चित्तौड़गढ़. उदयपुर रेंज के आईजी अजय लांबा ने जिले के मंडफिया थाना प्रभारी यशवंत सोलंकी को सस्पेंड कर दिया. इस संबंध में आदेश जारी करते हुए एनडीपीएस के एक प्रकरण में थानाधिकारी सोलंकी की भूमिका गड़बड़ पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया. आईजी लांबा ने बताया, ''27 अक्टूबर, 2023 को मुखबिर की सूचना पर थाना प्रभारी यशवंत सोलंकी ने एक टेंपो से मक्की के कट्टो की आड़ में सप्लाई की जा रही एक किलो 319 ग्राम एमडी ड्रग जब्त की थी.
जानें पूरा मामला : इस मामले में मंगलवाड़ निवासी भंवरलाल पुत्र हीरालाल खटीक को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी जांच भदेसर थाना प्रभारी को सौंपी गई थी. दूसरी ओर भंवरलाल के परिजनों ने चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक और उदयपुर आईजी को इस केस में भंवरलाल को झूठे मामले में फंसाने की शिकायत की थी. मामले की जांच में थानाधिकारी यशवंत सोलंकी की भंवरलाल खटीक के रिश्तेदार और हिस्ट्रीशीटर पोखर खटीक से मिली भगत सामने आई. प्रथम दृष्टया इसकी पुष्टि होने के बाद थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सोलंकी को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया गया.
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उदयपुर में भी दागदार रहे सोलंकी : निलंबित थाना प्रभारी सोलंकी साल 2019 में उदयपुर के सायरा पुलिस थाने में तैनात थे, तब भी एनडीपीएस के ही एक मामले में एक आरोपी को पैसे लेकर छोड़ने की पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत की आई थी. प्रारंभिक जांच में 18 लाख रुपए लेकर आरोपी को छोड़ने का आरोप प्रमाणित पाया गया. जांच के आधार पर तत्कालीन आईजी ने 15 फरवरी, 2021 को सोलंकी को दो वार्षिक वेतन वृद्धि बिना भविष्य प्रभाव के अवरोध करने के आदेश जारी किया था.
उसके बाद थानाधिकारी ने आईजी के आदेश के खिलाफ डीजीपी के समक्ष अपील पेश की गई थी, लेकिन डीजीपी ने जवाब पर असंतुष्टी जताते हुए अपील खारिज कर दी थी और देय वेतनमान को कम करते हुए सब इंस्पेक्टर पद के न्यूनतम वेतनमान पर 5 साल के लिए स्थिर रखने के आदेश दिए थे.