चित्तौड़गढ़. जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन के बाद रविवार शाम एक बच्चे की मौत को लेकर काफी हंगामा खड़ा हो गया. परिजनों के साथ समुदाय विशेष के सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंच गए. हालात संभालने के लिए पुलिस उपाधीक्षक बुधराज टाक के साथ कोतवाली और सदर थाने से जाब्ता मौके पर पहुंचा. ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ही मामला शांत हुआ.
दरअसल, बस्सी के निवासी जहीर हुसैन के 9 वर्षीय पुत्र मोहम्मद हुसैन को अपेंडिक्स की शिकायत थी. परिजनों के अनुसार उसे 7 जुलाई को सर्जन पीएमओ डॉ दिनेश वैष्णव को दिखाया गया और उसके अगले दिन ही बच्चे को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. रविवार सुबह पीएमओ डॉ वैष्णव ने उसका ऑपरेशन किया लेकिन शाम होते-होते उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसके बाद उसे गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में ले जाया गया जहां पर उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद परिवार के लोगों को आईसीयू से बाहर निकाल दिया गया. ऐसा होता देख परिजनों को आशंका हुई और उन्होंने अपने नाते रिश्तेदारों को अस्पताल बुला लिया.
इसी बीच बस्सी के साथ साथ चित्तौड़गढ़ से भी लोग वहां (अस्पताल) पहुंच गए. मृतक अपने परिवार का इकलौता वारिस था. मौके पर हालात बिगड़ता देख अस्पताल ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी हरेंद्र सिंह सौदा, कोतवाली थाना प्रभारी विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे. वहां की हालत देख उन्होंने पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता मंगवा लिया. परिजनों की मांग थी कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई किया जाए. देर रात करीब 12:00 बजे परिजनों की मांग पर पुलिस ने पीएमओ के खिलाफ रिपोर्ट लेने पर सहमति जताई और हाथों हाथ रिपोर्ट दी गई. इसके बाद ही लोग वहां से रवाना हुए,
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फिलहाल आईसीयू के बाहर पुलिस जाब्ता तैनात रखा गया. बताया गया है कि आज सोमवार सुबह शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा. उसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी. इस मामले पर पीएमओ डॉ दिनेश वैष्णव से भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका मोबाइल बंद पाया गया. इस घटनाक्रम के बाद मृतक की मां की हालत बिगड़ गई. मौत के बाद भी उसे सुध बुध नहीं थी और अपने बच्चे को देखने की जिद पर अड़ी थी. जबकि परिवार के अन्य लोगों में रोना-धोना मचा था.
मृतक के मामा रमजान खान के अनुसार अपेंडिक्स की शिकायत पर उसे 7 जुलाई को डॉक्टर को दिखाया गया था और 8 जुलाई को भर्ती करा दिया गया था. जुलाई 9 की सुबह मोहम्मद हुसैन खुद अपने पैरों पर चलकर ऑपरेशन थिएटर गया था. अपेंडिक्स ऑपरेशन एक सामान्य ऑपरेशन है. इसके बावजूद डॉक्टर की लापरवाही से उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई. हम न्याय चाहते हैं. इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए.