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उद्यान के लिए आरक्षित जमीन के भूखंड काटने की तैयारी, बीजेपी पार्षदों ने नारेबाजी कर जताया विरोध

चित्तौड़गढ़ में नगर परिषद की जमीन को भू-माफिया और कार्मिकों के मिलीभगत से आरक्षित जमीन के भूखंड काट दिए गए है. जिसके विरोध में बीजेपी के पार्षदों ने आयुक्त को ज्ञापन दिया.

Councilors protest in Chittorgarh, possession of city council land
बीजेपी पार्षदों ने नारेबाजी की
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Published : Jun 15, 2021, 7:09 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर के मीठाराम जी का खेड़ा क्षेत्र में उद्यान के लिए आरक्षित जमीन की बंदरबांट की आशंका खड़ी हो गई है. नगर परिषद की ओर से 8 साल पहले आरक्षित जमीन की बाउंड्री वॉल कर दी गई थी, लेकिन भू-माफिया और कार्मिकों के मिलीभगत से आरक्षित जमीन के भूखंड काट दिए गए. यहां तक की करीब एक करोड रुपए कीमत की इन भूखंडों को भू-माफिया ने अपने नाम कराने की भी अर्जी लगा दी. वही विरोध करने वाले कॉलोनी के लोगों के खिलाफ पुलिस का सहारा भी लिया जा रहा है.

इस मामले को लेकर बीजेपी के पार्षद विरोध में खड़े हुए हैं. मंगलवार को पार्षदों ने नगर परिषद पहुंचकर आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया और इस मामले में कार्रवाई की मांग की.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ः युवक की संदिग्ध मौत के मामले ने पकड़ा तूल, परिजनों ने प्रदर्शन कर लगाया हत्या का आरोप

पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पार्षद छोटू सिंह शेखावत के नेतृत्व में पार्टी के पार्षद मंगलवार को इस मामले को लेकर आयुक्त रिंकल गुप्ता के पास पहुंचे. इससे पहले विपक्षी पार्षदों ने नगर परिषद में जमकर नारेबाजी भी की. पार्षदों ने आयुक्त को इस मामले से अवगत कराते हुए उद्यान के लिए आरक्षित भूमि को आरक्षित रखते हुए संबंधित लोगों का खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

ज्ञापन के अनुसार 2008 में कॉलोनाइजर द्वारा सड़क और उद्यान के लिए भूमि समर्पित की गई थी और नगर परिषद द्वारा इसे आरक्षित रखा गया था. 2011 में कथित रूप से नगर परिषद कर्मचारियों की ओर से नक्शे में फेरफार करते हुए इसके साथ भूखंड बना दिए गए. जबकि 2013 में नगर परिषद द्वारा बाकायदा बाउंड्री वॉल तक बनवा दी गई थी. इन प्लॉट पर अपना हक जताते हुए कॉलोनाइजर, कॉलोनी के लोगों को परेशान कर रहा है. साथ पुलिस कार्रवाई की धमकी भी दे रहा है.

चित्तौड़गढ़. शहर के मीठाराम जी का खेड़ा क्षेत्र में उद्यान के लिए आरक्षित जमीन की बंदरबांट की आशंका खड़ी हो गई है. नगर परिषद की ओर से 8 साल पहले आरक्षित जमीन की बाउंड्री वॉल कर दी गई थी, लेकिन भू-माफिया और कार्मिकों के मिलीभगत से आरक्षित जमीन के भूखंड काट दिए गए. यहां तक की करीब एक करोड रुपए कीमत की इन भूखंडों को भू-माफिया ने अपने नाम कराने की भी अर्जी लगा दी. वही विरोध करने वाले कॉलोनी के लोगों के खिलाफ पुलिस का सहारा भी लिया जा रहा है.

इस मामले को लेकर बीजेपी के पार्षद विरोध में खड़े हुए हैं. मंगलवार को पार्षदों ने नगर परिषद पहुंचकर आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया और इस मामले में कार्रवाई की मांग की.

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पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पार्षद छोटू सिंह शेखावत के नेतृत्व में पार्टी के पार्षद मंगलवार को इस मामले को लेकर आयुक्त रिंकल गुप्ता के पास पहुंचे. इससे पहले विपक्षी पार्षदों ने नगर परिषद में जमकर नारेबाजी भी की. पार्षदों ने आयुक्त को इस मामले से अवगत कराते हुए उद्यान के लिए आरक्षित भूमि को आरक्षित रखते हुए संबंधित लोगों का खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

ज्ञापन के अनुसार 2008 में कॉलोनाइजर द्वारा सड़क और उद्यान के लिए भूमि समर्पित की गई थी और नगर परिषद द्वारा इसे आरक्षित रखा गया था. 2011 में कथित रूप से नगर परिषद कर्मचारियों की ओर से नक्शे में फेरफार करते हुए इसके साथ भूखंड बना दिए गए. जबकि 2013 में नगर परिषद द्वारा बाकायदा बाउंड्री वॉल तक बनवा दी गई थी. इन प्लॉट पर अपना हक जताते हुए कॉलोनाइजर, कॉलोनी के लोगों को परेशान कर रहा है. साथ पुलिस कार्रवाई की धमकी भी दे रहा है.

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