चित्तौड़गढ़. सत्ता परिवर्तन के बाद जिला परिषद की पहली बैठक का आयोजन बुधवार को हुआ. बता दें कि ये बैठक करीब 9 माह के बाद जिला परिषद प्रमुख लीला जाट की अध्यक्षता में की गई.
ये पहली बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पिछली बैठक के प्रस्ताव का अनुमोदन सहित कई कार्यों का कार्यादेश जारी होने के बावजूद कार्य नहीं होने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने गंभीर नाराजगी जताई. इस बैठक में विधायक चंद्रभानसिंह आक्या, ललित ओस्तवाल सहित सीईओ नमृता वृष्णि और विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.
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बता दें कि विद्युत विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही परेशानियों को लेकर जनप्रतिनिधियों ने विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर कि, वहीं कनेक्शन की कार्रवाई पूरी होने के बावजूद लोगों को कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं और ना ही ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषाहार को लेकर लंबे समय से उठाए जाने के बावजूद जिला परिषद द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से आक्रोशित जिला परिषद सदस्य मोहनसिंह भाटी ने कहा कि बार-बार मुद्दे उठाए जाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.
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वहीं उन्होंने कहा कि, में पहली बैठक से ये मुद्दा उठा रहा हूं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जो मुद्दे आए हैं, उन पर चर्चा की जाए. वहीं पंचायत समिति प्रधान प्रवीणसिंह ने ओरड़ी में एनीकट के डीएमएफटी का काम रूका होने का मुद्दा उठाया. कपासन पंचायत समिति प्रधान भैरूलाल चौधरी ने विज्ञापनों के बिलों का भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया साथ ही चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने जिला परिषद के माध्यम से चल रहे कई निर्माण कार्यों को रोके जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि रोड खोद दिए हैं. जबकि सड़क के लिए 16 करोड़ रूपए स्वीकृत हो चुके हैं. इसके बावजूद शंभूपुरा गिलुण्ड मार्ग की स्थिति खराब है.