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पाली के हिस्ट्रीशीटर ने SP बनकर विधायक चंद्रभान सिंह आक्या से मांगे 10 लाख, पुलिस ने दबोचा

चित्तौड़गढ़ में बुधवार को विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के साथ एक व्यक्ति ने ठगी करने का प्रयास किया. फोन पर व्यक्ति ने खुद को एसपी दीपक भार्गव बताया. जिसके बाद उसने विधायक से 10 लाख रुपए की मांग की. लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका और पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

राजस्थान की खबर, chittaurgarh news
पाली के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने पकड़ा
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Published : Jun 4, 2020, 12:12 PM IST

चित्तौड़गढ़. पुलिस अधीक्षक के नाम पर चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या को फोन कर 10 लाख की ठगी करने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया. इस मामले को लेकर चितौड़गढ़ के सदर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है. गिरफ्तार आरोपी पाली का हिस्ट्रीशीटर है.

पाली के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने पकड़ा

सदर थाना पुलिस के अनुसार चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया कि 30 मई की शाम 4 बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया और अपने आप को एसपी दीपक भार्गव का बताते हुए अपना परिचय दिया. उसके बाद अज्ञात व्यक्ति ने अपना व्हाट्सएप नंबर देते हुए फोन करने के लिए विधायक को कहा.

जिसके बाद विधायक आक्या ने उसके व्हाट्सएप नंबर पर फोन किया. अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि मेरे रिश्तेदार उदयपुर के अमेरिकन हॉस्पिटल में भर्ती हैं और आप मुझे वहां 10 लाख की व्यवस्था कर दें, जिससे मैं हॉस्पिटल का भुगतान कर दूं. विधायक आक्या ने रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने भी एक बार विश्वास करते हुए फोन करने वाले को एसपी भार्गव समझ कर हां कर दी. इसका कारण था कि मोबाइल नंबर पर ट्रूकॉलर में भी दीपक भार्गव का ही नाम अंकित हो रहा था. इसलिए विश्वास कर रुपयों की व्यवस्था के लिए हां कर दी.

इसके बाद फोन रखने के बाद विधायक आक्या ने अपने चचेरे भाई महिपाल सिंह, जो कि उदयपुर में रहते हैं, उनसे बात कर रुपयों की व्यवस्था करने को कहा. इसके करीब 20 मिनट बाद जब विधायक आक्या ने एसपी भार्गव को फोन कर कर तथ्यों से अवगत कराया तो एसपी भार्गव ने बताया कि उन्होंने किसी भी तरह का फोन नहीं किया और ना ही मदद के लिए 10 लाख रुपए मांगे.

पढ़ें- SP ने किया Covid-19 हॉस्पिटल का निरीक्षण, बोले- हॉस्पिटल में जेल जैसी व्यवस्थाएं करना मुश्किल

एसपी भार्गव ने विधायक को धोखाधड़ी और ठगी से बचने के लिए पेमेंट रुकवाने के लिए कहा और सदर थाने में तुरंत इसकी रिपोर्ट करने के लिए कहा. रिपोर्ट के बाद पुलिस जांच में जुट गई. आरोपी के मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर आरोपी की पहचान कर पुलिस विशेष टीम का गठन कर पाली भेजा गया. यहां पर सुरेश उर्फ भैराराम उर्फ भेरिया, पुत्र भंवरलाल घांची को डिटेन कर चित्तौड़ लाया गया.

वहीं, पूछताछ के दौरान उसने पुलिस अधीक्षक के नाम पर ठगी करने का प्रयास करना स्वीकार किया. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल बरामद किया गया. आरोपी सुरेश एक ठग है, जिसके विरूद्ध पहले भी ठगी और अन्य अपराध के 47 प्रकरण दर्ज है. ये विधायक, मंत्री और अन्य बड़े अधिकारी बन कर ठगी करने का आदी है. सुरेश घांची पुलिस थाना कोतवाली पाली का हिस्ट्रीशीटर भी है.

चित्तौड़गढ़. पुलिस अधीक्षक के नाम पर चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या को फोन कर 10 लाख की ठगी करने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया. इस मामले को लेकर चितौड़गढ़ के सदर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है. गिरफ्तार आरोपी पाली का हिस्ट्रीशीटर है.

पाली के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने पकड़ा

सदर थाना पुलिस के अनुसार चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया कि 30 मई की शाम 4 बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया और अपने आप को एसपी दीपक भार्गव का बताते हुए अपना परिचय दिया. उसके बाद अज्ञात व्यक्ति ने अपना व्हाट्सएप नंबर देते हुए फोन करने के लिए विधायक को कहा.

जिसके बाद विधायक आक्या ने उसके व्हाट्सएप नंबर पर फोन किया. अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि मेरे रिश्तेदार उदयपुर के अमेरिकन हॉस्पिटल में भर्ती हैं और आप मुझे वहां 10 लाख की व्यवस्था कर दें, जिससे मैं हॉस्पिटल का भुगतान कर दूं. विधायक आक्या ने रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने भी एक बार विश्वास करते हुए फोन करने वाले को एसपी भार्गव समझ कर हां कर दी. इसका कारण था कि मोबाइल नंबर पर ट्रूकॉलर में भी दीपक भार्गव का ही नाम अंकित हो रहा था. इसलिए विश्वास कर रुपयों की व्यवस्था के लिए हां कर दी.

इसके बाद फोन रखने के बाद विधायक आक्या ने अपने चचेरे भाई महिपाल सिंह, जो कि उदयपुर में रहते हैं, उनसे बात कर रुपयों की व्यवस्था करने को कहा. इसके करीब 20 मिनट बाद जब विधायक आक्या ने एसपी भार्गव को फोन कर कर तथ्यों से अवगत कराया तो एसपी भार्गव ने बताया कि उन्होंने किसी भी तरह का फोन नहीं किया और ना ही मदद के लिए 10 लाख रुपए मांगे.

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एसपी भार्गव ने विधायक को धोखाधड़ी और ठगी से बचने के लिए पेमेंट रुकवाने के लिए कहा और सदर थाने में तुरंत इसकी रिपोर्ट करने के लिए कहा. रिपोर्ट के बाद पुलिस जांच में जुट गई. आरोपी के मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर आरोपी की पहचान कर पुलिस विशेष टीम का गठन कर पाली भेजा गया. यहां पर सुरेश उर्फ भैराराम उर्फ भेरिया, पुत्र भंवरलाल घांची को डिटेन कर चित्तौड़ लाया गया.

वहीं, पूछताछ के दौरान उसने पुलिस अधीक्षक के नाम पर ठगी करने का प्रयास करना स्वीकार किया. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल बरामद किया गया. आरोपी सुरेश एक ठग है, जिसके विरूद्ध पहले भी ठगी और अन्य अपराध के 47 प्रकरण दर्ज है. ये विधायक, मंत्री और अन्य बड़े अधिकारी बन कर ठगी करने का आदी है. सुरेश घांची पुलिस थाना कोतवाली पाली का हिस्ट्रीशीटर भी है.

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