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City Council Budget Meeting : हंगामे के बीच 202 करोड़ का बजट पास, उलझी महिला पार्षद...भाजपा का बहिष्कार - Rajasthan Hindi news

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद सभागार में रविवार को हुई बैठक हंगामेदार (Uproar in City Council Budget Meeting) रही. बैठक शुरू होने के साथ ही भाजपा पार्षद विरोध में नारे लगाते हुए बैठक छोड़कर चले गए.

City Council Budget Meet
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Published : Jan 22, 2023, 9:18 PM IST

हंगामे के बीच 202 करोड़ का बजट पास.

चित्तौड़गढ़. नगर परिषद सभागार में रविवार दोपहर बाद सभापति संदीप शर्मा की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. करीब डेढ़ घंटे की बैठक में आधे घंटे ही चर्चा हो पाई. पहली बार महिला पार्षद भी अपने-अपने एजेंडे को लेकर एक दूसरे से उलझती नजर आईं. हालांकि सभापति ने समझाइश का प्रयास किया. लेकिन तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करते हुए भाजपा पार्षद बैठक छोड़ गए.

बाद में कांग्रेस पार्षदों की ओर से बजट पारित किया गया. इसके तहत परिषद की ओर से शहर के विकास के लिए 202 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया. सबसे अहम बात यह रही कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए 50 लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए शीघ्र निर्माण कार्य शुरू करवाने का ऐलान किया गया. शुरुआत में आयुक्त रविंद्र कुमार यादव ने बैठक का एजेंडा रखा.

पढ़ें. Clash between Congress workers: 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' की बैठक में धारीवाल और नईमुद्दीन समर्थक भिड़े

डाइस पर पहुंचे पार्षद : एजेंडे के अनुसार चर्चा शुरू होने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष सुरेश झंवर के नेतृत्व में भाजपा पार्षद अपनी सीटों पर खड़े हो गए और अपनी बात रखने लगे. उनका कहना था कि पहले हमारी बात सुनी जाए. जबकि सभापति ने कहा कि एजेंडे के अनुसार चर्चा के बाद उनकी बात सुनी जाएगी. इसे लेकर भाजपा पार्षद नाराज हो गए और तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी पर उतर गए.

करीब 15 से 20 मिनट तक नारेबाजी के बीच कांग्रेस पार्षद भी उखड़ गए और दोनों दलों के पार्षद एक दूसरे के सामने आ गए तथा एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. खासकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष छोटू सिंह शेखावत का आरोप था कि सफाई कर्मियों की वरिष्ठता सूची में भेदभाव बरता गया और वे इस पर पहले चर्चा करना चाहते थे. इसके बाद मामला और भी गरमा गया.

पढ़ें. Ruckus in Zila Parishad Meeting: अफसर नदारद तो जिला प्रमुख हुईं आग बबूला...बैठक स्थगित की, अधिकारी 1 घंटे रहे बंद

महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए प्रस्ताव पारित : भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस की महिला पार्षद भी एक दूसरे के सामने आ गईं और उलझ पड़ीं. करीब 15 मिनट बाद भाजपा पार्षद तानाशाही का आरोप लगाते हुए बैठक छोड़कर चले गए. बाद में नगर परिषद सभापति ने शहर के विभिन्न विकास कार्यों के लिए 202 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट रखा, जिसे सत्ता पक्ष ने अनुमोदित कर दिया. सभापति ने बताया कि बोर्ड की ओर से शहर के बीचों-बीच वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए 50 लाख रुपए का प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रोजेक्ट पर शीघ्र काम शुरू होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास कोई भी मुद्दा नहीं था इस कारण बेसिर-पैर के आरोप लगाते हुए बैठक से चले गए.

उन्होंने पार्षद पूर्ण राणा के कथित वीडियो की चर्चा करते हुए कहा कि बोर्ड बैठक में हंगामे को लेकर 3 दिन पहले ही भाजपा की ओर से तय कर दिया गया था. इसी के अनुरूप भाजपा पार्षद बैठक छोड़कर चले गए, उन्हें विकास से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने वार्ड वार रखे गए बैठक में उपसभापति कैलाश पवार, अमानत अली, मनोनीत पार्षद पूर्व चेयरमैन रमेश नाथ योगी, बालमुकुंद मालीवाल सहित तमाम पार्षद मौजूद थे. इस बीच पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष छोटू सिंह की ओर से पार्षद विजय चौहान के खिलाफ जान से मारने की धमकी दी जाने की कोतवाली में रिपोर्ट दी गई. उनका आरोप था कि उन्हें घर पर आकर मारने और एससी एसटी केस में फंसाने की धमकी दी गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

हंगामे के बीच 202 करोड़ का बजट पास.

