चित्तौड़गढ़. बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ की ओर से जिला कारागृह चित्तौड़गढ़ से महिला बंदी के एक 6 वर्षीय पुत्र को जेल अधीक्षक से देख-रेख एवं संरक्षण में प्राप्त किया है. बालक के माता पिता दोनों जेल में बंदी हैं. बालक की उम्र 6 वर्ष हो चुकी है.
जेल नियमों के तहत 6 वर्ष से अधिक के बालक को जेल में नहीं रखा जा सकता. इसके लिए जिला कारागृह के अधीक्षक ने गत 25 मार्च को जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ को पत्र लिखकर बालक को देख रेख और सुरक्षा के लिए बाल कल्याण समिति को सुपुर्द करने का आग्रह किया था. इस पर बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ में बंदी महिला को समझाया कि बालक को उसकी शिक्षा-दीक्षा देख-रेख एवं संरक्षण के लिए उसे अपने साथ कारागृह में रखना बालक के हित में नहीं है.
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बालक को समाज की मुख्यधारा में जोड़ना है. उसे शिक्षित बनाना है. इससे बालक का सर्वोत्तम हित सुनिश्चित किया जा सके. इस पर जिला कलक्टर की स्वीकृति के बाद जेल अधीक्षक की सूचना पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष रमेशचंद्र और दशोरा सदस्य मंजू जैन ने जाकर जिला कारागृह में बालक को उसकी माता को समझा कर अपने संरक्षण में लिया.
साथ ही प्रारूप 17 किशोर न्याय अधिनियम के नियम-18 के तहत संरक्षण में लिया बाल कल्याण समिति की ओर से जेल अधीक्षक को नियम- 19 के तहत आदेश पारित कर उसे भगवती बाल गृह बस्सी में आवश्यक किए जाने का आदेश पारित किया.
साथ ही आदेश दिया कि बालक को भगवती बाल गृह के आइसोलेशन रूम में रखा जाए. बालक को विशेष देख-रेख की आवश्यकता होने से सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाए. इससे बालक समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर एक अच्छा नागरिक बन सके.