ETV Bharat / state

जनप्रतिनिधियों ने उठाया सवाल-बिजली बिल माफ तो फिर क्यों थमाए जा रहे हैं बढ़े हुए बिल - विधायक चंद्रभान सिंह आक्या

चित्तौड़गढ़ जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में भाजपा विधायकों ने बिजली बिलों में छूट के बावजूद बढ़े हुई राशि के बिल आने पर अधिकारियों से सवाल किया.

BJP MLAs questions on amount of electricity bills
जनप्रतिनिधियों ने उठाया सवाल-बिजली बिल माफ तो फिर क्यों थमाए जा रहे हैं बढ़े हुए बिल
author img

By

Published : Jul 7, 2023, 6:35 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 8:58 PM IST

चित्तौड़गढ़ जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक को लेकर क्या बोले जिला प्रमुख

चित्तौड़गढ़. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक काफी हंगामेदार रही. खासकर बिजली और जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग जनप्रतिनिधियों के निशाने पर नजर आए. साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी एक-एक कर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किए गए. भाजपा के तीनों ही विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, ललित ओसवाल और अर्जुन लाल जीनगर भी पहुंच गए और विभिन्न मामलों पर विभागीय अधिकारियों को घेरने की कोशिश की.

उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली ने महंगाई राहत शिविरों पर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बिल की माफी का दावा किया जा रहा है जबकि उपभोक्ताओं को अब बढ़ी हुई राशि के बिल थमाए जा रहे हैं. विधायक चंद्रभान सिंह आक्या और जीनगर ने भी इस मामले पर उनका साथ दिया. अधीक्षण अभियंता एसके सिंह ने अपने ऑफिस से 2018 की फ्यूल चार्ज की टैरिफ मंगाई और बताया कि 30 पैसा प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज राशि के चलते बढ़ी हुई राशि के बिल आ रहे हैं. जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि विद्युत निगम द्वारा उपभोक्ताओं से प्रतिमाह फ्यूल चार्ज के नाम पर करोड़ों रुपए वसूले जा रहे हैं.

पढ़ें: Ajmer news: कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने खोला मोर्चा, साधारण सभा की बैठक को लेकर प्रस्ताव नहीं लेने पर दिया धरना

जलदाय विभाग पर चर्चा के दौरान जिला परिषद सदस्य बद्रीलाल जाट सिंहपुर के साथ विधायक आक्या और जीनगर ने भदेसर और निंबाहेड़ा क्षेत्र में पेयजल टैंकरों के ठेकेदारों की राशि का अब तक भुगतान नहीं होने का विषय उठाया और कहा कि गत बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के साथ अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था, लेकिन अब तक इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण ठेकेदार विभाग के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं. नए अधिकारी के होने से उन्हें अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया.

पढ़ें: अजमेर निगम की पहली साधारण सभा मंगलवार को..350 करोड़ के बजट सहित 6 प्रस्तावों पर होनी है चर्चा

जिला प्रमुख डॉ धाकड़ ने चंबल परियोजना को लेकर अधिकारियों से इस मसले पर लोगों को भ्रमित नहीं करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जब तक वन विभाग और एनजीटी की स्वीकृति जारी नहीं हो जाती, तब तक टेंडर का कोई मतलब नहीं रहेगा. स्वीकृति मिलने के बाद ही प्रक्रिया शुरू की जाए. केवल शिलान्यास के नाम पर वाहवाही के लिए टेंडर नहीं लगाए जाने चाहिए.

पढ़ें: डूंगरपुर: पंचायत समिति की पहली साधारण सभा की बैठक का आयोजन, 7387 कार्यों के लिए बजट का अनुमोदन

इसी दौरान जल जीवन मिशन का मुद्दा भी उठा. विधायक आक्या ने कहा कि गांव में पाइपलाइन बिछाने के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं. विभागीय अधिकारियों ने बैठक के दौरान यह जानकारी दीजिए किस योजना में 45 प्रतिशत राज्य सरकार और इतनी ही राशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है और 10 प्रतिशत जन सहयोग राशि जुटाने का प्रावधान है. लेकिन 1 अप्रैल से जन सहयोग के प्रावधान को खत्म कर दिया गया. ऐसे में अब जन सहयोग देने की जरूरत नहीं है.

जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि कई शिक्षक अपनी सुविधा के हिसाब से विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर डेप्यूटेशन के जरिए आसपास के स्कूलों में काम कर रहे हैं जबकि उनकी मूल ड्यूटी किसी और स्थान पर है. ऐसे में वहां के बच्चे सफर कर रहे हैं. क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक का पद रिक्त चल रहा है. ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा के अधिकारियों ने इसका जवाब दिया. लेकिन उससे भी जनप्रतिनिधि असंतुष्ट नजर आए.

चित्तौड़गढ़ जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक को लेकर क्या बोले जिला प्रमुख

चित्तौड़गढ़. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक काफी हंगामेदार रही. खासकर बिजली और जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग जनप्रतिनिधियों के निशाने पर नजर आए. साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी एक-एक कर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किए गए. भाजपा के तीनों ही विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, ललित ओसवाल और अर्जुन लाल जीनगर भी पहुंच गए और विभिन्न मामलों पर विभागीय अधिकारियों को घेरने की कोशिश की.

उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली ने महंगाई राहत शिविरों पर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बिल की माफी का दावा किया जा रहा है जबकि उपभोक्ताओं को अब बढ़ी हुई राशि के बिल थमाए जा रहे हैं. विधायक चंद्रभान सिंह आक्या और जीनगर ने भी इस मामले पर उनका साथ दिया. अधीक्षण अभियंता एसके सिंह ने अपने ऑफिस से 2018 की फ्यूल चार्ज की टैरिफ मंगाई और बताया कि 30 पैसा प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज राशि के चलते बढ़ी हुई राशि के बिल आ रहे हैं. जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि विद्युत निगम द्वारा उपभोक्ताओं से प्रतिमाह फ्यूल चार्ज के नाम पर करोड़ों रुपए वसूले जा रहे हैं.

पढ़ें: Ajmer news: कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने खोला मोर्चा, साधारण सभा की बैठक को लेकर प्रस्ताव नहीं लेने पर दिया धरना

जलदाय विभाग पर चर्चा के दौरान जिला परिषद सदस्य बद्रीलाल जाट सिंहपुर के साथ विधायक आक्या और जीनगर ने भदेसर और निंबाहेड़ा क्षेत्र में पेयजल टैंकरों के ठेकेदारों की राशि का अब तक भुगतान नहीं होने का विषय उठाया और कहा कि गत बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के साथ अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था, लेकिन अब तक इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण ठेकेदार विभाग के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं. नए अधिकारी के होने से उन्हें अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया.

पढ़ें: अजमेर निगम की पहली साधारण सभा मंगलवार को..350 करोड़ के बजट सहित 6 प्रस्तावों पर होनी है चर्चा

जिला प्रमुख डॉ धाकड़ ने चंबल परियोजना को लेकर अधिकारियों से इस मसले पर लोगों को भ्रमित नहीं करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जब तक वन विभाग और एनजीटी की स्वीकृति जारी नहीं हो जाती, तब तक टेंडर का कोई मतलब नहीं रहेगा. स्वीकृति मिलने के बाद ही प्रक्रिया शुरू की जाए. केवल शिलान्यास के नाम पर वाहवाही के लिए टेंडर नहीं लगाए जाने चाहिए.

पढ़ें: डूंगरपुर: पंचायत समिति की पहली साधारण सभा की बैठक का आयोजन, 7387 कार्यों के लिए बजट का अनुमोदन

इसी दौरान जल जीवन मिशन का मुद्दा भी उठा. विधायक आक्या ने कहा कि गांव में पाइपलाइन बिछाने के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं. विभागीय अधिकारियों ने बैठक के दौरान यह जानकारी दीजिए किस योजना में 45 प्रतिशत राज्य सरकार और इतनी ही राशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है और 10 प्रतिशत जन सहयोग राशि जुटाने का प्रावधान है. लेकिन 1 अप्रैल से जन सहयोग के प्रावधान को खत्म कर दिया गया. ऐसे में अब जन सहयोग देने की जरूरत नहीं है.

जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि कई शिक्षक अपनी सुविधा के हिसाब से विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर डेप्यूटेशन के जरिए आसपास के स्कूलों में काम कर रहे हैं जबकि उनकी मूल ड्यूटी किसी और स्थान पर है. ऐसे में वहां के बच्चे सफर कर रहे हैं. क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक का पद रिक्त चल रहा है. ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा के अधिकारियों ने इसका जवाब दिया. लेकिन उससे भी जनप्रतिनिधि असंतुष्ट नजर आए.

Last Updated : Jul 7, 2023, 8:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.