ने बताया कि शनिवार रात तक इस जुलूस के मोमिन मोहल्ले से ही निकलने का था. लेकिन, देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने बेरिकेट्स लगा कर रास्ता बंद कर दिया. प्रशासन को संभवतया इस प्रकार की सूचनाएं मिली थी, जिसमें मोमिन मोहल्ला से निकलने के दौरान विवाद की आशंका थी. इसी को देखते हुए प्रशासन ने जुलूस को मोमिन मोहल्ले में ही जाने दिया.

चित्तौड़गढ़. CAA के समर्थन में रविवार को बेगूं नगर पालिका मुख्यालय पूरी तरह बंद रहा. इतना ही नहीं लोगों ने जुलूस निकाल कर अभिनंदन पत्र सौंपा. लेकिन, पुलिस और प्रशासन द्वारा जुलूस मार्ग को बेरिकेट्स लगा कर डायवर्ड कर देने से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया. आक्रोशित लोग मौमिन मोहल्ला से जुलूस निकालने को अड़ गए और दो घंटे तक नारेबाजी और विवाद होता रहा. बाद में राष्ट्रपति के नाम अभिनंदन पत्र मौके पर ही सौंपा, जिसके बाद लोग अपने घरों को लौट गए. बंद और जुलूस को लेकर बेगूं कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया. जिला मुख्यालय से भी पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी बेगूं में केम्प किए रहे.

CAA के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम सौंपा अभिनंदन पत्र

जानकारी के अनुसार CAA के समर्थन में रविवार सुबह बेगूं उपखंड मुख्यालय बंद रहा और किसी ने भी दुकानें नहीं खोली. लोग तय कार्यक्रम के तहत दोपहर 12.15 बजे जुलूस नगर के बड़ा बालाजी मंदिर से शुरू हुआ. इस जुलूस में लोग केसरिया झंडे हाथों में लिए चल रहे थे. यह जुलूस विभिन्न मार्गों से होते हुए मोमिन मोहल्ले की तरफ जाने के लिए हिन्दू छीपा समाज के मंदिर के यहां पहुंचे. इसके आगे प्रशासन ने बेरिकेट्स लगा कर मार्ग अवरूद्ध कर रखा था.

जुलूस में शामिल लोगों के आगे मोमिन मोहल्ले में होकर बस स्टैंड पहुंचने का कार्यक्रम था. प्रशासन इन्हें पास ही स्थित सिसोदिया की बावड़ी होकर बस स्टैंड पर ले जाना चाहती थी. इस बात को लेकर विवाद हो गया. लोग मोमिन मोहल्ला से होकर ही निकलने पर अड़ गए और नारेबाजी करने लगे। यहां करीब दो घंटे तक विवाद हुआ और प्रशासन दूसरे मार्ग से निकलने के लिए समझाईश करता रहा. बाद में लोग खुद ही घरों की तरफ लौटने लग गए. वहीं अभिनंदन पत्र भी बस स्टैंड पर सौंपने के स्थान पर प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर ही सौंप दिया गया. बंद एवं जुलूस को देखते हुए भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए.

पढ़ें- RU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के जन्मदिन पर रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

जिला मुख्यालय से अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) मुकेश कलाल, पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल भी बेगूं पहुंचे व उपखंड अधिकारी कार्यालय से जुलूस पर नजर रखे रहे. वहीं मौके पर रावतभाटा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अलावा, पांच पुलिस उप अधीक्षक सहित कई थानों से सीआई, सब इंस्पेक्टर और पुलिस लाइन से जाब्ता तैनात किया गया था.

जानकार सूत्रों ने बताया कि शनिवार रात तक इस जुलूस के मोमिन मोहल्ले से ही निकलने का था. लेकिन, देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने बेरिकेट्स लगा कर रास्ता बंद कर दिया. प्रशासन को संभवतया इस प्रकार की सूचनाएं मिली थी, जिसमें मोमिन मोहल्ला से निकलने के दौरान विवाद की आशंका थी. इसी को देखते हुए प्रशासन ने जुलूस को मोमिन मोहल्ले में ही जाने दिया.

Intro:चित्तौडग़ढ़। नागरिकता संशोधन बिल (सीएए) के समर्थन में रविवार को बेगूं नगरपालिका मुख्यालय पूरी तरह बंद रहा। इतना ही नहीं लोगों ने जुलूस निकाल कर अभिनंदन पत्र सौंपा। लेकिन पुलिस एवं प्रशासन के जुलूस के मार्ग को बेरिकेट्स लगा कर डायवर्ड कर देने से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। आक्रोशित लोग मौमिन मोहल्ला से जुलूस निकालने को अड़ गए और दो घंटे तक नारेबाजी व विवाद होता रहा। बाद में राष्ट्रपति के नाम अभिनंदन पत्र मौके पर ही सौंपा, जिसके बाद लोग अपने घरों को लौट गए। बंद एवं जुलूस को लेकर बेगूं कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। जिला मुख्यालय से भी पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी बेगूं में केम्प किए रहे।Body:जानकारी के अनुसार नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में रविवार सुबह बेगूं उपखंड मुख्यालय बंद रहा और किसी ने भी दुकानें नहीं खोली। लोग तय कार्यक्रम के तहत दोपहर 12.15 बजे जुलूस नगर के बड़ा बालाजी मंदिर से शुरू हुआ। इस जुलूस में लोग केसरिया झंडे हाथों में लिए चल रहे थे। यह जुलूस विभिन्न मार्गों से होते हुए मोमिन मोहल्ले की तरफ जाने के लिए हिन्दू छीपा समाज के मंदिर के यहां पहुंचे। इसके आगे प्रशासन ने बेरिकेट्स लगा कर मार्ग अवरूद्ध कर रखा था। जुलूस में  शामिल लोगों के आगे मोमिन मोहल्ले में होकर बस स्टैंड पहुंचने का कार्यक्रम था। प्रशासन इन्हें पास ही स्थित सिसोदिया की बावड़ी होकर बस स्टैंड पर ले जाना चाहती थी। इस बात को लेकर विवाद हो गया। लोग मोमिन मोहल्ला से होकर ही निकलने पर अड़ गए और नारेबाजी करने लगे। यहां करीब दो घंटे तक विवाद हुआ और प्रशासन दूसरे मार्ग से निकलने के लिए समझाईश करता रहा। बाद में लोग खुद ही घरों की तरफ लौटने लग गए। वहीं अभिनंदन पत्र भी बस स्टैंड पर सौंपने के स्थान पर प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर ही सौंप दिया गया। बंद एवं जुलूस को देखते हुए भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए। जिला मुख्यालय से अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) मुकेश कलाल, पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल भी बेगूं पहुंचे व उपखंड अधिकारी कार्यालय से जुलूस पर नजर रखे रहे। वहीं मौके पर रावतभाटा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अलावा, पांच पुलिस उप अधीक्षक सहित कई थानों से सीआई व सब इंस्पेक्टर व पुलिस लाइन से जाब्ता तैनात किया गया था। जानकार सूत्रों ने बताया कि शनिवार रात तक इस जुलूस के मोमिन मोहल्ले से ही निकलने का था। लेकिन देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने बेरिकेट्स लगा कर रास्ता बंद कर दिया। प्रशासन को संभवतया इस प्रकार की सूचनाएं मिली थी, जिसमें मोमिन मोहल्ला से निकलने के दौरान विवाद की आशंका थी। इसी को देखते हुए प्रशासन ने जुलूस को मोमिन मोहल्ले में हीं जाने दिया। Conclusion:
पीटीसी - अखिल तिवारी, चित्तौड़गढ़
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