चित्तौड़गढ़. राजस्थान रोडवेज की ओर से अस्थियों के विसर्जन को लेकर चलाई गई निशुल्क बस सेवा के संचालन के दौरान चितौड़गढ़ डिपो से सवारियों को बैठाने की बात को लेकर विवाद हो गया. इस बस के साथ डूंगरपुर से आए यात्रियों ने चित्तौड़गढ़ में बिठाए जा रही यात्रियों का विरोध किया.
करीब सवा 3 घंटे तक बस स्टैंड पर विवाद की स्थिति बनी रही. जिसके बाद में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मौके पर पहुंचे और समझाइश की तब जाकर लोग माने और सभी सवारियों को हरिद्वार भेजा गया.
इस दौरान कोतवाली थाना पुलिस को भी बुलाया, जिन्होंने भी काफी देर समझाइश का प्रयास किया. जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के चलते अपने परिजनों और रिश्तेदारों की अस्थियों का विसर्जन करने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए रोडवेज निगम ने निशुल्क बस का संचालन शुरू किया है.
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बस से अस्थियों को हरिद्वार में विधि-विधान के साथ विसर्जित करने के लिए प्रदेश के लोगों को भेजा जा रहा है. नियमानुसार एक अस्थि कलश के साथ दो व्यक्तियों को निशुल्क यात्रा करने की सुविधा कर सकते हैं. जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया था.
मुख्यालय के आदेश के बाद चितौड़गढ़ से भी बसों का संचालन शुरू हो गया. सवारियां कम हो तो ऐसे में आस-पास के जिले से अस्थि कलश और इनके साथ परिजनों को एक स्थान पर लाकर एक बस से भेजा जा रहा है. पहले रोडवेज में 30 सवारियों को बैठाने का आदेश था.
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लेकिन पिछले दिनों ही सवारियों की संख्या बढ़ा दी गई. रविवार को उदयपुर संभाग के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व चितौड़गढ़ जिले के अस्थि कलश हरिद्वार रवाना होने थे. इसके लिए डूंगरपुर डिपो की बस रवाना हुई, जिसे इन सभी जिलों से सवारियों को लेना था.
इस बस के लिए 22 अस्थि कलश व इनके साथ 44 यात्रियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो गया था. बस में डूंगरपुर से 8 कलश के साथ 16, बांसवाड़ा से 2 कलश के साथ 3, प्रतापगढ़ से 3 कलश के साथ 6 यात्री सवार हुए. वहीं चितौड़गढ़ से 9 कलश के साथ 17 यात्री सवार होने थे. बस दोपहर में करीब 3.15 बजे चितौड़गढ़ डिपो पहुंची थी.