चित्तौड़गढ़. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों पर एक प्रकार से महिलाओं का ही राज नजर आया. रोडवेज स्टैंड जहां महिलाओं से आबाद दिखाई दिए. वहीं बसों में सफर करने वालों में 80 प्रतिशत तक महिला यात्री दिखाई दी. हालत यह थी कि दिन भर बसों में पैर धरने को जगह तक नहीं मिली और बसें महिलाओं से घिरी नजर आई. शाम तक करीब 4000 महिलाओं के निशुल्क यात्रा का लाभ उठाने का अनुमान लगाया गया है.
राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा के आदेश के साथ ही रोडवेज प्रबंधन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए थे. रोडवेज स्टैंड पर सुबह रोडवेज कर्मचारियों द्वारा महिला यात्रियों का फूल देकर स्वागत किया गया. सुबह से लेकर शाम तक स्टैंड पर महिलाएं ही महिलाएं नजर आई. लोकल बसों के साथ-साथ लंबी दूरी की बसें से भी खचाखच भरी थी और कई बसों में तो पैर रखने को भी जगह नहीं मिली. कुछ बसों में सीट को लेकर महिलाओं में नोकझोंक और हाथापाई तक की नौबत भी देखी गई क्योंकि टिकट की अनिवार्यता नहीं थी और बस में ही जीरो टिकट का प्रावधान था. ऐसे में टिकट काउंटर पर पुरुष यात्रियों को ही खड़े देखा गया.
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डिपो लेखाधिकारी दिनेश जाट ने बताया कि शाम 4 बजे तक हमारे पास 4000 महिलाओं के निशुल्क यात्रा करने की अनुमानित संख्या आई है और देर रात तक यह संख्या करीब 10 हजार तक पहुंचने की संभावना है. बता दें कि चित्तौड़गढ़ डिपो से 85 बसों का संचालन किया जा रहा है. इन सारी बसों में निशुल्क यात्रा का प्रावधान किया गया था.