चित्तौड़गढ़. जिले में शुक्रवार को कृषि विभाग की ओर से आत्मा परियोजना के अंतर्गत निंबाहेड़ा रोड स्थित परियोजना परिसर में किसानों के लिए कृषि एवं पशुपालन संबंधी प्रशिक्षण रखा गया है. दो दिवसीय शिविर के दौरान किसानों को नई कृषि तकनीक के साथ-साथ पशुपालन के जरिए किस प्रकार आमदनी को दोगुना किया जा सकता है.
विषय विशेषज्ञों की ओर से तरीके बताए गए. इस दौरान किसानों की शंकाओं का भी समाधान किया गया. शिविर में कपासन निंबाहेड़ा और बड़ी सादड़ी इलाके के करीब 30 काश्तकार प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस संस्थागत प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को नई कृषि तकनीक और उसका किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है. कृषि विशेषज्ञ जानकारी दे रहे हैं. किस मौसम में किस प्रकार की खेती फायदेमंद रहती है और इसके लिए किसान को क्या-क्या कदम उठाने होंगे, अलग-अलग विशेषज्ञ नवीनतम कृषि तकनीक से रूबरू करा रहे हैं.
वही, कृषि के साथ-साथ पशुपालन से भी किस प्रकार अपनी आमदनी बढ़ाई जा सकती है. पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. शुक्रवार को शिविर के अंतिम दिन पशुपालन से अपनी इनकम बढ़ाने के विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें. इसके साथ ही उन्नत नस्ल के पशुओं की खरीदारी के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए.
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साथ ही खानपान से किस प्रकार दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, आदि के बारे में पशु चिकित्सकों की ओर से विस्तार से जानकारी दी गई. वहीं, पशु चिकित्सक डॉ. सुमेर सिंह के अनुसार किसान कृषि और पशुपालन के साथ-साथ मुर्गी पालन भी करते हैं. उन्हें बर्ड फ्लू से किस प्रकार बचाव किया जा सकता है, इस बारे में भी बताया गया. इस दो दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि और पशुपालन की नई तकनीक के बारे में जानकारी देकर उनकी आमदनी बढ़ाना है.