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चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट के आसार, एक दिन छोड़कर पानी आपूर्ति पर हो रहा विचार

चित्तौड़गढ़ के घोसुंडा बांध का जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है. इसके चलते चित्तौड़गढ़ शहर मैं पेयजल संकट खड़ा होने के आसार बनते जा रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग पानी आपूर्ति में कटौती की तैयारी कर रहा है.

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Published : Feb 6, 2021, 10:08 PM IST

chittorgarh news, drinking water crisis
चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट के आसार

चित्तौड़गढ़. घोसुंडा बांध का जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है. इसके चलते चित्तौड़गढ़ शहर मैं पेयजल संकट खड़ा होने के आसार बनते जा रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग आपूर्ति में कटौती की तैयारी कर रहा है. पानी की उपलब्धता को देखते हुए विभाग एक दिन छोड़कर एक दिन आपूर्ति पर विचार कर रहा है क्योंकि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी जल संकट और भी गहराने के आसार दिखाई दे रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट के आसार

चित्तौड़गढ़ शहर की करीब डेढ़ लाख की आबादी है. आबादी के लिहाज से प्रतिदिन 300 लाख लीटर पानी की मांग रहती है जिसके मुकाबले घोसुंडा से पानी की आपूर्ति 120 लाख मीटर तक ही रह गई है. इस बांध से शहर की आपूर्ति के अलावा हिंदुस्तान जिंक को भी सप्लाई दी जाती है. आगामी दिनों में घर आने वाले जल संकट को भांपते हुए जिला प्रशासन 1 मार्च से हिंदुस्तान जिंक की आपूर्ति बिल्कुल बंद करने जा रहा है. इसके बाद भी शहरी आबादी को प्रतिदिन जलापूर्ति मुश्किल होगी ऐसे में विभाग भैरड़ा खदान से पानी लेने की योजना पर काम कर रहा है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 46 निकायों में निर्दलीय के हाथ में कांग्रेस-भाजपा का भविष्य

विभाग के अनुसार खदान से पानी सीधा सैगवा हाउसिंग बोर्ड स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने जा रहा है. इसके लिए करीब ढाई किलो मीटर की पाइप लाइन डालने का काम भी शुरू हो चुका है. विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनीत गुप्ता ने बताया कि मार्च तक पाइप लाइन का काम पूरा हो जाएगा. इसके बावजूद भी मांग के मुकाबले पानी की आपूर्ति मुश्किल रहेगी. ऐसे में मार्च तक एक अंतर दिवस अर्थात 48 घंटे में आपूर्ति ही हमारे सामने एक विकल्प होगा, जिस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.

चित्तौड़गढ़. घोसुंडा बांध का जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है. इसके चलते चित्तौड़गढ़ शहर मैं पेयजल संकट खड़ा होने के आसार बनते जा रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग आपूर्ति में कटौती की तैयारी कर रहा है. पानी की उपलब्धता को देखते हुए विभाग एक दिन छोड़कर एक दिन आपूर्ति पर विचार कर रहा है क्योंकि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी जल संकट और भी गहराने के आसार दिखाई दे रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट के आसार

चित्तौड़गढ़ शहर की करीब डेढ़ लाख की आबादी है. आबादी के लिहाज से प्रतिदिन 300 लाख लीटर पानी की मांग रहती है जिसके मुकाबले घोसुंडा से पानी की आपूर्ति 120 लाख मीटर तक ही रह गई है. इस बांध से शहर की आपूर्ति के अलावा हिंदुस्तान जिंक को भी सप्लाई दी जाती है. आगामी दिनों में घर आने वाले जल संकट को भांपते हुए जिला प्रशासन 1 मार्च से हिंदुस्तान जिंक की आपूर्ति बिल्कुल बंद करने जा रहा है. इसके बाद भी शहरी आबादी को प्रतिदिन जलापूर्ति मुश्किल होगी ऐसे में विभाग भैरड़ा खदान से पानी लेने की योजना पर काम कर रहा है.

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विभाग के अनुसार खदान से पानी सीधा सैगवा हाउसिंग बोर्ड स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने जा रहा है. इसके लिए करीब ढाई किलो मीटर की पाइप लाइन डालने का काम भी शुरू हो चुका है. विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनीत गुप्ता ने बताया कि मार्च तक पाइप लाइन का काम पूरा हो जाएगा. इसके बावजूद भी मांग के मुकाबले पानी की आपूर्ति मुश्किल रहेगी. ऐसे में मार्च तक एक अंतर दिवस अर्थात 48 घंटे में आपूर्ति ही हमारे सामने एक विकल्प होगा, जिस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.

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