चित्तौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ की टीम प्रतापगढ़ जिले में सात हजार रुपए की रिश्वत लेते सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कनिष्ठ सहायक को गिरफ्तार किया है. रिश्वत की राशि पालनहार योजना में विधवा को उसके तीन संतानों के भरण-पोषण के लिए दी जाने वाली 2 साल की सहायता राशि के बदले में मांगी गई थी.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि प्रतापगढ़ के मनोरगढ़ झांपा निवासी गणेश पुत्र स्व. जीवाजी निनामा ने एसीबी में शिकायत दी है. इसमें बताया कि प्रार्थी माता नवलीबाई विधवा है और परिवादी तीन भाई बहन है. तीनों के भरण-पोषण के लिए राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली पालनहार योजना के अंतर्गत सभी बच्चों को हर महीने एक हजार-एक हजार रुपए की राशि दी जाती है.
उसके हिसाब से 3 बच्चे के एक साल का 36 हजार रुपए और 2 साल के कुल 72 हजार रुपए स्वीकृत कराना बकाया था. इसके बारे में परिवादी गणेश ने गांव के शिक्षक मोहन से मिला, मोहन ने परिवादी को बताया कि तुम्हारे 2 साल के पैसे आ गए हैं. अपना छात्र प्रमाण पत्र ऑनलाइन करवा लो. इस पर परिवादी ने अपने और अपने भाई-बहनों का छात्र प्रमाण पत्र ऑनलाइन करवा कर मां नवलीबाई के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग प्रतापगढ़ के कनिष्ठ सहायक राहुल लबाना के पास गए.
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यहां आरोपित ने 15 हजार रुपए रिश्वत के मांगे. बात करने पर राहुल ने 10 हजार रुपए देने की बात कही, जिस पर गणेश ने हामी भर दी और 17 सितंबर को ब्यूरो कार्यालय चित्तौड़गढ़ रिश्वत मांगने की शिकायत दी, जिसका एसीबी ने सत्यापन करवाया. बाद में गणेश आरोपी राहुल लबाना से फिर एक बार मिला और 8500 लेने की बात कही, जिस पर वह मान गया. 21 सितंबर को परिवादी गणेश कार्रवाई के लिए ब्यूरो ऑफिस प्रतापगढ़ में आया और 21 सितंबर को ही ट्रैप की कार्रवाई की गई.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, प्रतापगढ़ के कनिष्ठ सहायक राहुल लबाना को परिवादी गणेश से पालनहार योजना के अंतर्गत मिलने वाली बकाया सहायता राशि को पास करवाने के बदले में 7 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. इससे एसीबी पूछताछ में जुटी हुई है.