चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय स्थित श्री सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय और महिला एवं बाल चिकित्सालय में विभिन्न पदों पर कार्यरत ठेकाकर्मियों ने मंगलवार को संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ मनमानी करने के आरोप लगाते हुए मोर्चा खोला है. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलक्ट्रेट चौराहे पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ मुख्यालय पर स्थित जिला राजकीय सांवलियाजी चिकित्सालय और महिला एवं बाल चिकित्सालय में कई वर्षों से करीब 150 ठेकाकर्मी, ट्रोली मैन, चौकीदार, वार्ड बॉय सहित कई अन्य पदों पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन संबंधित ठेकेदारों द्वारा इन सभी ठेकाकर्मियों को प्रति कर्मचारी 4500 रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा है.
यह तय वेतनमान से काफी कम है. इसके लिए इन सभी ठेकाकर्मियों ने समय-समय पर आवाज उठाई है, लेकिन ठेकेदार द्वारा नौकरी से निकाल दिया जाने की धमकी देने के बाद सभी ठेकाकर्मी अपनी मांगों को शांत हो जाते हैं. वहीं इस बार ठेकाकर्मी भी ठेकेदारों के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. इसी को लेकर बड़ी संख्या में ठेकाकर्मी मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे. यहां उन्होंने जिला कलेक्टर के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें कहा कि ठेकेदार द्वारा उन्हें 4500 रुपए का ही भुगतान किया जा रहा है. इसके अलावा उनके साप्ताहिक विश्राम भी उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं.
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कोरोना काल के समय सभी ठेकाकर्मियों ने बिना अवकाश के लगातार 10 महीनों तक अपनी सेवाएं दी थी और सरकार द्वारा दिए गए 2500 रुपए प्रति व्यक्ति के बोनस का भुगतान भी ठेकेदार द्वारा उन्हें नहीं किया गया है. इसके साथ ही उन्हें संविदा के पद पर कार्य करने के लिए योग्य समझा जाए. गौरतलब है कि विगत कई वर्षों से इसी चिकित्सालय में करीब 150 ठेकाकर्मी कार्य कर रहे हैं, जिनके ठेकेदार सत्ता बदलने के साथ बदल जाते हैं, लेकिन ठेकाकर्मियों की मांग पूरी नहीं की जाती. जो ठेकाकर्मी आवाज उठाता है, उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. यह भी जानकारी में सामने आया है कि ठेकेदार द्वारा जो सुपरवाइजर लगा रखा है, वह भी कर्मचारियों से प्रतिमाह रुपए ऐंठने में पीछे नहीं रहता है.