राजसमंद . मातृकुंडिया में हुए कांग्रेस के किसान सम्मेलन को लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. भाजपा ने कांग्रेस पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. मातृकुंडिया में हुए कांग्रेस किसान सम्मेलन में भाजपा ने सरकारी तंत्र के दुरुपयोग पर आपत्ति जताई है.
राजसमंद जिले के उपखंड रेलमगरा में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. जिसमें कांग्रेस पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर नरेगा श्रमिकों को जबरन सम्मेलन में ले जाने का आरोप लगाया है. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सम्मेलन में सरकार के मुख्यमंत्री, पूर्व उपमुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री सम्मिलित हुए. जिसमें भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारियों और नेतागणों ने सरकारी प्रभाव का उपयोग कर सभी ग्राम पंचायतों से कार्यरत नरेगा श्रमिकों को ले जाया गया. किसान सम्मेलन में वास्तव में किसान नहीं आने से नरेगा श्रमिकों को लाया गया.
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बीजेपी नेताओं का कहना है कि सरकार ने किसानों के संबंध में सिर्फ लीपापोती कर किसानों को लुभाने का प्रयास किया. जबकि धरातल पर की गई घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई. सरकार के की ओर से जारी घोषणा पत्र में किसानों का 10 दिन में संपूर्ण कर्ज माफ करने, बिजली के बिलों में बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था. साथ ही बेरोजगारों को भत्ता देना इत्यादि घोषणा तक धरातल पर नहीं उतरी है. सरकार की ओर से वर्तमान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया.
इस दौरान नंदलाल सिंघवी, जीवन लाल सोनी, शंकर सुथार, बोथ लाल जाट, चतर सिंह राजावत, विष्णु शर्मा, नवल सिंह राणावत, सीताराम कुमावत, भंवर सिंह, प्रहलाद जोशी, भागीरथ जाट, राजेन्द्र सरगरा, कमलेश विजयवर्गीय, कुलदीप सिंह शक्तावत, लाल सिंह, महेंद्र सिंह राणावत उपस्थित रहे.