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चित्तौड़गढ़ : कोरोना संकट के बीच गुलजार होने लगे पर्यटन स्थल, अब टिकटों की संख्या भी पड़ने लगी कम - Chittorgarh news

कोरोना ने पर्यटन व्यवसाय (Coronavirus Impact on Tourism Sector) पर काफी प्रभाव डाला है. पर्यटन व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. दिवाली के बाद से ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं.

Coronavirus Impact on Tourism Sector, Chittorgarh news
पर्यटन व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है.
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Published : Nov 19, 2020, 5:19 PM IST

चित्तौड़गढ़. कोरोना ने पर्यटन व्यवसाय (Coronavirus Impact on Tourism Sector) पर काफी प्रभाव डाला है. कोरोना काल के दौरान करीब 7 महीने तक पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित रहा. हालांकि, सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया के तहत पर्यटन व्यवसाय में रियायतें दी हैं, जिसके बाद पर्यटन व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है.

दिवाली के बाद से ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं.

दिवाली के बाद से ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटन व्यवसाय से संकट के बादल छट जाएंगे. चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर बुधवार और गुरुवार को पर्यटकों की संख्या ने साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ऑनलाइन टिकटिंग में दो हजार टिकट की लिमिट दोपहर 1.30 बजे ही खत्म हो गई.

यह भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कल आएंगे जैसलमेर, भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में करेंगे चुनाव प्रचार

बैरंग लौटे पर्यटक...

टिकट नहीं मिलने की वजह से काफी संख्या में पर्यटक को वापस लौटना पड़ा या फिर बिना टिकट वाले स्मारक, मंदिर ही देखकर वापस जाना पड़ा. ऐसे में अब टिकट की लिमिट पर्यटकों के अनुसार कम पड़ती दिख रही है. बता दें कि अनलॉक के बाद से पर्यटकों की एंट्री ऑनलाइन टिकटिंग से हो रही है. हालांकि, पहले प्रतिदिन 1000 पर्यटक ही विजिट कर सकते थे, इसके बाद इस संख्या को बढ़ा दिया गया. इस साल पहली बार सोमवार को दोपहर बाद ही यह लिमिट पार हो गई. पुरातत्व विभाग ने पूर्व अनुमान लगाते हुए मंगलवार के लिए यह लिमिट बढ़ाकर दो हजार कर दी. मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे ही संख्या 2000 पार हो गई.

पांच हजार हो लिमिट...

बता दें कि अब श्रीनाथजी के दर्शन शुरू होने से गुजराती पर्यटक भी आना शुरू हो गए हैं. दिवाली से बाद दो हजार की लिमिट बढ़ाई, फिर भी पर्यटकों को टिकिट नहीं मिल रहे. नई व्यवस्था से बेखबर कई पर्यटक एडवांस बुकिंग के वजह सीधे ही किले पर आते हैं. उनको यहां विंडो के बाहर कोड स्कैन कर डिजिटल पेमेंट से टिकट लेना होता है. कई पर्यटक यह भी नहीं कर पाते हैं, ऐसे में दलाल ऑनलाइन टिकट खरीदकर ऊंचे दाम में बेचते हैं. इसके चलते पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों की भी मांग है कि टिकिट की लिमिट को पांच हजार ​तक किया जाए.

यह भी पढ़ें: Reality Check : राजस्थान ODF प्रदेश घोषित...लेकिन जयपुर में ही खुले में शौच करते दिखे लोग

पर्यटकों का आना सुखद...

चित्तौड़ दुर्ग के अलावा इससे जुड़े गाइड बुकिंग, राजस्थानी ड्रेस पहनना, फोटो खिंचवाना, ऊंट व अश्व की सवारी, होटल, भोजनशाला, हैंडीक्राफ्ट आदि व्यवसाय है. कोरोना के डरे लोग खरीदारी, होटल पर रुकना, भोजन करना आदि से बच रहे हैं. फिर भी इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पर्यटकों का यहां आना ही सुखद है.

चित्तौड़गढ़. कोरोना ने पर्यटन व्यवसाय (Coronavirus Impact on Tourism Sector) पर काफी प्रभाव डाला है. कोरोना काल के दौरान करीब 7 महीने तक पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित रहा. हालांकि, सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया के तहत पर्यटन व्यवसाय में रियायतें दी हैं, जिसके बाद पर्यटन व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है.

दिवाली के बाद से ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं.

दिवाली के बाद से ही पर्यटन स्थल गुलजार होने लगे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटन व्यवसाय से संकट के बादल छट जाएंगे. चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर बुधवार और गुरुवार को पर्यटकों की संख्या ने साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ऑनलाइन टिकटिंग में दो हजार टिकट की लिमिट दोपहर 1.30 बजे ही खत्म हो गई.

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बैरंग लौटे पर्यटक...

टिकट नहीं मिलने की वजह से काफी संख्या में पर्यटक को वापस लौटना पड़ा या फिर बिना टिकट वाले स्मारक, मंदिर ही देखकर वापस जाना पड़ा. ऐसे में अब टिकट की लिमिट पर्यटकों के अनुसार कम पड़ती दिख रही है. बता दें कि अनलॉक के बाद से पर्यटकों की एंट्री ऑनलाइन टिकटिंग से हो रही है. हालांकि, पहले प्रतिदिन 1000 पर्यटक ही विजिट कर सकते थे, इसके बाद इस संख्या को बढ़ा दिया गया. इस साल पहली बार सोमवार को दोपहर बाद ही यह लिमिट पार हो गई. पुरातत्व विभाग ने पूर्व अनुमान लगाते हुए मंगलवार के लिए यह लिमिट बढ़ाकर दो हजार कर दी. मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे ही संख्या 2000 पार हो गई.

पांच हजार हो लिमिट...

बता दें कि अब श्रीनाथजी के दर्शन शुरू होने से गुजराती पर्यटक भी आना शुरू हो गए हैं. दिवाली से बाद दो हजार की लिमिट बढ़ाई, फिर भी पर्यटकों को टिकिट नहीं मिल रहे. नई व्यवस्था से बेखबर कई पर्यटक एडवांस बुकिंग के वजह सीधे ही किले पर आते हैं. उनको यहां विंडो के बाहर कोड स्कैन कर डिजिटल पेमेंट से टिकट लेना होता है. कई पर्यटक यह भी नहीं कर पाते हैं, ऐसे में दलाल ऑनलाइन टिकट खरीदकर ऊंचे दाम में बेचते हैं. इसके चलते पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों की भी मांग है कि टिकिट की लिमिट को पांच हजार ​तक किया जाए.

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पर्यटकों का आना सुखद...

चित्तौड़ दुर्ग के अलावा इससे जुड़े गाइड बुकिंग, राजस्थानी ड्रेस पहनना, फोटो खिंचवाना, ऊंट व अश्व की सवारी, होटल, भोजनशाला, हैंडीक्राफ्ट आदि व्यवसाय है. कोरोना के डरे लोग खरीदारी, होटल पर रुकना, भोजन करना आदि से बच रहे हैं. फिर भी इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पर्यटकों का यहां आना ही सुखद है.

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