चित्तौड़गढ़. शहर के सदर थाना क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया. रेत के अवैध कारोबार से जुड़े कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी. इस घटना में 4 जने घायल हो गए, जिनमें से एक को गंभीर हालत में उदयपुर रेफर किया गया. जबकि 3 अन्य को जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है. दिनदहाड़े खुलेआम फायरिंग और हमले को लेकर गुर्जर समाज के लोग आक्रोशित हो उठे.
इमरजेंसी के बाहर लोग धरने पर बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. मुख्य मार्ग जाम कर दिया और पुलिस से उलझ गए. उनका आरोप था कि पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग की गई, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.पुलिस उपाधीक्षक बुधराज टांक के नेतृत्व में भारी पैमाने पर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया. फिलहाल हमले के कारणों का पता नहीं चल पाया. इस घटना में राजेश, मुकेश, पुष्कर और डालचंद गुर्जर को जिला चिकित्सालय लाया गया. इनमें से पुष्कर को उदयपुर रेफर किया गया.
पढ़ें: Rajasthan : कुलदीप जघीना हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज आया सामने, ताबड़तोड़ फायरिंग करते दिखे बदमाश
फिलहाल इस मामले में पुलिस की किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. गांव के लोगों का कहना था कि बोजुंदा गांव के पास स्थित एक होटल पर सुबह एक डंपर से रेत खाली हुआ था. जिसे शाम को कुछ लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में भरने लगे. उनके आपत्ति जताने पर कुछ समय बाद ही दो कारों में हथियारबंद लोग आ धमके और उन पर लाठियों और सरियों से हमला कर दिया. एक व्यक्ति ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें चारों ही जख्मी हो गए.
हालांकि इस पूरे मामले को रेत के अवैध कारोबार से जोड़कर देखा जा रहा है. फिलहाल पुलिस हमलावरों का पता लगाने में जुटी है. इधर हमले में घायल मुकेश गुर्जर का आरोप था कि घटना के दौरान सदर पुलिस थाने के दो सिपाही मौके पर ही मौजूद थे, लेकिन उन लोगों ने हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा उनके साथ ही गालीगलौच करने लग गए. हमलावरों के पास एक बंदूक और दो देसी कट्टे भी थे.