चित्तौड़गढ़. निकटवर्ती पुठोली स्थित हिंदुस्तान जिंक प्लांट में शुक्रवार देर शाम एसिड का टैंक फटने से 2 कर्मचारियों की मौत हो गई. जबकि 9 झुलस गए. इनमें से पांच की हालत गंभीर है. सभी को इलाज के लिए उदयपुर के बाद अहमदाबाद रेफर किया गया है. जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने (Acid tank exploded in Chittorgarh) कहा कि हादसा दुखद है और इसकी एक्सपर्ट लोगों के जरिए जांच कराई जाएगी. जिंक प्रबंधन की ओर से जांच का एलान किया गया है.
दस्तावेज से पहचान: दरअसल, एसिड टैंक फटने के बाद शवों को पहचानना नामुमकिन सा हो गया था. जिंक के दस्तावेजों के आधार पर आज एक मृतक की शिनाख्त सुमित के रूप में की गई जो कि बिहार का रहने वाला था. मृतक महाराणा प्रताप सेतु मार्ग पर निवास करता था और इंजीनियर पद पर था. दूसरे मृतक की दोपहर तक भी कोई शिनाख्त नहीं हो पाई. पता चला है कि झुलसे हुए लोगों में दो हिंदुस्तान जिंक के कर्मचारी हैं जबकि 4 एसएस कंपनी के कर्मचारी हैं वही चार अन्य ड्राइवर हैं.
दो से तीन कर्मचारी लापता: हालांकि मृतकों को लेकर हिंदुस्तान जिंक प्रबंधन चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन अंदरूनी सूत्रों से पता चला है कि अभी भी दो से तीन लोग लापता है. फिलहाल झुलसे लोगों में जिंक कॉलोनी निवासी शिवराय पुत्र प्रशांत रावत, प्रवीण पुत्र चिरंजीवी झा, अभय पुर घाटा निवासी सत्यनारायण पुत्र शंकर दास, जवासिया निवासी मनोहर पुत्र पृथ्वीराज नई, भेरू सिंह जी का खेड़ा निवासी गोपाल पुत्र बद्री बैरागी, चौसला निवासी किशनलाल पुत्र मधु गुर्जर, चंदेरिया निवासी नीरज पुत्र जगन्नाथ सिंह और डेट गांव निवासी नाहर सिंह पुत्र दलपत सिंह को उदयपुर से अपोलो हॉस्पिटल अहमदाबाद रेफर कर दिया गया जिनमें से प्रवीण झा और नाहर सिंह की हालत अत्यंत गंभीर बताई गई है.
उच्च स्तरीय जांच के आदेश: इस बीच जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच का आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर आकाशीय बिजली गिरने का कारण बताया गया है लेकिन पहली बार ऐसा क्यों हुआ जांच का विषय है इसके लिए सीसीटीवी फुटेज देखने के साथ-साथ विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच होगी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांधु के अनुसार आकाशीय बिजली गिरने से एसिड का टैंक फट गया और आस-पास काम कर रहे कर्मचारी (Accident in Hindustan Zinc Plant) इसकी चपेट में आ गए. हादसे में दो की मौत हो गई. वहीं 9 झुलसे लोगों को जिला चिकित्सालय लाया गया जिनमें से पांच की हालत गंभीर है. जिला चिकित्सालय के पीएमओ डॉ दिनेश वैष्णव ने बताया कि हादसे में 9 लोग झुलस गए थे. सभी को प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रेफर कर दिया गया.
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एक्सपर्ट करेगी जांच- हादसे के दूसरे दिन जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल फिर घटनास्थल पर गए. मौका मुआयना के बाद जिंक प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों और यूनियन के लोगों के साथ मामले पर चर्चा की गई. बैठक के बाद जिला कलेक्टर ने बताया कि हादसा दुखद है और इसकी एक्सपर्ट लोगों के जरिए जांच कराई जाएगी. इस संबंध में हमने लिखित में आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है. इस मामले में यदि किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
1.25 करोड़ का मुआवजा- उन्होंने बताया कि इस हादसे में दो लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 9 लोगों का अहमदाबाद में उपचार चल रहा है. जिंक प्रबंधन की ओर से हादसे में मृत मैनेजर सुमित के परिजनों को एक करोड़ 25 लाख रुपए और आगरा के ड्राइवर जो कि वहां से सामान लेकर आया था उसके परिजनों को 45 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. झुलसने वाले लोगों का जब तक स्वस्थ नहीं हो जाते तब तक हिंदुस्तान जिंक के खर्चे से ही पूरा उपचार होगा.
उन्होंने बताया कि मुआवजे पर सरकार काफी गंभीर है और प्रशासन मृतक आश्रितों को मुआवजा राशि दिलवाने पर पूरी नजर बनाए रखेगा. बता दें कि अहमदाबाद में उपचाररत 9 में से 5 लोगों की हालत नाजुक बताई गई है. मृतकों में सुमित का पोस्टमार्टम के बाद शहर में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया.