चित्तौड़गढ़. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) एवं प्रयास संस्थान (Prayas Institute) ने आपसी समन्वय से महिला सुरक्षा के अंतर्गत महिला की मर्जी के खिलाफ हो रही जबरन शादी रूकवाई.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भानु कुमार (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने बताया कि 12 जून की रात 9 बजे प्रयास संस्थान के रामेश्वर शर्मा ने महिला की ओर से लिखा गया लिखित प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सूचना दी. जिसमें बताया कि जिले के डूंगला क्षेत्र में महिला की मर्जी के खिलाफ उसके घर वाले जबरन विवाह करने वाले हैं. इस प्रार्थना पत्र में महिला ने बताया कि वह 23 वर्षीय होकर बालिग है और उसके परिवार वाले उसकी शादी के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. इस वजह से बीते कई दिनों से वह मानसिक तनाव में है और घर में असुरक्षित महसुस कर रही है.
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उसने लिखा कि उसे घर से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए. महिला ने पुलिस को दिए बयान में जाहिर किया कि उसने स्नातक तक पढ़ाई की है और वह आगे भी पढ़ाई करना चाहती है. सूचना प्राप्त होते ही प्राधिकरण सचिव भानु कुमार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए डूंगला थानाधिकारी संग्रामसिंह से दूरभाष के जरिए वार्ता की और नियमानुसार तुरंत कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए.
इस पर पुलिस महिला को उसके घर से रेस्क्यु कर थाने लेकर आई और उससे पूछताछ की. महिला ने बताया कि उसके माता-पिता ने वर्ष 2017 मे उसके ही समाज के व्यक्ति के साथ उसका विवाह कराया था. लेकिन ससुराल वालों से विवाद होने के बाद से ही वह अपने माता-पिता के पास ही रह रही है. उसके माता-पिता अब उसकी दूसरी शादी करवाना चाहते हैं. इसलिए वह अपने घर नहीं जाना चाहती है. इसके बाद महिला को रविवार सुबह करीब 10 बजे चित्तौड़गढ स्थित श्री सांवलियाजी राजकीय अस्पताल मे संचालित ‘‘सखी वन स्टाॅप सेंटर’’ को सुपूर्द किया गया. सखी सेंटर की प्रभारी नीतू जोशी ने बताया कि महिला और उसके परिवार से काउंसलिंग की जाएगी.
रक्तदान शिविर आयोजित
कोरोना काल में ब्लड बैंकों में खून की कमी नही रहे इसके लिए रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. आज जयपुर जिले के चौमूं उपखण्ड के देवथला गांव में भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में एक पुलिस अफसर भी रक्तदान करने के लिए पहुंच गए. खुद पुलिस अफसर ने रक्तदान करके लोगों को ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने का संदेश दिया. दरअसल ये पुलिस अफसर है गोविंन्दगढ़ डिप्टी सन्दीप सारस्वत, जो कोरोना काल में भी मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी अभियान को लेकर खुद लगातार फील्ड में थे.