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चित्तौड़गढ़: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भामाशाह की भूमिका निभा रही डेयरी

कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई में चित्तौड़गढ़ डेयरी भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. दुग्ध उत्पादक समितियों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं और इसमें पशुपालकों, किसानों और ग्रामीणों को मास्क का वितरण किया जा रहा है.

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कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भामाशाह की भूमिका निभा रही डेयरी
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Published : Apr 4, 2020, 4:23 PM IST

चित्तौड़गढ़. कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौर में चित्तौड़गढ़ डेयरी भी इससे लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय ही नहीं वरन ग्रामीण क्षेत्रों तक जागरूकता अभियान चला रही है. दुग्ध उत्पादक समितियों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं और इसमें पशुपालकों, किसानों और ग्रामीणों को मास्क का वितरण किया जा रहा है.

आयुर्वेद विभाग के सहयोग से सभी जगह काढ़ा पिलाया जा रहा है. साथ ही सभी से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना का आव्हान किया जा रहा है. इसी के तहत शनिवार को भदेसर उपखंड क्षेत्र में स्थित महिला ग्राम विकास दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, सेगवा के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

चित्तौड़गढ़ में भामाशाह की भूमिका निभा रही डेयरी

चितौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक समिति की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. सेगवा बीएमसी में आयोजित कार्यक्रम में चितौड़गढ़ डेयरी के अध्यक्ष बद्रीलाल जाट ने सभी को मास्क का वितरण किया. इस दौरान बीएमसी से जुड़े पदाधिकारियों को सोशल डिस्टेंडसिंग की सीख भी दी गई है. यहां दूर-दूर गोले बनाए गए थे. बच्चों और बड़ों को सोशल डिस्टेंस के बारे में बता कर जागरूक किया गया. इस दौरान डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से हमारी जीत होगी. हमने नारा दिया है कि हारेगा कोरोना, जीतेगा किसान.

यह भी पढ़ें- सांसद सीपी जोशी ने घंटी बजा कर कोरोना से लड़ने वाले कर्मयोद्धाओं का जताया आभार

चितौड़गढ़ जिले में दुग्ध उत्पादक समितियां कोरोना से लड़ने के लिए भामाशाह की भूमिका निभा रही है. सभी समितियों को निर्देश दिए हैं कि वे मास्क का वितरण करें और बीमारियों से बचाव के लिए आयुर्वेद विभाग के साथ काढ़े का वितरण करें. इससे हमारे किसान और पशुपालक भाई स्वस्थ रह सके. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सबसे पहले चितौड़गढ़ जिले में डेयरी आगे आई थी. मुख्यमंत्री सहायता कोष में 51 हजार रुपये की सहायता दी थी.

चित्तौड़गढ़. कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौर में चित्तौड़गढ़ डेयरी भी इससे लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय ही नहीं वरन ग्रामीण क्षेत्रों तक जागरूकता अभियान चला रही है. दुग्ध उत्पादक समितियों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं और इसमें पशुपालकों, किसानों और ग्रामीणों को मास्क का वितरण किया जा रहा है.

आयुर्वेद विभाग के सहयोग से सभी जगह काढ़ा पिलाया जा रहा है. साथ ही सभी से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना का आव्हान किया जा रहा है. इसी के तहत शनिवार को भदेसर उपखंड क्षेत्र में स्थित महिला ग्राम विकास दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, सेगवा के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

चित्तौड़गढ़ में भामाशाह की भूमिका निभा रही डेयरी

चितौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक समिति की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. सेगवा बीएमसी में आयोजित कार्यक्रम में चितौड़गढ़ डेयरी के अध्यक्ष बद्रीलाल जाट ने सभी को मास्क का वितरण किया. इस दौरान बीएमसी से जुड़े पदाधिकारियों को सोशल डिस्टेंडसिंग की सीख भी दी गई है. यहां दूर-दूर गोले बनाए गए थे. बच्चों और बड़ों को सोशल डिस्टेंस के बारे में बता कर जागरूक किया गया. इस दौरान डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से हमारी जीत होगी. हमने नारा दिया है कि हारेगा कोरोना, जीतेगा किसान.

यह भी पढ़ें- सांसद सीपी जोशी ने घंटी बजा कर कोरोना से लड़ने वाले कर्मयोद्धाओं का जताया आभार

चितौड़गढ़ जिले में दुग्ध उत्पादक समितियां कोरोना से लड़ने के लिए भामाशाह की भूमिका निभा रही है. सभी समितियों को निर्देश दिए हैं कि वे मास्क का वितरण करें और बीमारियों से बचाव के लिए आयुर्वेद विभाग के साथ काढ़े का वितरण करें. इससे हमारे किसान और पशुपालक भाई स्वस्थ रह सके. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सबसे पहले चितौड़गढ़ जिले में डेयरी आगे आई थी. मुख्यमंत्री सहायता कोष में 51 हजार रुपये की सहायता दी थी.

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