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त्रिपुरा के सीएम व डिप्टी सीएम के नाम पर लाखों की ठगी करने वाली गैंग का खुलासा, चित्तौड़गढ़ से पांच को पकड़ा

त्रिपुरा के सीएम व डिप्टी सीएम के नाम से कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों से लाखों रुपए की ठगी करने वाली गैंग (Big Disclosure in Fraud Case) का खुलासा हुआ है. त्रिपुरा की पुलिस टीम ने गुरुवार को चित्तौड़गढ़ में दबिश दी. इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जमानत मिल गई.

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Published : Apr 28, 2022, 10:13 PM IST

Cheating in the Name of CM and Deputy CM of Tripura
त्रिपुरा के सीएम व डिप्टी सीएम के नाम ठगी

चित्तौड़गढ़. त्रिपुरा के सीएम व डिप्टी सीएम के नाम से कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों से लाखों रुपए ठगने वाले वाली गैंग का (Tripura Police Busted Big Fraud Case) खुलासा हुआ है. त्रिपुरा की पुलिस टीम ने चित्तौड़गढ़ में दबिश दी, साथ ही पांच आरोपियों को चित्तौड़गढ़ साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों को सदर पुलिस की कस्टडी में रखा गया. त्रिपुरा राज्य के अगरतला के डिप्टी निर्देश देव चित्तौड़गढ़ पहुंचे हैं और आरोपियों से पूछताछ की है. आरोपियों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को जमानत मिल गई.

त्रिपुरा में अगरतला साइबर क्राइम यूनिट के डिप्टी निर्देश देब ने बताया कि त्रिपुरा के डिप्टी सीएम के नाम से एक सीनियर आईएएस ऑफिसर को व्हाट्सएप मेसेज किया जाता है कि उन्होंने नया नंबर लिया है. मेसेज में एक अकाउंट नंबर भी भेजा गया और कहा कि इस नंबर पर रुपए ट्रांसफर कर दिया जाए. वह अभी मीटिंग में व्यस्त हैं. मीटिंग से बाहर आकर यह रुपए दे देंगे. आईएएस ऑफिसर ने दिए गए अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर दिए. काफी दिन बीत जाने के बाद डिप्टी सीएम की ओर से जब इस बारे में बातचीत नहीं की गई तो आईएएस ऑफिसर ने उनसे पूछा.

Copy of FIR
FIR की कॉपी....

इस पर उन्होंने नंबर बदलने जैसी बात से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया, जिसमें बड़े-बड़े आईएएस और आईपीएस ऑफिसर (Cheating from Big Officials) लोगों को जोड़ा गया और ग्रुप में प्रोफाइल पिक्चर में सीएम और डिप्टी सीएम का फोटो लगाया. इस तरह से कुछ ऑफिसर ने रुपए भी दे दिए. जब अकाउंट के हिसाब से वेरिफिकेशन करते हुए मामला दर्ज करवाया गया और जांच की तो पता चला कि चित्तौड़गढ़ के सहनवा निवासी राजू जाट पुत्र जगदीश जाट के बैंक खाते में रुपए डाले गए.

इस पर जब राजू जाट को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि अकाउंट में जो मोबाइल नंबर जोड़ा गया है, वह किसी नगरपालिका कॉलोनी माही वर्धन सिंह राणावत के नाम से है. पूछताछ पर पता चला कि (Five Arrested from Chittorgarh Rajastha) भैरू सिंह पुत्र नारायण सिंह राजपूत ने माही के कहने पर राजू को ऑफर दिया था कि ऑनलाइन अकाउंट खोलना है. इस पर राजू मान गया और उसने अकाउंट खोला और उसमें माही वर्धन का नंबर दिया, जिससे बैंक खाते का संचालन माही ही कर सके.

पढ़ें : Chittorgarh Cyber ​​Fraud: सरकारी योजनाएं साइबर ठगों के निशाने पर, चित्तौड़गढ़ में पांच उचित मूल्य दुकानदार बाल बाल बचे

अलग-अलग अकाउंट बनाएः पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बैंक में खाता खोलने के बाद माहीवर्धन ने भैरू को 5 हजार रुपए दिए. उनमें से भैरू ने 2 हजार रुपए कमीशन के तौर पर अपने पास रखें और राजू को 3 हजार रुपए दे दिए. बाद में पता चला कि भैरू ने और दो नए प्लेटफॉर्म पर माही के कहने से खोला है. इसके लिए माही से उसने 10 हजार रुपए ले लिए थे. भैरू ने इन दो अकाउंट को माही को हैंड ओवर कर दिया. माही ने अकाउंट आदर्श कॉलोनी निवासी नवनीत सिंह पुत्र धर्मेंद्र सिंह को बेच दिया. नवनीत ने इसे खरीद कर उड़ीसा के किसी परितोष सुंदर को 20 हजार रुपए में बेच दिया.

इस बीच जो सिम यूज किया जा रहा था वह सेगवा हाउसिंग बोर्ड निवासी नितेश पुत्र सोहन लाल मेनारिया का निकला. इन सभी आरोपियों को साइबर सेल चित्तौड़गढ़ की टीम ने ट्रेस आउट कर लिया. आरोपियों को त्रिपुरा पुलिस ने चित्तौड़गढ़ में दबिश देते हुए चित्तौड़गढ़ साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार किया. इस बीच त्रिपुरा के अगरतला के क्राइम ब्रांच यूनिट के डीवाईएसपी निर्देश देब चित्तौड़गढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने भी जांच की. डिप्टी देब ने बताया कि अभी सिर्फ राजू जाट के अकाउंट की जांच हुई है, जिसके अनुसार उसने 8 लाख रुपए की ठगी की है. शेष सभी आरोपियों के खाते की जांच शेष है, जिससे करोड़ों रुपए की ठगी का खुलासा हो सकता है.

चित्तौड़गढ़. त्रिपुरा के सीएम व डिप्टी सीएम के नाम से कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों से लाखों रुपए ठगने वाले वाली गैंग का (Tripura Police Busted Big Fraud Case) खुलासा हुआ है. त्रिपुरा की पुलिस टीम ने चित्तौड़गढ़ में दबिश दी, साथ ही पांच आरोपियों को चित्तौड़गढ़ साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों को सदर पुलिस की कस्टडी में रखा गया. त्रिपुरा राज्य के अगरतला के डिप्टी निर्देश देव चित्तौड़गढ़ पहुंचे हैं और आरोपियों से पूछताछ की है. आरोपियों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को जमानत मिल गई.

त्रिपुरा में अगरतला साइबर क्राइम यूनिट के डिप्टी निर्देश देब ने बताया कि त्रिपुरा के डिप्टी सीएम के नाम से एक सीनियर आईएएस ऑफिसर को व्हाट्सएप मेसेज किया जाता है कि उन्होंने नया नंबर लिया है. मेसेज में एक अकाउंट नंबर भी भेजा गया और कहा कि इस नंबर पर रुपए ट्रांसफर कर दिया जाए. वह अभी मीटिंग में व्यस्त हैं. मीटिंग से बाहर आकर यह रुपए दे देंगे. आईएएस ऑफिसर ने दिए गए अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर दिए. काफी दिन बीत जाने के बाद डिप्टी सीएम की ओर से जब इस बारे में बातचीत नहीं की गई तो आईएएस ऑफिसर ने उनसे पूछा.

Copy of FIR
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इस पर उन्होंने नंबर बदलने जैसी बात से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया, जिसमें बड़े-बड़े आईएएस और आईपीएस ऑफिसर (Cheating from Big Officials) लोगों को जोड़ा गया और ग्रुप में प्रोफाइल पिक्चर में सीएम और डिप्टी सीएम का फोटो लगाया. इस तरह से कुछ ऑफिसर ने रुपए भी दे दिए. जब अकाउंट के हिसाब से वेरिफिकेशन करते हुए मामला दर्ज करवाया गया और जांच की तो पता चला कि चित्तौड़गढ़ के सहनवा निवासी राजू जाट पुत्र जगदीश जाट के बैंक खाते में रुपए डाले गए.

इस पर जब राजू जाट को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि अकाउंट में जो मोबाइल नंबर जोड़ा गया है, वह किसी नगरपालिका कॉलोनी माही वर्धन सिंह राणावत के नाम से है. पूछताछ पर पता चला कि (Five Arrested from Chittorgarh Rajastha) भैरू सिंह पुत्र नारायण सिंह राजपूत ने माही के कहने पर राजू को ऑफर दिया था कि ऑनलाइन अकाउंट खोलना है. इस पर राजू मान गया और उसने अकाउंट खोला और उसमें माही वर्धन का नंबर दिया, जिससे बैंक खाते का संचालन माही ही कर सके.

पढ़ें : Chittorgarh Cyber ​​Fraud: सरकारी योजनाएं साइबर ठगों के निशाने पर, चित्तौड़गढ़ में पांच उचित मूल्य दुकानदार बाल बाल बचे

अलग-अलग अकाउंट बनाएः पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बैंक में खाता खोलने के बाद माहीवर्धन ने भैरू को 5 हजार रुपए दिए. उनमें से भैरू ने 2 हजार रुपए कमीशन के तौर पर अपने पास रखें और राजू को 3 हजार रुपए दे दिए. बाद में पता चला कि भैरू ने और दो नए प्लेटफॉर्म पर माही के कहने से खोला है. इसके लिए माही से उसने 10 हजार रुपए ले लिए थे. भैरू ने इन दो अकाउंट को माही को हैंड ओवर कर दिया. माही ने अकाउंट आदर्श कॉलोनी निवासी नवनीत सिंह पुत्र धर्मेंद्र सिंह को बेच दिया. नवनीत ने इसे खरीद कर उड़ीसा के किसी परितोष सुंदर को 20 हजार रुपए में बेच दिया.

इस बीच जो सिम यूज किया जा रहा था वह सेगवा हाउसिंग बोर्ड निवासी नितेश पुत्र सोहन लाल मेनारिया का निकला. इन सभी आरोपियों को साइबर सेल चित्तौड़गढ़ की टीम ने ट्रेस आउट कर लिया. आरोपियों को त्रिपुरा पुलिस ने चित्तौड़गढ़ में दबिश देते हुए चित्तौड़गढ़ साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार किया. इस बीच त्रिपुरा के अगरतला के क्राइम ब्रांच यूनिट के डीवाईएसपी निर्देश देब चित्तौड़गढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने भी जांच की. डिप्टी देब ने बताया कि अभी सिर्फ राजू जाट के अकाउंट की जांच हुई है, जिसके अनुसार उसने 8 लाख रुपए की ठगी की है. शेष सभी आरोपियों के खाते की जांच शेष है, जिससे करोड़ों रुपए की ठगी का खुलासा हो सकता है.

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