चित्तौड़गढ़. मेवाड़ के आराध्य देव भगवान श्री सांवरिया सेठ के भंडार (दान पात्र) से पहले चरण में करीब 4 करोड़ रुपए की राशि निकली है तो वहीं, दूसरे चरण में शेष बची राशियों की गिनती होगी. दरअसल, चौदस पर श्रद्धालुओं की भीड़ और बैंक कर्मचारियों की छुट्टी की वजह से मंगलवार को राशियों की गिनती पूरी नहीं हो पाई थी. साथ ही अमावस्या होने के कारण बुधवार को भी गिनती के काम को स्थगित रखा गया.
दान राशि की गणना का दूसरा दौर गुरुवार से शुरू होगा. इस बीच मंदिर मंडल की ओर से अगले महीने आयोजित जलझूलनी एकादशी मेले की तैयारी भी शुरू कर दी गई. मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर ने बताया कि प्रतिमाह चतुर्दशी पर भगवान सांवरिया सेठ का भंडारा खोला जाता है. उसी के तहत मंगलवार को आरती के बाद दान पत्र खोला गया, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने और 15 अगस्त के अवकाश के कारण बैंक कर्मचारी गणना में शामिल नहीं हो पाए. इस कारण मंदिर मंडल कर्मचारियों और प्रमुख लोगों द्वारा राशि की गणना की गई. निर्धारित समय तक लगभग 4 करोड़ रुपए की राशि की गणना की जा सकी.
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अमावस्या होने के कारण बुधवार को भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्री सांवरिया सेठ के दर्शन के लिए आते हैं. इस कारण बुधवार को भी भंडारा राशि की गणना नहीं होगी. ऐसे में भंडार राशि को भारी सुरक्षा के बीच समेट कर रखा गया है. गणना के दौरान मंदिर मंडल के सदस्य भेरूलाल सोनी, संजय मंडोवरा समेत अन्यजन मौजूद थे. उन्होंने बताया कि अगले महीने 24, 25 और 26 सितंबर को तीन दिवसीय जलझूलनी मेले का आयोजन होना है. इस मेले में देश के कोने-कोने से हजारों लोग पहुंचते हैं. तीन दिवसीय इस मेले के आयोजन की तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी गई. साथ ही मंदिर में 3डी मैपिंग लाइटिंग का काम भी अब अंतिम चरण में है और मेले के आयोजन से पहले 3डी मैपिंग लाइटिंग से मंदिर जगमगा उठेगा.
गौरतलब है कि भगवान सांवरिया सेठ की ख्याति मेवाड़ और मालवा नहीं, बल्कि पूरे देश में है. यही वजह है कि यहां भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान सांवरिया सेठ के दर्शन व पूजन के लिए आते हैं. उसी का नतीजा है कि प्रतिमाह दान पात्र से निकलने वाली राशि 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. इस राशि को मंदिर की व्यवस्थाओं व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ ही मंदिर के विस्तार और निर्माण कार्य में खर्च किया जाता है.