चित्तौड़गढ़. जिले के सबसे बड़े श्री सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय का मंगलवार को जिला कलक्टर चेतनराम देवड़ा ने निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां सामने आई है. जिसके बाद जिला कलक्टर ने खामियों को नोट करते हुए शीघ्र सुधार करने के निर्देश दिए है.
जानकारी के अनुसार राजकीय संरक्षण गृह के नवजात शिशुओं को मदर मिल्क नहीं मिलने की शिकायत पर जिला कलक्टर औचक निरीक्षण करने जिला अस्पताल पहुंचे थे. जब इस बारे में जानकारी ली गई तो अस्पताल में और भी कई खामियां सामने आई. इस पर जिला कलक्टर ने विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं.
पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: बेरोजगारी भत्ते का सच, जब ईटीवी भारत ने पूछा सवाल, तो मंत्री डोटासरा ने जोड़े हाथ
जिला अस्पताल के डायलिसिस, महिला एवं बाल चिकित्सालय में ओपीडी लैब सहित विभिन्न विभागों का जिला कलक्टर ने बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इंद्रजीतसिंह, प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ दिनेश वैष्णव, अस्पताल के महा नियंत्रक डॉ मनीष वर्मा, वरिष्ठ लेखाधिकारी मनोज गोयल आदि मौजूद रहे.
जिला अस्पताल के पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस इकाई में चिकित्सक मौजूद नहीं होने पर जिला कलक्टर ने इसे गंभीरता से लिया. वहां कार्यरत स्टाफ से डायलिसिस व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली. इस पर स्टेट एड्स कंट्रोल में कार्यरत महिला चिकित्सक को डायलिसिस ठेकेदार कंपनी के कार्मिकों ने अपना नियुक्त चिकित्सक बताने का प्रयास किया.
पढ़ेंः सीएम गहलोत की दो टूक, कहा- जो जनता की सुनवाई में बरतेगा कोताही, उस अफसर पर पूरी नजर
वहीं जिला अस्पताल की खराब पड़ी डायलिसिस मशीनों को लेकर कार्रवाई करते हुए पर्याप्त मरीजों के डायलिसिस करने के निर्देश दिए है. बाल चिकित्सालय में लगातार लंबे समय से बंद पड़ी फुली ऑटोमेटेड एनालाइजर मशीन को भी कार्मिक को बुला कर सोमवार तक दुरुस्त करा कलक्टर कार्यालय में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए है.