चित्तौड़गढ़. जिले के विशेष किशोर पुलिस इकाई ने मंगलवार को उमंग I अभियान के तहत भिक्षावृत्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भिक्षावृत्ति करते चार नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया है. यह नाबालिग शहर के व्यस्ततम इलाके कलेक्ट्री चौराहे पर भिक्षावृत्ति करते थे. चारों नाबालिगों को बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया है.
जिले में चलाया जा रहा विशेष अभियान : पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर 1 मई से 31 मई तक भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए विशेष अभियान उमंग I चलाया जा रहा है. इसके तहत महिला अपराध अनुसंधान सेल और विशेष किशोर पुलिस इकाई की एएसपी शाहना खानम के निर्देश पर मंगलवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
4 नाबालिगों को रेस्क्यू किया : जिले के मानव तस्करी यूनिट प्रभारी पुलिस निरीक्षक रूप सिंह, सहायक पुलिस उप निरीक्षक एजाजुद्दीन, हेड कांस्टेबल नटवर, कांस्टेबल रीना और देवकिशन ने शहर के व्यस्ततम इलाके कलेक्ट्री चौराहे पर एक बालिका सहित 4 नाबालिग बच्चों को भीख मांगते हुए रेस्क्यू किया है. इन नाबालिगों को बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने बताया कि शहर में बच्चों के जरिए भिक्षावृत्ति करवाने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. इस प्रकार के मामलों के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है जो कि समय-समय पर कार्रवाई को अंजाम देगी. इससे पहले 29 मार्च को चित्तौड़गढ़ के दो ईंट भट्टों से कुल 36 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया था. मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र 4 से 17 वर्ष के बीच रही, इसमें 22 बच्चे और 14 बच्चियां शामिल थीं.