चित्तौड़गढ़. एक व्यक्ति ने घर पर ही फर्जी परिवहन कार्यालय खोल कर करीब 6-7 हजार फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिए. यह आरोपी फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी जारी करने का फर्जीवाड़ा कर रहा था. जिले की मंगलवाड़ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी सहित इसके एक एजेंट को गिरफ्तार किया है.
आरोपी 8 साल से इस काम में लिप्त होकर 18 राज्यों के फर्जी लाइसेंस जारी कर चुका है. मंगलवाड़ थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने रविवार शाम चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर इस गिरोह का खुलासा किया. पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि मंगलवाड़ थानाधिकारी विक्रमसिंह को जानकारी मिली कि कुछ ट्रक चालक बिना किसी कारण रोजाना ट्रक हाईवे पर खड़ा कर कस्बे में आते-जाते हैं और होटलों पर संपर्क करते हैं.
जानकारी करने से पता चला कि मंगलवाड़ चौराहा पर देवेंद्र दास उर्फ देवराज अवैध तरीके से सभी राज्यों के ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी टोल पर्ची जारी करता है. साथ ही कुछ अन्य फर्जी दस्तावेज भी तैयार करता है. मुखबिर की सूचना से वारदात की पुष्टि के लिए डिकोय ऑपरेशन के तहत बोगस ग्राहक भेज कर लाइसेंस बनवाया गया. इसके बाद पुलिस ने देवेंद्र दास के मकान पर दबिश दी.
मकान की तलाशी लेने पर उसके घर से कुछ फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, बड़ी संख्या में बनाए गए फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो प्रतियां, टोल नाकों की पर्चियां प्राप्त हुई. मौके से चिप लगे खाली ड्राइविंग लाइसेंस के करीब 200 कार्ड बरामद हुए. बिना चिप लगे और कार्ड बरामद किए गए. पुलिस ने मौके से फर्जी दस्तावेज बनाने के काम में आने वाले लैपटॉप प्रिंटर सहित कई उपकरण बरामद किए हैं.
पुलिस ने इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर देवेंद्र पुत्र अर्जुन दास बैरागी और उसके साथी देसी पुत्र दिनेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अनुसंधान भादसोड़ा थानाधिकारी भवानी शंकर कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस कारोबार में जुड़े अन्य व्यक्तियों के बारे में बताया लगाया जा रहा है अन्य आरोपियों को भी नामजद किया जा कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
7 साल में 18 राज्यों के जारी कर दिए ड्राइविंग लाइसेंस
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में इन्होंने 6 से 7 हजार ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने की बात सामने आई है. उन्होंने ज्यादातर ड्राइविंग लाइसेंस पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, जम्मू कश्मीर, गुजरात सहित कई राज्यों के बनाए हुए हैं.
मंगलवाड़ कस्बा नेशनल हाईवे पर स्थित होने से संपूर्ण भारत के वाहन से गुजरते हैं. ऐसे में कई राज्यों के चालक संपर्क में थे और आवश्यकता पड़ने पर आरोपित फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस 15 से 20 मिनट में ही जारी कर देता था.
इसके अलावा देश के विभिन्न कोनों में स्थित टोल प्लाजा की फर्जी टोल पर्ची भी निकाल कर जारी करता था. इतना ही नहीं आरोपी ने पुलिस का लोगो लगा कर सीएलजी सदस्यों के कार्ड भी बनाए थे.
एसएचओ और पुलिसकर्मियों के भी बना दिए फर्जी लाइसेंस
पुलिस ने आरोपित देवेंद्र के पास बोगस ग्राहक बना कर भेजा. तस्दीक होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पूछताछ के दौरान इसने थानाधिकारी सहित कई पुलिसकर्मियों के ही फर्जी लाइसेंस बना दिये थे. पुलिसकर्मी भी इसके कारनामे को देख कर सकते में आ गई.