चित्तौड़गढ़. नगर परिषद सभागार में रविवार दोपहर बाद सभापति संदीप शर्मा की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. करीब डेढ़ घंटे की बैठक में आधे घंटे ही चर्चा हो पाई. पहली बार महिला पार्षद भी अपने-अपने एजेंडे को लेकर एक दूसरे से उलझती नजर आईं. हालांकि सभापति ने समझाइश का प्रयास किया. लेकिन तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करते हुए भाजपा पार्षद बैठक छोड़ गए.

बाद में कांग्रेस पार्षदों की ओर से बजट पारित किया गया. इसके तहत परिषद की ओर से शहर के विकास के लिए 202 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया. सबसे अहम बात यह रही कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए 50 लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए शीघ्र निर्माण कार्य शुरू करवाने का ऐलान किया गया. शुरुआत में आयुक्त रविंद्र कुमार यादव ने बैठक का एजेंडा रखा.

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डाइस पर पहुंचे पार्षद : एजेंडे के अनुसार चर्चा शुरू होने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष सुरेश झंवर के नेतृत्व में भाजपा पार्षद अपनी सीटों पर खड़े हो गए और अपनी बात रखने लगे. उनका कहना था कि पहले हमारी बात सुनी जाए. जबकि सभापति ने कहा कि एजेंडे के अनुसार चर्चा के बाद उनकी बात सुनी जाएगी. इसे लेकर भाजपा पार्षद नाराज हो गए और तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी पर उतर गए.

करीब 15 से 20 मिनट तक नारेबाजी के बीच कांग्रेस पार्षद भी उखड़ गए और दोनों दलों के पार्षद एक दूसरे के सामने आ गए तथा एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. खासकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष छोटू सिंह शेखावत का आरोप था कि सफाई कर्मियों की वरिष्ठता सूची में भेदभाव बरता गया और वे इस पर पहले चर्चा करना चाहते थे. इसके बाद मामला और भी गरमा गया.

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महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए प्रस्ताव पारित : भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस की महिला पार्षद भी एक दूसरे के सामने आ गईं और उलझ पड़ीं. करीब 15 मिनट बाद भाजपा पार्षद तानाशाही का आरोप लगाते हुए बैठक छोड़कर चले गए. बाद में नगर परिषद सभापति ने शहर के विभिन्न विकास कार्यों के लिए 202 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट रखा, जिसे सत्ता पक्ष ने अनुमोदित कर दिया. सभापति ने बताया कि बोर्ड की ओर से शहर के बीचों-बीच वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए 50 लाख रुपए का प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रोजेक्ट पर शीघ्र काम शुरू होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास कोई भी मुद्दा नहीं था इस कारण बेसिर-पैर के आरोप लगाते हुए बैठक से चले गए.

उन्होंने पार्षद पूर्ण राणा के कथित वीडियो की चर्चा करते हुए कहा कि बोर्ड बैठक में हंगामे को लेकर 3 दिन पहले ही भाजपा की ओर से तय कर दिया गया था. इसी के अनुरूप भाजपा पार्षद बैठक छोड़कर चले गए, उन्हें विकास से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने वार्ड वार रखे गए बैठक में उपसभापति कैलाश पवार, अमानत अली, मनोनीत पार्षद पूर्व चेयरमैन रमेश नाथ योगी, बालमुकुंद मालीवाल सहित तमाम पार्षद मौजूद थे. इस बीच पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष छोटू सिंह की ओर से पार्षद विजय चौहान के खिलाफ जान से मारने की धमकी दी जाने की कोतवाली में रिपोर्ट दी गई. उनका आरोप था कि उन्हें घर पर आकर मारने और एससी एसटी केस में फंसाने की धमकी दी गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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