चित्तौड़गढ़. खेती के लिए रासायनिक तत्व के इस्तेमाल से कृषि पैदावार तो बढ़ रही है. लेकिन इसके साथ ही शरीर पर इस दुष्प्रभाव भी पड़ रहे है. जिसके प्रति आम जन धीरे-धीरे जागरूक भी हो रहे हैं. इसका उदाहरण जैविक खेती के प्रति किसानों का बढ़ता रुझान है. जैविक खेती करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सोमवार को जिले के मेजर नटवर सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई. जहां बड़ी संख्या में लोगों ने न केवल प्रदर्शनी का अवलोकन किया बल्किबढ़-चढ़कर जैविक उत्पादों की खरीदारी भी की.
प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा में जैविक खेती के प्रति किसान आकर्षित हो रहे हैं. इन किसानों को मार्केट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कट्स नामक संस्था ने इस प्रदर्शनी का आयोजन किया. जिसमें किसानों ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए. यहां किसानों ने अनाज के साथ-साथ फल के उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए. जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया. इनमें अलसी, काला, गेहूं काला, चना मक्का, पपीता, शहद आदि भी शामिल रहे. यही नहीं किसानों ने आने वाले लोगों को जैविक खाद से उत्पादित इन उत्पादों की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
ये पढे़ें- तीन तलाक पीड़िता से मारपीट, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उत्पाद खरीद कर किसानों को प्रोत्साहित किया गया. इस प्रदर्शनी में करीब दो दर्जन काश्तकारों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया. इस दोरान प्रोग्राम ऑफिसर राजदीप पारीक ने बताया कि फिलहाल इन तीनों ही जिलों में 30 काश्तकारों को डिस्टर्ब किया गया है. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं कट्स संस्था द्वारा समय-समय पर खेती के दौरान मॉनिटरिंग के अलावा किसानों को तकनीकी जानकारी भी मुहैया कराई करती है. इस प्रदर्शनी का एकमात्र उद्देश्य किसानों के उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुंचाना है.