चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना संक्रमण का सितम थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि शनिवार को कोरोना संक्रमित चंदेरिया निवासी महिला ने उदयपुर में दम तोड़ दिया. ऐसे में कोरोना से अब जिले में चौथी मौत हो चुकी है. वहीं जिले में शनिवार को एक और कोरोना पॉजिटिव सामने आया है. बता दें कि मात्र 13 माह के बालक में कोरोना की पुष्टि हुई है. ऐसे में निम्बाहेड़ा उपखंड के मुरलिया गांव में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
जानकारी के अनुसार जिले में शनिवार दोपहर तक कोरोना संक्रमण के 170 मामले सामने आए हैं. उनमें से दो लोगों की निम्बाहेड़ा में मृत्यु हुई है, जबकि एक 80 वर्षीय ऐराल निवासी वृद्ध की शुक्रवार को मृत्यु हुई थी. वहीं शनिवार को उदयपुर में उपचाररत चन्देरिया की संक्रमित महिला की भी मृत्यु हो गई. हालांकि, यह महिला लम्बे समय से कैंसर की गंभीर बीमारी से ग्रसित थी और उदयपुर के निजी मेडिकल कॉलेज में महिला का उपचार चल रहा था.
51 लोगों को उपचार के बाद भेजा घर
कोरोना संक्रमण का केन्द्र बने निम्बाहेड़ा में जहां 51 लोगों को उपचार के बाद उन्हें घर भिजवा दिया गया है. वहीं कस्बे में सैम्पलिंग का काम भी जारी है. बता दें कि कस्बे में लगातार चिकित्सा विभाग की टीमों द्वारा सभी क्षेत्रों में सैम्पल लिये जा रहे हैं.
13 माह का बालक आया कोरोना पॉजिटिव
वहीं शनिवार को निम्बाहेड़ा उपखण्ड के मुरलिया गांव का एक 13 माह का बालक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इसकी सूचना मिलने पर मेडिकल टीम ने मुरलिया गांव पहुंचकर सैम्पलिंग व सर्वे का काम शुरू कर दिया है. बता दें कि जिला प्रशासन ने मुरलिया गांव को जीरो मॉबिलिटि घोषित कर दिया है. बालक के परिजनों के भी सैम्पल लिये जा रहे है. बताया जा रहा है कि चित्तौड़गढ़ के जिला चिकित्सालय कोविड-19 वार्ड में यह बालक दो दिन पूर्व फेफड़ों में पानी भर जाने की शिकायत से भर्ती था. जिसके बाद उसे उदयपुर रैफर कर दिया गया था.
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इस मामले में कुछ हद तक चिकित्सा विभाग की लापरवाही सामने आई है, क्योंकि कोविड-19 वार्ड में भर्ती होने के बावजूद चित्तौड़गढ़ में बालक का सैम्पल नहीं लिया गया. वहीं उदयपुर में सैम्पल लिये जाने पर बालक कोरोना पॉजिटिव पाया गया.