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चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में अटकी हैं निर्माण स्वीकृतियां, सेवानिवृति के बाद नहीं सौंपा गया प्रभार

चित्तौड़गढ़ में नगर परिषद में निर्माण स्वीकृतियां अटकी हैं. चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में नियुक्त सहायक नगर नियोजक की सेवानिवृत्ति के बाद प्रभार किसी को नहीं सौंपा गया था. ऐसे में पद रिक्त होने के कारण शहरवासी निर्माण संबंधी अनुमति के लिए भटक रहे हैं. नगर परिषद में करीब 70 आवेदन मकानों के निर्माण को लेकर लंबित चल रहा है.

Chittorgarh News, निर्माण स्वीकृतियां, Chittorgarh Municipal Council
चित्तौड़गढ़ में अटकी हैं निर्माण स्वीकृतियां
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Published : Feb 10, 2021, 2:24 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहरी क्षेत्र में मकानों के नए निर्माण को लेकर समय-समय पर नगर परिषद की ओर से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण शहरवासियों को अनावश्यक ही नगर परिषद के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. साथ ही समय पर अपना कार्य भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं. चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में नियुक्त सहायक नगर नियोजक की सेवानिवृत्ति के बाद प्रभार किसी को नहीं सौंपा गया था. ऐसे में पद रिक्त होने के कारण शहरवासी निर्माण संबंधी अनुमति के लिए भटक रहे हैं. नगर परिषद में करीब 70 आवेदन मकानों के निर्माण को लेकर लंबित चल रहा है.

पढ़ें: अलवर में 2540 लोगों ने नहीं लगवाई वैक्सीन, जिला कलेक्टर ने कहा- नहीं है कोई दिक्कत

जानकारी के अनुसार मकान निर्माण से पहले शहरी क्षेत्र में संबंधित नगर निकाय से निर्माण को लेकर अनुमति लेना आवश्यक होता है. चित्तौड़गढ़ शहरी क्षेत्र में भी निर्माण से पहले नगर परिषद में आवेदन किया जाता है. नगर परिषद से भौतिक सत्यापन के बाद अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण शुरू हो पाता है, लेकिन चित्तौड़गढ़ शहर में अपना आशियाना बनाने का सपना संजोए कई लोग करीब एक माह से भटक रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ में अटकी हैं निर्माण स्वीकृतियां

नियमानुसार नगर परिषद की तामिरात शाखा में निर्माण से पहले आवेदन देना होता है. आवेदन के बाद नगर परिषद की और से उस स्थान का सर्वे करवाया जाता है और बाद में निर्माण की अनुमति दी जाती है. लेकिन, पिछले 31 दिसंबर को नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के सहायक नगर नियोजक महेश कुमार चंगेरिया सेवानिवृत हो गए. इसके बाद जनवरी का पूरा माह गुजर गया, किसी को भी उनका प्रभार नहीं सौंपा. ऐसे में मकान के निर्माण को लेकर आवेदन लंबित होना शुरू हो गया. हर माह नगर परिषद की ओर से करीब 60-70 आवेदन पर मकान बनाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन अब 10 फरवरी हो गई है, लेकिन अब तक किसी को अनुमति मकान निर्माण को नहीं दी गई हैं.

पढ़ें: उदयपुर: जिला कलेक्ट्रेट सभागार में डीटीएफ की बैठक संपन्न, दिए जरूरी दिशा-निर्देश

वहीं, जिन्हें मकान का काम शुरू करवाना है, वो नगर परिषद के चक्कर काट रहे हैं. इस संबंध में जब नगर परिषद की आयुक्त रिंकल गुप्ता ने बताया कि नगर परिषद में एटीपी थे, जिनका रिटायरमेंट हो गया था. ऐसे में तामीर स्वीकृतियों पर मौका रिपोर्ट नहीं बन पाई थी. अब हमने संबंधित जेईएन को काम दे दिया है तो अब शुरुआत हो जाएगी.

चित्तौड़गढ़. शहरी क्षेत्र में मकानों के नए निर्माण को लेकर समय-समय पर नगर परिषद की ओर से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण शहरवासियों को अनावश्यक ही नगर परिषद के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. साथ ही समय पर अपना कार्य भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं. चित्तौड़गढ़ नगर परिषद में नियुक्त सहायक नगर नियोजक की सेवानिवृत्ति के बाद प्रभार किसी को नहीं सौंपा गया था. ऐसे में पद रिक्त होने के कारण शहरवासी निर्माण संबंधी अनुमति के लिए भटक रहे हैं. नगर परिषद में करीब 70 आवेदन मकानों के निर्माण को लेकर लंबित चल रहा है.

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जानकारी के अनुसार मकान निर्माण से पहले शहरी क्षेत्र में संबंधित नगर निकाय से निर्माण को लेकर अनुमति लेना आवश्यक होता है. चित्तौड़गढ़ शहरी क्षेत्र में भी निर्माण से पहले नगर परिषद में आवेदन किया जाता है. नगर परिषद से भौतिक सत्यापन के बाद अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण शुरू हो पाता है, लेकिन चित्तौड़गढ़ शहर में अपना आशियाना बनाने का सपना संजोए कई लोग करीब एक माह से भटक रहे हैं.

चित्तौड़गढ़ में अटकी हैं निर्माण स्वीकृतियां

नियमानुसार नगर परिषद की तामिरात शाखा में निर्माण से पहले आवेदन देना होता है. आवेदन के बाद नगर परिषद की और से उस स्थान का सर्वे करवाया जाता है और बाद में निर्माण की अनुमति दी जाती है. लेकिन, पिछले 31 दिसंबर को नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के सहायक नगर नियोजक महेश कुमार चंगेरिया सेवानिवृत हो गए. इसके बाद जनवरी का पूरा माह गुजर गया, किसी को भी उनका प्रभार नहीं सौंपा. ऐसे में मकान के निर्माण को लेकर आवेदन लंबित होना शुरू हो गया. हर माह नगर परिषद की ओर से करीब 60-70 आवेदन पर मकान बनाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन अब 10 फरवरी हो गई है, लेकिन अब तक किसी को अनुमति मकान निर्माण को नहीं दी गई हैं.

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वहीं, जिन्हें मकान का काम शुरू करवाना है, वो नगर परिषद के चक्कर काट रहे हैं. इस संबंध में जब नगर परिषद की आयुक्त रिंकल गुप्ता ने बताया कि नगर परिषद में एटीपी थे, जिनका रिटायरमेंट हो गया था. ऐसे में तामीर स्वीकृतियों पर मौका रिपोर्ट नहीं बन पाई थी. अब हमने संबंधित जेईएन को काम दे दिया है तो अब शुरुआत हो जाएगी.

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