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चित्तौड़गढ़: सब्जी मंडी में खरीददार नहीं, गौशाला में सस्ते दामों पर सब्जियां डालने को मजबूर - कोरोना संक्रमण

चित्तौड़गढ़ के कपासन में लॉकडाउन के चलते वाहनों का संचालन नहीं होने से सब्जियां उपखण्ड से बाहर नहीं जा रही है. इसके चलते किसानों को होलसेल मंडी में विक्रय के लिए लाई गई सब्जियों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं. इसे देखते हुए किसानों को कुछ दाम मिल सके, इसके लिए गौ-भक्त संगठन की ओर से सस्ती दामों में खरीद कर गायों को खिलाया जा रहा है.

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गोशाला में सस्ते दामों पर सब्जियां डालने को मजबूर
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Published : May 26, 2020, 5:08 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). लॅाकडाउन के चलते वाहनों का संचालन नहीं होने से जहां सब्जियां उपखंड से बाहर नहीं जा पा रही है. वहीं, आस-पास के क्षेत्रो में सब्जियों की बिक्री भी नहीं हो पा रही है. इसके चलते किसानों की ओर से होलसेल मंडी में विक्रय के लिए लाई गई सब्जियों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं. किसानों को उनकी मेहनत का कुछ दाम मिले इसके लिए गौ-भक्त किसानों से सस्ते दामों पर सब्जियां खरीद कर गायों को खिला रहे हैं.

गोशाला में सस्ते दामों पर सब्जियां डालने को मजबूर

जानकारी के अनुसार कपासन क्षेत्र के किसानों की ओर से नकद फसल के रूप में सब्जियों की खेती की जाती है, जिससे उनके परिवार का खर्च आसानी से चल सके. परन्तु कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लाॅकडाउन के कारण सब्जियां बेचान के लिए बाहर नहीं जा पा रही है, इससे खपत कम हुई है तो उत्पादन लगातार बढ़ा है. इसके चलते किसानों को उनकी फसल का वास्तविक मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: निम्बाहेड़ा में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 42 मरीज हुए ठीक, किया गया डिस्चार्ज

सब्जी कमीशन एजेंट राजेश आचार्य ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण मंडी में आने वाली सब्जियां क्षेत्र में बिक्री के लिए नहीं भेजी जा रही है और ना ही बाहर के दुकानदार सब्जियां खरीदने के लिए मंडी तक पहुंच पा रहे है. इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसानों को सब्जियों को फेंकने की नौबत तक आ रही है.

इसके लिए किसानों को कुछ लागत मिले इसके लिए गौ-भक्त संगठन की ओर से सस्ती दर जैसे टमाटर 1 रुपया किलो, लौकी-खीरा 2 रुपया किलो, तरबुज 1 रुपया किलो, गोबी 3 रुपया किलो और चवला फली 1 रुपया किलो की दर से खरीद कर नगर की ब्रम्हाणी और श्रीराम गोशाला में गायों को खिलाया जा रहा है. वहीं, ब्रम्हाणी माता गोशाला के संचालक सदस्य गोपाल सुथार ने बताया कि गौ-भक्तों की ओर से मंडी में से 8 से 10 क्विंटल सब्जियां खरीद कर उसे काट कर गायों को खिलाई जा रही है.

कपासन (चित्तौड़गढ़). लॅाकडाउन के चलते वाहनों का संचालन नहीं होने से जहां सब्जियां उपखंड से बाहर नहीं जा पा रही है. वहीं, आस-पास के क्षेत्रो में सब्जियों की बिक्री भी नहीं हो पा रही है. इसके चलते किसानों की ओर से होलसेल मंडी में विक्रय के लिए लाई गई सब्जियों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं. किसानों को उनकी मेहनत का कुछ दाम मिले इसके लिए गौ-भक्त किसानों से सस्ते दामों पर सब्जियां खरीद कर गायों को खिला रहे हैं.

गोशाला में सस्ते दामों पर सब्जियां डालने को मजबूर

जानकारी के अनुसार कपासन क्षेत्र के किसानों की ओर से नकद फसल के रूप में सब्जियों की खेती की जाती है, जिससे उनके परिवार का खर्च आसानी से चल सके. परन्तु कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लाॅकडाउन के कारण सब्जियां बेचान के लिए बाहर नहीं जा पा रही है, इससे खपत कम हुई है तो उत्पादन लगातार बढ़ा है. इसके चलते किसानों को उनकी फसल का वास्तविक मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.

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सब्जी कमीशन एजेंट राजेश आचार्य ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण मंडी में आने वाली सब्जियां क्षेत्र में बिक्री के लिए नहीं भेजी जा रही है और ना ही बाहर के दुकानदार सब्जियां खरीदने के लिए मंडी तक पहुंच पा रहे है. इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसानों को सब्जियों को फेंकने की नौबत तक आ रही है.

इसके लिए किसानों को कुछ लागत मिले इसके लिए गौ-भक्त संगठन की ओर से सस्ती दर जैसे टमाटर 1 रुपया किलो, लौकी-खीरा 2 रुपया किलो, तरबुज 1 रुपया किलो, गोबी 3 रुपया किलो और चवला फली 1 रुपया किलो की दर से खरीद कर नगर की ब्रम्हाणी और श्रीराम गोशाला में गायों को खिलाया जा रहा है. वहीं, ब्रम्हाणी माता गोशाला के संचालक सदस्य गोपाल सुथार ने बताया कि गौ-भक्तों की ओर से मंडी में से 8 से 10 क्विंटल सब्जियां खरीद कर उसे काट कर गायों को खिलाई जा रही है.

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