चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर अब सरकार का फोकस जेलों पर है. इस संबंध में राज्य सरकार ने बुधवार शाम को ही आदेश जारी कर आगामी 7 दिनों के लिए बंदियों से उनके परिजनों से मुलाकात पर रोक लगा दी है. साथ ही जेल में जाने वाले बंदियों के लिए भी नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इससे की कोई भी संक्रमित बंदी जेल में ना पहुंचे और कोरोना वायरस नहीं फैले.
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास कर रही है. लोगों की भीड़ एक जगह एकत्रित करने से रोका जा रहा है. ऐसे में प्रदेश की जेल भी कैसे अछूती रहती. राजस्थान की जेलों में ही हजारों की संख्या में बंदी बंद है. किसी भी एक जेल मे एक बंदी कोरोना संक्रमित अगर हो जाता है, तो कोरोना संक्रमित की रोगियों संख्या एकाएक बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.
ऐसे में राज्य सरकार ने एहतियातन कदम उठाए हैं और आगामी 25 मार्च तक बंदियों से मुलाकात पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. जिसके तहत कोई भी परिजन बंधुओं से नहीं मिल पाएंगे. साथ ही अगर कोई नया बंदी जेल में जाता है तो जेल प्रशासन की ओर से बाहर ही उसके हाथ धुलाई करवाई जा रही है. इसके लिए चित्तौड़गढ़ जेल प्रशासन की ओर से मुख्यालय के निर्देशों की पालना में आवश्यक कदम उठा लिए गए हैं.
बता दें कि चित्तौड़गढ़ जेल में बाहर की तरफ साबुन की व्यवस्था की गई है. इससे की जेल में जाने से पहले हाथ धोकर बंदी अंदर जाए. इसके बाद जेल के भीतर भी बंदी के हाथ सैनिटाइजर से धुलवा रहे हैं. इससे कि संक्रमण नहीं फैले. इसके बाद बंदी के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद भी बंदी को अलग बैरक में रखा जाएगा. उसकी 3 दिन स्वास्थ्य पर नजर रखने के बाद उसे अन्य बंदियों के साथ रखा जाएगा.
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इसके अलावा जिला जेल से स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बाहर जाने वाले बंदियों को भी मास्क दिए जा रहे हैं. ऐसे में मास्क लगा कर चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाएंगे. साथ ही जेल प्रशासन के कर्मचारी भी मास्क लगा कर ड्यूटी पर तैनात हैं. चित्तौड़गढ़ जेल के अधीक्षक डुलेसिंह ने बुधवार को नगर परिषद आयुक्त से भेंट की है. इसमें जेल परिसर में फॉगिंग कराने की मांग की है. इससे कि जेल परिसर को संक्रमण मुक्त रखा जा सके.