कपासन (चित्तौड़गढ़). सोशल डिस्टेंस और अन्य नियमों की आड़ लेकर जहां आमजन के कार्यक्रमों को कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए सीमित संख्या और नियमों में आयोजित करने के लिए जुर्माने तक किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों के लिए मानो ये गाइडलाइन और सरकार के नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं.
ऐसा ही नजारा आज उस समय देखने को मिला जब राशमी डिंडोली सहित विभिन्न गांवों से प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली भरका माता पदयात्रा कोरोना संक्रमण के कारण नवरात्रि के बजाय रविवार को निकाली गई. इस पदयात्रा में कोविड-19 गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. बड़ी संख्या में शामिल हुए लोगों में शामिल क्षेत्रीय विधायक अर्जुनलाल जीनगर खुद बिना मास्क के इस पर यात्रा का नेतृत्व करते दिखाई दिए.
बड़ी बात ये थी कि इस शोभायात्रा में उच्च न्यायालय की रोक होने के बावजूद डीजे भी बजाए गए. ग्रामीणों के साथ साथ विधायक जीनगर के नेतृत्व में निकाली गई इस यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के कई पदाधिकारी शामिल रहे. ऐसे में जनप्रतिनिधि खुद ही ऐसे आयोजन कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
सीमित संख्या में आयोजन करने का नियम संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बनाया गया है, लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि राजनीतिक पार्टियों और जनप्रतिनिधियों के लिए ये नियम कायदे कानून कोई मायने नहीं रखते हैं. आमजन के आयोजन में प्रशासनिक अधिकारी पूरे दलबल के साथ जाकर जुर्माना वसूल रहे हैं.
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वहीं, जनप्रतिनिधियों की ओर से बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा करने और नियमों की धज्जियां उड़ाने को लेकर अब तक जिले में कोई कार्रवाई नहीं किया जाना यह साफ तौर पर जाहिर करता है कि नियम केवल आमजन के लिए हैं और जुर्माना भी केवल उन्हीं से वसूल किया जाना है जनप्रतिनिधियों और ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के लिए कोई नियम कायदे कानून नहीं है.