चित्तौड़गढ़. भैंसरोडगढ़ वन्य जीव अभ्यारण को टाइगर कॉरिडोर बनाने के बाद अब सरकार की नजरें बस्सी और सीता माता अभ्यारण पर हैं. इन दोनों ही सेंचुरी को टाइगर कॉरिडोर बनाने की संभावना तलाशने प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिंदम तोमर चित्तौड़गढ़ दौरे पर रहे. उन्होंने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन मंगलवार को मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव, उदयपुर आरके जैन के साथ बस्सी और सीता माता सेंचुरी का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होंने टाइगर कॉरिडोर की संभावनाओं को लेकर मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए.
डीएफओ वन्यजीव, सोनल जोरिहर के अनुसार अरिंदम तोमर और आरके जैन ने बस्सी और सीता माता सेंचुरी का दौरा किया. दोनों ही अधिकारी पहले बस्सी सेंचुरी पहुंचे और यहां के वन क्षेत्र को टाइगर कॉरिडोर के रूप में विकसित किए जाने की संभावनाओं को टटोला. स्थानीय अधिकारियों से विस्तार से चर्चा करने के साथ बस्सी वन्य जीव अभ्यारण के आगामी मैनेजमेंट प्लान को टाइगर कॉरिडोर के प्रबंधन प्रणाली के आधार पर तैयार करने के निर्देश दिए. जिले में आने वाले वैष्णोगढ़ वन्य जीव अभ्यारण में टाइगर कॉरिडोर बनाने के बाद टाइगर का प्रवेश भी हो चुका है. इस कारण आने वाले समय में बस्सी सेंचुरी के टाइगर कॉरिडोर बनाए जाने की व्यापक संभावनाएं नजर आ रही हैं. बाद में दोनों ही अधिकारियों ने सीता माता सेंचुरी का भी निरीक्षण किया और रतनपुर वन समिति के सदस्यों से बातचीत कर वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रबंधन के कामकाज के बारे में जानकारी ली.
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अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों का सर्वे : उन्होंने सीता माता अभ्यारण में उड़न गिलहरी के आवास स्थलों को चिह्नित करते हुए डेवलप करने और सीता माता में पाई जाने वाली अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों का सर्वे करने को भी कहा. तोमर ने कहा कि सीता माता अभ्यारण को भी टाइगर कॉरिडोर के रूप में विकसित किए जाने की संभावना है. ऐसे में उसी के अनुरूप प्लान तैयार किया जाए.