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नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी दोषी करार, 5 साल के कारावास की सजा

चित्तौड़गढ़ के कपासन थाना क्षेत्र में गत वर्ष सामने आए एक नाबालिग से रेप के प्रयास के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है.

5 year prison to accused who attempt to rape minor
नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी दोषी करार, कठोर कारावास और जुर्माना सुनाया
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Published : Jul 1, 2023, 4:20 PM IST

चित्तौड़गढ़. नाबालिग से दुष्कर्म की कोशिश के एक मामले में पॉक्सो कोर्ट ने शनिवार को अपने फैसले में आरोपी को दोषी ठहराया और उसे 5 साल की कारावास तथा जुर्माने से दंडित किया.

मामला गत वर्ष कपासन थाना इलाके में सामने आया था. विशेष लोक अभियोजक शोभा लाल जाट ने बताया कि एक महिला ने गत वर्ष पुलिस थाने में एक रिपोर्ट दी, जिसमें बताया गया कि वह अपने मकान में खाना बना रही थी. इस दरमियान अचानक उसका पौत्र उसके पास पहुंचा और बताया कि प्रहलाद पुत्र प्यारा कीर उसकी बहन को अपने साथ ले गया. यह सुनकर वह घबरा गई और तत्काल ही प्रहलाद के घर चली गई. कमरा अंदर से बंद था. जब उसके घर पहुंची, तो उसे उसकी 7 वर्ष की पौत्री के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा, जब उसने आवाज लगाई तो प्रहलाद छुप गया और उसकी पौत्री ने दरवाजा खोला.

पढ़ें: राजस्थान में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, मां-बाप और भाई के सामने दो सगी बहनों से किया था रेप

उसने अपने साथ हुए घटनाक्रम से अवगत कराया, तो वह सन्न रह गई. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए प्रह्लाद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया तथा कोर्ट में चालान पेश किया. लोक अभियोजक के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के पक्ष में 10 गवाह और 17 दस्तावेज पेश किए गए. दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के पीठासीन अधिकारी ने अपने निर्णय में आरोपी को दोषी ठहराया और पॉक्सो अधिनियम की धारा 7/8 के अंतर्गत 5 साल का कठोर कारावास और 10000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.

चित्तौड़गढ़. नाबालिग से दुष्कर्म की कोशिश के एक मामले में पॉक्सो कोर्ट ने शनिवार को अपने फैसले में आरोपी को दोषी ठहराया और उसे 5 साल की कारावास तथा जुर्माने से दंडित किया.

मामला गत वर्ष कपासन थाना इलाके में सामने आया था. विशेष लोक अभियोजक शोभा लाल जाट ने बताया कि एक महिला ने गत वर्ष पुलिस थाने में एक रिपोर्ट दी, जिसमें बताया गया कि वह अपने मकान में खाना बना रही थी. इस दरमियान अचानक उसका पौत्र उसके पास पहुंचा और बताया कि प्रहलाद पुत्र प्यारा कीर उसकी बहन को अपने साथ ले गया. यह सुनकर वह घबरा गई और तत्काल ही प्रहलाद के घर चली गई. कमरा अंदर से बंद था. जब उसके घर पहुंची, तो उसे उसकी 7 वर्ष की पौत्री के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा, जब उसने आवाज लगाई तो प्रहलाद छुप गया और उसकी पौत्री ने दरवाजा खोला.

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उसने अपने साथ हुए घटनाक्रम से अवगत कराया, तो वह सन्न रह गई. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए प्रह्लाद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया तथा कोर्ट में चालान पेश किया. लोक अभियोजक के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के पक्ष में 10 गवाह और 17 दस्तावेज पेश किए गए. दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के पीठासीन अधिकारी ने अपने निर्णय में आरोपी को दोषी ठहराया और पॉक्सो अधिनियम की धारा 7/8 के अंतर्गत 5 साल का कठोर कारावास और 10000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.

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